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संदेशखाली घटना के विरोध में उतरी मध्यप्रदेश की महिलाएं

भोपाल। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहाँ और उसके गुर्गों द्वारा किए गए पैशाचिक और अमानवीय कृत्यों से समूचे देश में रोष व्याप्त है तथा इस घटनाक्रम से समाज उद्वेलित है। इस अमानवीय कृत्य के विरोध में आज मध्यभारत के १६ जिलों में जिला मुख्यालयों पर संदेशखाली के अपराधियों पर कठोर कार्यवाही की मांग को लेकर महिलाओं द्वारा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

इस अवसर पर राजधानी भोपाल के न्यूमार्केट स्थित रौशनपुरा चौराहे पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने एकत्र होकर घटना पर आक्रोश जताया। आरोपियों के विरोध में महिलाओं द्वारा रौशनपुरा चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया गया एवं उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। जनजातीय समाज की महिलाओं पर जारी अत्याचार और उत्पीड़न के विरोध में पद्मश्री चित्रकार दुर्गाबाई ने इसे समाज पर कुठाराघात बतलाया। वहीँ शशि ठाकुर जी ने घटनाक्रम पर बोलते हुए कहा की यह बड़ा शर्मनाक है की एक महिला मुख्यमंत्री के राज्य में ही महिलाऐं सुरक्षित नहीं हैं।

उन्होंने शेख शाहजहाँ की गिरफ़्तारी को आवश्यक बताया तथा पीड़ित महिलाओं के साथ खड़े होने की बात कही। उनके साथ ही समाज की कई अन्य प्रबुद्ध महिलाओं ने भी इस घटना की निंदा की जिसके पश्चात् हाथों में तख्तियां लेकर मातृशक्ति द्वारा सैकड़ों की संख्या पैदल मार्च करते हुए राजभवन पहुंचकर माननीय राज्यपाल मंगूभाई पटेल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया और आरोपियों पर कठोर कार्यवाही की मांग की गई। इस अवसर पर संदेशखाली में हुए महिला शोषण के विरुद्ध एक निंदा प्रस्ताव भी रखा गया।

संदेशखाली में महिलाओं के शोषण के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के शोषण और अमानवीय अत्याचारों के विरुद्ध कड़ी निंदा करते हैं एवं आक्रोश प्रकट करते हैं। शासन से इसके विरुदध कड़े कदम उठाने की मांग करते हैं ताकि महिलाओं की अस्मिता सुरक्षित रह सके। पश्चिम बंगाल में महिला उत्पीड़न की बिडम्बना अत्यंत खेदजनक एवं मानवता को शर्मसार कर देने वाली है यह गंभीर विषय है दुर्भाग्य से बंगाल की मुख्‍यमंत्री महिला होने के बाद भी महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अत्याचारों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। जननी जन्मभूमि और जगत जननी ऐसी विचारों का विश्व में प्रतिस्थापना करने वाले शोनार बांग्ला में निरीह निरपराध महिलाओं का शोषण और दर्दनाक उत्पीड़न सर्वथा निंदनीय है।

पिछले कुछ वर्षों से 24 परगना जिले के इस सीमावर्ती क्षेत्र में सामाजिक तानाबाना छिन्‍न-भिन्‍न होता दिखाई दे रहा है अराजकता का माहौल, असामाजिक तत्वों की सक्रियता अवैध घुसपैठ जनसंख्या को असंतुलन का प्रयास राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अतीव घातक है। उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, इन सभी कानून व्यवस्था को बहाल करने वाली संस्थाओं द्वारा कड़े शब्दों में लताड़े जाने के बाद भी राज्य सरकार की ओर से कोई कार्यवाही नहीं होना और अपराधियों को पकड़ने का प्रयास भी न करना बल्कि पूरे मामले को सांप्रदायिकता का रंग देना राज्य सरकार की पक्षपातपूर्ण हीन मानसिकता को दर्शाता है राज्य प्रशासन महिलों की रक्षा करने और उन्हे न्याय दिलाने में असफल रहा है। महिलाओं का बर्बर बलात्कार और उनका निकृष्ट यौन शोषण करने का अरोपी शाहजहाँ शेख जैसे अपराधियों को राज्य सरकार का प्राश्रय मिल रहा प्रतीत होता है।

सभ्य समाज का मस्तक लज्जा से झुका देने वाली ऐसी स्थिति का समस्त महिला समाज पश्चिम बंगाल सरकार की आक्रोशपूर्वक कड़ी निंदा करता है उन पीड़ित महिलाओं के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार पुलिस एवं जांच एजेंसियों से निवेदन करता है, की अपराधियों को कठोर दंड दिया जाए, साथ ही पीड़ित महिलाओं की शारीरिक मानसिक उपचार के साथ उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। अमानवीय अत्याचार की भोग बनी अपनी पीड़ित भगनियों के कष्टों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए समाज की बहने उन्हें आश्वासन देना चाहती हैं हम आपके साथ हैं। अन्याय के प्रति निडर होकर आवाज उठाने के आपके साहस पर हमे आप पर अभिमान है। हम आपकी यथा संभव सहायता करने को तत्पर हैं।