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विदेशी कंपनियों द्वारा पानी की लूट

कुछ विदेशी कंपनियां जो पेय उत्पादों व् फास्ट फ़ूड का निर्माण कर रही जो भारत में पानी की कमी की वजह बनती जा रही है ये सभी कंपनियां विश्व भर में 576 बिलियन लीटर पानी का दोहन कर रही है ये इतना पानी है की इससे पूरे विशव की प्यास बुजाई जा सकती है .

देखिये कैसे
1. कोका कला की 1 लीटर बोतल को बनाने में 9 लीटर शुद्ध जल की आवश्यकता पड़ती है
2. नेस्ले को एक उत्पाद बनाने में 4 लीटर पानी की आवश्यकता पड़ती है
3. ऐसी बीसियों विदेशी कंपनिया है भारत में जो आदमी को तो बीमार कर ही रही है जबकी हमारे पानी जैसे रास्ट्रीय धरोहर को भी खत्म कर रही है. जिस देश में महिलाये 2 से 3 किलोमीटर चल कर पानी लाती हो उस देश में ऐसी कंपनियों के क्या आवश्यकता है
4.जिन इलाको में इन कंपनियां के प्लांट है. वहां भूजल स्तर में भारी कमी आई है तथा गरीब किसानो को खेती करने का पानी नहीं मिल रहा है और किसानो को सुखा झेलने के लिए मजबूर किया जा रहा है
धयान रहे . ये सभी कंपनियां गैर जरूरी फास्ट फ़ूड और पेय उत्पाद बना रही है जिनको खाना हम आसानी से से छोड़ सकते हैं 70% किसानो के लिए हम इतना तो कर ही सकते हैं .क्या पता आज किसानो को पानी नहीं मिल रहा है कल शायद आपकी बारी हो !”

जिस देश में 65 करोड़ लोगों को पीने को पानी नही मिलता और कोका कोला- पेप्सी जैसे जहर 60 रूपये लिटर बिकता है।
इसे आप क्या कहेगें सरकार की विफलता या विदेशी कंपनी की सफलता ??
यही तो वो चाहते हैं हम भारतवासी और बाकी विकासशील देश भिखारी बनें, भूखे -प्यासे मरें और वो मज़े से भोग -विलास मे डूबे रहें कोई उनके आराम में खलल ना दे !
वो हमें जहर बेचें 60 रु ली. और मुनाफा कमा के ले जाएँ और हम बाद में उनसे (वर्ल्ड बैंक) भीख मांगें हमें पैसे दे दो सड़क बनानी है !