भारतीय स्टेट बैंक ने अपने होम लोन ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है। बैंक ने कहा है कि अगर बिल्डर अपने प्रोजेक्ट को तय समय में पूरा नहीं करेंगे तो बैंक पूरी राशि का भुगतान वापस अपने ग्राहकों को करेगी। हालांकि बैंक ग्राहकों को केवल मूल रकम वापस करेगी। इस स्कीम में ब्याज का भुगतान नहीं किया जाएगा।
बैंक ने ‘रेसिडेंशियल बिल्डर फाइनेंस विद बायर गारंटी स्कीम’ लॉन्च की है। इस स्कीम का फायदा ऐसे ग्राहकों को मिलेगा जिनके फ्लैट या फिर घर की कीमत अधिकतम 2.5 करोड़ रुपये है। बिल्डर्स को भी एसबीआई ने अपने प्रोजेक्ट का फाइनेंस कराना होगा। बैंक ऐसे प्रोजेक्ट में कुल 50 से 400 करोड़ रुपये का लोन बिल्डर्स को फाइनेंस करेंगे।
बिल्डर्स, बायर्स दोनों को होगा फायदा
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, “इस स्कीम को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इससे बिल्डर्स और होमबायर्स दोनों को फायदा हो।” उन्होंने कहा कि रेरा, जीएसटी और नोटबंदी के बाद रियल एस्टेट की हालत खराब हो गई है। इस स्कीम से यह पक्का होगा कि ग्राहकों का पैसा ना फंसे।
एसबीआई ने एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड रेट ( EBR ) में कटौती की है। कटौती के बाद यह 8.05 फीसदी से घटकर 7.80 फीसदी पर आ गई है। इसमें 25 बीपीएस की की कमी आई है। नई दरें एक जनवरी 2020 से लागू हो रही हैं। एसबीआई ने एमएसएमई , हाउसिंग और रिटेल लोन के सभी फ्लोटिंग रेट लोन को ईबीआर से जोड़ने का फैसला किया है। इससे ग्राहकों को काफी फायदा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी होम लोन की ईएमआई में कमी आएगी। होम लोन लेने पर अब ब्याज दर सालाना 7.90 फीसदी से शुरू होगी। पहले यह दर 8.15 फीसदी थी।
इससे पहले भी दिसंबर में भारतीय स्टेट बैंक ग्राहकों को बड़ा तोहफा दे चुका है। इसी महीने एसबीआई ने एक साल के मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 10 बीपीएस की कटौती थी। जिसके बाद यह दर आठ फीसदी से कम होकर 7.90 फीसदी हो गई है। नई दरें 10 दिसंबर 2019 से लागू हुई थीं। इसके साथ ही नवंबर माह में भी एसबीआई ने एमसीएलआर में बदलाव किया था। तब एसबीआई ने एक साल के एमसीएलआर में पांच बीपीएस की कटौती की थी। जिसके बाद यह दर 8.05 फीसदी से कम होकर आठ फीसदी हो गई थी।