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चीते को बचाने के लिे रेल्वे की पहल, क्या गाय को बचाने की पहल होगी?

जयपुर। लुप्त होते टाइगर तथा अन्य वन्य जीवों को बचाने का संदेश देने के लिए रेलवे ने अनूठी योजना बनाई है। राजस्थान में सवाई माधोपुर, भरतपुर और कोटा से गुजरने वाली गाड़ियों के डिब्बों पर रणथम्भौर के बाघों तथा भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में आने वाले प्रवासी पक्षियों के फोटो उकेरे (पेंट) जाएंगे। साथ ही इन स्टेशनों पर वन्य जीव संरक्षण से संबंधी नारे व चित्र भी पेंट किए जाएंगे। रेलवे यह काम वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड से मिले प्रस्ताव पर करेगा।

प्रस्ताव में वन्य जीव संरक्षण और वनों के बचाने के लिए इस तरह की पहल करने की बात कही गई है। रेलवे सूत्रों का कहना है कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु इस बारे में वन्य जीव विशेषज्ञों से चर्चा कर चुके हैं।

राजस्थान मेें सवाई माधोपुर दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रेक का प्रमुख स्टेशन है। इसके अलावा कोटा भी इसी ट्रेक पर पड़ता है।

भरतपुर को केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की वजह से चुना गया है। राजस्थान में यह काम किए जाने के बाद देश के अन्य भागों में भी जहां अभयारण्य और वन क्षेत्र अधिक हैं, वहां इस तरह के प्रयोग किए जाएंगे।

इस देश में प्रतिदिन लाखों गौ वंश का कत्ल किया जा रहा है क्या रेल्वे, भारत सरकार और बाघ को बचाने में लगे संगठन भारतीय कृषि का आधार और दूध देने वाले गौवंश को बचाने के लिए कुछ करेंगे?