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सरकारी संस्थान में संस्कृत पत्रकारिता पर कैंची चली

देश के प्रतिष्ठित मीडिया शिक्षण संस्थान ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन’ (IIMC) से संस्कृत में पत्रकारिता की पढ़ाई की इच्छा रखने वालों के लिए बुरी खबर है। दरअसल, यहां चल रहे संस्कृत पत्रकारिता के तीन महीने के एडवांस सर्टिफिकेट कोर्स पर कैंची चल गई है। इस कोर्स को पिछले साल ही श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ और आईआईएमसी के संयुक्त तत्वावधान में काफी धूमधाम से शुरू किया गया था।

बताया जाता है कि आईआईएमसी के महानिदेशक पद से केजी सुरेश के हटने के कुछ समय बाद ही संस्थान ने मानव संसाधन मंत्रालय के तहत चल रहे इस कोर्स से अपने हाथ पीछे खींच लिए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आईआईएमसी के अधिकारियों ने बताया है कि पहले बैच के 15 छात्रों में से 12 ने सफलतापूर्वक यह कोर्स पूरा कर लिया है और इनमें से कुछ ऑल इंडिया रेडियो जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम कर रहे हैं। जब यह कोर्स लॉन्च हुआ था, उस समय तत्कालीन महानिदेशक केजी सुरेश ने कहा था, ‘संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए यह कोर्स शुरू किया जा रहा है। संस्थान में इससे पहले भी उर्दू, मलयालम, मराठी और उड़िया भाषा में पत्रकारिता पाठ्यक्रम हैं।’

इस बारे में श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ की प्रोफेसर कमला भारद्वाज का कहना है, कोर्स की वर्तमान स्थिति के बारे में आईआईएमसी की ओर से किसी तरह की सूचना नहीं दी गई है। हम अपना काम कर रहे हैं, क्योंकि यह एक अच्छा प्रयोग है। हमने आईआईएमसी के साथ एक एमओयू पर साइन किए थे और इस कोर्स को इस तरह बंद नहीं किया जा सकता है। मुझे उम्मीद है कि वे ऐसा नहीं करेंगे और हम आईआईएमसी के नए महानिदेशक से इस बारे में बात करेंगे।’

साभारः https://www.samachar4media.com से