Saturday, November 30, 2024
spot_img
Home Blog Page 1816

तिरंगा फहराने पर कश्मीरी छात्र भड़के

कश्मीर यूनिवर्सिटी में क्या तिरंगा फहराना मना है? यह सवाल इसलिए खड़ा हुआ है क्योंकि कश्मीर यूनिवर्सिटी के कुछ स्टूडेंट को यह बात नागवार गुजरी की एक फिल्म की शूटिंग के दौरान प्रतीकात्मक रूप से यूनिवर्सिटी कैंपस में तिरंगा फहराया गया।

छात्रों ने फिल्म के कलाकारों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और शूटिंग को रोकने की कोशिश करने लगे। देखते ही देखते माहौल इतना खराब हो गया कि फिल्म यूनिट को पैक अप कर वहां से जाना पड़ा।

फिल्मकार विशाल भारद्वाज की फिल्म 'हैदर' की शूटिंग रविवार को श्रीनगर के हजरतबल स्थित कश्मीर यूनिवर्सिटी के कैंपस में की जा रही थी। इसके लिए यूनिवर्सिटी कैंपस के तहत नसीम बाग इलाके में फिल्म का सेट लगाया गया। इसमें एक बंकर बनाया गया और उसके ऊपर तिरंगा फहराया गया। फिल्म के इस दृश्य में फिदायीन हमले का संदर्भ बताया जा रहा है। लेकिन इसी दौरान कुछ छात्र वहां इकट्ठा होने लगे और वे आपस में तिरंगे को लेकर बातें करने लगे। देखते ही देखते हॉस्टल के करीब 50 छात्र वहां इकट्ठा हो गए। इनमें से कुछ छात्रों ने शूटिंग की देखरेख कर रहे मैनेजरों को कुछ छात्रों ने तिरंगा उतारने और कैंपस में कुछ भी आपत्तिजनक (भारत विरोधी तत्वों के नजरिए से) शूट करने से मना कर दिया।

धीरे-धीरे छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया और शूटिंग रोकने की कोशिश की। मौके पर मौजूद पुलिस वालों ने छात्रों को ऐसा करने से रोका और कुछ को हिरासत में भी लिया। जब दबाव में आकर शूटिंग यूनिट ने तिरंगा उतारना शुरू किया तो वहां मौजूद छात्रों ने अभिनेता इरफान खान द्वारा सेट पर सिगरेट पिए जाने को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। थोड़ी देर बाद लोगों ने भारत विरोधी और कश्मीर की आज़ादी के नारे लगाने लगे। इससे परेशान शूटिंग यूनिट ने अपना तामझाम बटोरा और वहां से चले गए।

 

.

नरेंद्र मोदी के खिलाफ दायर याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने उस जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया जिसमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर 2012 के विधानसभा चुनाव में व्यक्तिगत विवरण को लेकर अपूर्ण शपथ पत्र दाखिल करने का आरोप लगाया गया था।

गौरतलब है कि यह याचिका कोलकाता के सुनील सरावगी ने दायर की थी। सरावगी ने याचिका में कहा है कि नरेंद्र मोदी ने 2012 के विधानसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करते समय हलफनामे में अपनी पत्नी जशोदाबेन की डीटेल्स नहीं दी थीं।

 

.

मोदी की बढ़ती लोकप्रयता से नवाज़ शरीफ ने बोली बदली

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ वार्ता ने भाजपा के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की ओर चल रही हवा का रुख भांपते हुए कहा है कि अब दोनों देशों के बीच ठोस बातचीत नई सरकार से ही होगी। वाजपेयी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि अपने पूर्व प्रधानमंत्री से सीख लेकर आने वाली भारत की नई सरकार को वार्ता का रास्ता साफ करना चाहिए।

शरीफ के मुताबिक दोनों देशों को वार्ता की मेज पर आकर कश्मीर समेत सभी विवादित मुद्दे हल करने चाहिए। शरीफ ने पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सही मायने में राजनेता बताया और कहा कि भारत में 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद आने वाली नई सरकार के साथ ही बातचीत संभव हो सकेगी। उन्होंने 1999 में दोनों देशों के मजबूत रिश्तों के लिए जो नींव डाली थी, हमें उस पर ही आगे बढ़ना चाहिए।

गौरतलब है कि इससे पहले पाक प्रधानमंत्री के विदेश नीति सलाहकार सरताज अजीज ने भी कहा था कि हमें नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करने में कोई परहेज नहीं है।

शरीफ ने कहा कि वाजपेयी साहब ने एक साल में सभी मुद्दों के निपटारे का एजेंडा बनाया था। उन्होंने कहा कि भारत में आम चुनाव के माहौल के बीच बहुत कुछ पाकिस्तान के खिलाफ बोला जा रहा है। लेनिक हमें इन चीजों से परे होकर सोचना चाहिए। उन्होंने मनमोहन सिंह के साथ हुई मुलाकात को सद्भावनापूर्ण बताया। भारत से दोस्ताना संबंध हमारी पार्टी पीएमएल-एन का एजेंडा है। हाल ही में एलओसी पर हुआ युद्धविराम उल्लंघन न तो इस्लामाबाद न ही नई दिल्ली के हित में है।

नवाज के अनुसार हम अपने चुनाव में जनता के पास भारत से बेहतर संबंध का मुद्दा लेकर गए थे। उन्होंने हमें सत्ता सौंपी। अब जनता की चाहत यही है कि दोनों देश बेहतर संबंध बनाएं। हमें अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए।

 

.

दूसरों का स्टिंग करने वाले तरुण तेजपाल खुद फँसे

अपनी बेटी की उम्र की पत्रकार के यौन उत्पीड़न के आरोप में घिरे 'तहलका' पत्रिका के प्रमुख संपादक तरुण तेजपाल प्रायश्चित स्वरूप खुद ही 6 महीने की छुट्टी पर चले गए हैं। संस्थान से खुद को अलग करने की सूचना तेजपाल ने ई-मेल के जरिए तहलका की प्रबंध संपादक शोमा चटर्जी को दे दी है। शोमा ने तेजपाल के इस तरह संस्थान से हटने के बारे में अधिक बात न करते हुए कहा कि यह हमारा आंतरिक मामला है। वहीं, तेजपाल के इस प्रायश्चित पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

क्या लिखा है पत्र में..

पत्र में तेजपाल ने कहा कि पिछले कुछ दिन बहुत परीक्षा वाले रहे और मैं पूरी तरह इसकी जिम्मेदारी लेता हूं। एक गलत तरह से लिए फैसले, परिस्थिति को खराब तरह से लेने के चलते एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई जो उन सभी चीजों के खिलाफ है जिनमें हम विश्वास करते हैं और जिनके लिए संघर्ष करते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने संबंधित पत्रकार से अपने दु‌र्व्यवहार के लिए पहले ही बिना शर्त माफी मांग ली है लेकिन मैं महसूस कर रहा हूं कि और प्रायश्चित की जरूरत है। तहलका के संस्थापक सदस्य तेजपाल ने अपने पत्र में लिखा है, क्योंकि इसमें तहलका का नाम जुड़ा है और एक उत्कृष्ट परंपरा की बात है, इसलिए मैं महसूस करता हूं कि केवल शब्दों से प्रायश्चित नहीं होगा। मुझे ऐसा प्रायश्चित करना चाहिए जो मुझे सबक दे। इसलिए मैं तहलका के संपादक पद से और तहलका के दफ्तर से अगले छह महीने के लिए खुद को दूर करने की पेशकश कर रहा हूं।

दो बार हुआ यौन उत्पीड़न!

मीडिया में जो खबरें छनकर आ रही हैं, उसके अनुसार पीड़ित लड़की बहुत कम उम्र की है और घटना के बाद से ही सदमे में है। पीड़िता के साथ दो बार यौन उत्पीड़न हुआ और यह तब हुआ जब 'थिंक इवेंट' चल रहा था।

पीड़िता तरुण की बेटी की उम्र की है। उसने यौन उत्पीड़न की शिकायत ई-मेल के जरिए की है। इस बारे में उसने तरुण की बेटी को भी बताया। पीड़ित लड़की के पिता भी तरुण के दोस्त हैं।

कपड़े फाड़ दिए और उससे भी आगे बढ़ गए..

बताया जा रहा है कि यह घटना पिछले सप्ताह गोवा में 'थिंक इवेंट' के दौरान घटी। नशे की हालत में तरुण ने इस लड़की का यौन उत्पीड़न किया। उन्होंने उसके कपड़े फाड़ दिए और उससे भी आगे बढ़ गए..।

लड़की ने अपनी शिकायत में लिखा कि मैं उनकी बहुत इज्जत करती हूं। वे मेरे पिता के समान हैं। उन्होंने 2 बार मेरे साथ हरकत की और मैं रोते हुए अपने कमरे में आई। मैंने अपने साथ हुई हरकत के बारे में पत्रिका के तीन सहयोगियों को बताया।

लड़की ने लिखा कि जब मैंने अपने साथ हुई शर्मनाक घटना के बारे में तरुण की बेटी को बताया तो तरुण काफी नाराज हो गए.. मैं डर गई थी..।

मेल से दी सूचना

शोमा चौधरी ने तहलका के अन्य कर्मियों को एक मेल भेजकर घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'यह आपमें से कई लोगों के लिए अजीब हैरानी की बात हो सकती है। एक अप्रिय घटना घटी और तरुण तेजपाल ने इस मामले में शामिल अपनी सहयोगी से बिना शर्त माफी मांगी है। वह अगले 6 महीने के लिए तहलका के संपादक पद से अलग रहेंगे।'

सोशल साइट्सों में हुई थू-थू

मीडिया जगत में तरुण तेजपाल का नाम काफी पुराना है और तहलका जैसे संस्थान में रहकर उन्होंने कई सनसनीखेज प्रकरण उजागर किए हैं। उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद सोशल साइट्सों पर टिप्पणियों की बाढ़ सी आ गई है और मीडिया में भी सवाल खड़ा हो रहा है कि यह मामला पुलिस में क्यों नहीं जा रहा है? क्या इस खुलासे के बाद पुलिस खुद संज्ञान ले सकती है? खुद ही जज बनकर प्रायश्चित करने का यह फैसला कितना उचित है? फेसबुक पर आए कुछ कमेंट इस प्रकार है:

वैशाली वैद्य: डरावने गंदे लोग और उनकी गंदी सोच

रिसू रुंगटा: मारो इनको

राघवेंद्र नारायण: ये लो भईया तहलका के संपादक तरुण तेजपाल ने अपनी बेटी की दोस्त का दो बार .. करके तहलका मचाया और अब खुद जज बनके खुद को सजा दे डाली सजा क्या दी खुद को 6 महीने तक संपादिकी नहीं करेंगे ये महाशय ऐसी सजा तो हर .. चाहेगा।

टाइमलाइन फोटो: तहलका के संचालक तरुण तेजपाल जो बड़ा तहलका मचाते हैं, अपनी खबरों से आज उनकी एक खबर.. तहलका मचा रही है..

अपनी बेटी की उम्र की पत्रकार के यौन उत्पीड़न के आरोप में घिरे 'तहलका' पत्रिका के प्रमुख संपादक तरुण तेजपाल प्रायश्चित स्वरूप खुद ही 6 महीने की छुट्टी पर चले गए हैं।�

गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि इस मामले में स्‍वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक गोवा पुलिस ने शहर के उस होटल से 'तहलका' के कार्यक्रम थिंक फेस्ट �के सीसीटीवी फुटेज मांगे हैं। पुलिस इस मामले में स्‍वत: संज्ञान लेते हुए शिकायत दर्ज करने पर विचार कर रही है। हालांकि पुलिस का कहना है कि उसे पीडिता की तरफ से औपचारिक शिकायत नहीं मिली है।�

बीजेपी ने 'तहलका' पर जोरदार हमला बोला है। पार्टी प्रवक्‍ता मीनाक्षी लेखी ने इस मामले को गंभीरता से लिए जाने की अपील करते हुए कहा है कि यह कार्यस्‍थल पर महिला के यौन उत्‍पीड़न का मामला है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि इस मामले में आरोपी को 'पेड हॉलीडे' पर भेजकर बचाने की कोशिश की जा रही है। बीजेपी नेता मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने शायरना अंदाज में टिप्‍पणी की, 'जमाना बड़े गौर से सुन रहा था, तुम्‍ही फंस गए दास्‍तां कहते कहते।'

सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने इस मसले पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्‍होंने ट्वीट किया है, 'संपादक ने लिखा है कि यह गलत फैसले का नतीजा है। ये गलत फैसला था या बच निकलने का भरोसा?' बेदी ने तेजपाल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उन्‍होंने कहा है कि पत्रिका की मैनेजिंग एडिटर को तेजपाल के खिलाफ मामला दर्ज कराना चाहिए। बेदी ने कहा, 'पीडित लड़की के मेल और आरोपी के कबूलनामे से साफ है कि एक यह गुनाह है। क्‍या ऐसे गुनाह को दबाया जा सकता है? यह मामला इस स्‍टेज में पहुंच गया है कि केस दर्ज हो।'

राष्‍ट्रीय महिला आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है। आयोग का कहना है कि यदि पीडित औपचारिक शिकायत दर्ज कराती है तो कार्रवाई की जाएगी। आयोग की सदस्‍य निर्मला सावंत ने कहा, 'हमें पीडिता की तरफ से लेटर की जरूरत है, हम उसे पूरा सहयोग करेंगे। उसकी पहचान गुप्‍त रखी जाएगी।' वहीं, वरिष्‍ठ पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन ने कहा है कि तेजपाल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। वरिष्‍ठ पत्रकार कमर वाहिद नकवी ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है, 'तरुण तेजपाल पर लगे यौन शोषण के आरोपों पर क़ानूनी प्रक्रिया को दरकिनार कैसे किया जा सकता है? क़ानूनी प्रक्रिया से मामले का निपटारा हो, यही सही रास्ता है।

'तहलका' की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी ने इस मसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है कि यह आतंरिक मामला है और संबंधित महिला पत्रकार प्रबंधन की कार्रवाई से संतुष्‍ट है।

पीडित महिला पत्रकार ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि इस मसले पर 'तहलका' के जवाब से वह बेहद दुखी है। उन्‍होंने कहा, 'यह दावा करना कि 'तहलका' में अन्‍य पत्रकार संतुष्‍ट हैं, गलत है। मेरा पक्ष भी 'तहलका' के कर्मचारियों के बीच सर्कुलेट नहीं किया गया है, केवल तरुण के 'प्रायश्चित' का लेटर ही सर्कुलेट किया गया है।'

जावेद अख्तर की प्रतिक्रिया कितनी शर्मनाक
मशहूर गीतकार जावेद अख्‍तर ने उनका बचाव किया है। जावेद ने ट्वीट किया, 'यह बेहद शर्म की बात है कि अच्‍छे मूल्‍यों वाले इस शख्‍स ने इस तरह का कृत्‍य किया है लेकिन उनके पास अपना गुनाह कबूल करने और अपने किए पर पछतावा करने का साहस भी है।' जावेद के इस ट्वीट पर लोगों की तीखी प्रतिक्रिया आ रही है।

पीड़ित पत्रकार तेजपाल और तहलका के कदम से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कमिटी बनाकर यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच की मांग की है। महिला संगठन और राष्ट्रीय महिला आयोग भी तेजपाल के 'खुद को सजा' देने के कदम से संतुष्ट नहीं हैं और उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग कर रही है।

हालांकि पीड़ित पत्रकार ने शोमा चौधरी के दावे का खंडन किया है। उन्होंने हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा कि वह तहलका की प्रतिक्रिया से निराश हैं। वह चाहती हैं कि तहलका को यौन शोषण के आरोप की जांच के लिए एक समिति बनानी चाहिए। पीड़ित महिला पत्रकार ने यौन दुर्व्यवहार की शिकायत करते हुए ईमेल में कहा है, 'तेजपाल ने जो किया है वह एक बुरा फैसला या परिस्थिति का ठीक से आकलन नहीं कर पाने का मामला नहीं है बल्क यौन दुर्व्यवहार का गंभीर मामला है। उन्होंने कहा, 'हाल में गोवा में संपन्न थिंक फेस्टिवल में तेजपाल में मेरे कपड़े उतारने और दो बार मुझे जबर्दस्ती सहलाने की कोशिश की।'

एनडीटीवी से बात करते हुए महिला पत्रकार के करीबी ने कहा, 'महिला पूरी तरह टूट चुकी हैं और भावनात्मक रूप से आहत हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'महिला के यह कहने के बावजूद कि वह उनकी बेटी की उम्र की है ये लगातार हुआ। वह कहती रहीं कि प्लीज़ ऐसा नहीं करो, लेकिन उनकी ना को नहीं माना गया। यह एक बार हुआ और अगले दिन फिर हुआ।'

.

तहलका की पत्रकार ने इस्तीफा दिया

तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पत्रकार ने मैगजीन से इस्तीफा दे दिया है। विभिन्न सूत्रों से आ रही खबरों के मुताबिक आरोप लगाने वाली पत्रकार ने कहा है कि संगठन ने उनका साथ नहीं दिया।

तहलका पत्रिका के संस्थापक-संपादक तरुण तेजपाल ने इस मामले में अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दी है। जस्टिस जीएस सिस्तानी की अदालत में यह अर्जी पेश की गई है। जानेमाने वकील केटीएस तुलसी और गीता लूथरा ने तरुण तेजपाल की तरफ से यह अर्जी पेश की है। मंगलवार को मामले की सुनवाई होगी।

तरुण तेजपाल पर उनकी पत्रिका में प्रधान संवाददाता के पद पर काम करने वाली एक महिला ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। पत्रिका की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी को लिखे एक ईमेल में आरोप लगाया था कि तरुण तेजपाल ने गोवा में आयोजित पत्रिका के एक कार्यक्रम के दौरान होटल में दो बार उनसे आपत्तिजनक हरकतें कीं। इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए गोवा पुलिस ने तरुण तेजपाल पर यौन शोषण और रेप की कोशिश का मामला दर्ज किया है।

.

तरुण तेजपाल को प्रसार भारती से हटाया

अपनी सहयोगी पत्रकार के यौन उत्पीड़न के मामले में घिरे, 'तहलका' के तरुण तेजपाल को प्रसार भारती बोर्ड से हटा दिया गया है। तेजपाल को इसी सप्ताह प्रसार भारती बोर्ड में लिया गया था। यौन उत्पीड़न के बारे में जानकारी सामने आने के बाद बोर्ड मेंबर का नॉमिनेशन करने वाली कमिटी के प्रमुख और वाइस प्रेजिडेंट हामिद अंसारी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से तेजपाल का नॉमिनेशन रद्द करने को कहा। गुरुवार को इस बारे में फैसला हो गया।

इसी बीच तेजपाल की परेशानी बढ़ सकती है। गोवा पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक जिस होटल में पत्रकार युवती के साथ उत्पीड़न की घटना हुई है, वहां से शुरुआती जानकारी मिल गई है। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। मोबाइल फोन की लोकेशन के बारे में रिकॉर्ड मांगा गया है। होटल और अन्य जगहों पर आगे पूछताछ की तैयारी है। इधर, दिल्ली में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए तेजपाल के खिलाफ एक्शन की मांग अथॉरिटीज से की है।

 

.

सिंह साहब द ग्रेट

दो टूक : कहते हैं दुनिया में बुरे लोग इस लिए नहीं जीतते कि उनके हाथ में ताकत और दौलत होती है बल्कि इसलिए जीतते हैं कि दुनिया में अच्छे लोग एक साथ मिलकर उनका मुकबला नहीं करते . लेकिन अगर वो एक जुट हो जाएँ तो दुनिया से बुरे लोग और बुराई जड़ से ख़तम हो जायेगी . बस इतना सा सन्देश देती है निर्देशक अनिल शर्मा की सनी देओल, अमृता राव, प्रकाश राज, उर्वशी रॉतेला, जॉनी लीवर, संजय मिश्रा, अंजली एब्रॉल, शाबाज खान, रजित कपूर के अभिनय वाली फ़िल्म सिंह साहब द ग्रेट.

कहानी : सिंह साहब द ग्रेट कहानी है भ्रष्टचार के खिलाफ लड़ने वाले  सिंह साहेब उर्फ़ सरन जीत तलवार  [सनी देओल ] की है। लेकिन जब उसकी   भिड़ंत स्थानीय सामंत भूदेव [प्रकाश राज ] से हो जाती  है तो उसकी जिंदगी में भूचाल आ जाता है . इस जंग में उसकी पत्नी मिन्नी [उर्वशी रौतेला ] मारी जाती है और उसे जेल हो जाती है . लेकिन समय से पहले ही बाहर आकर सिंह बदला लेने की ठान लेता है। उसका एक ही मिशन है भूदेव को ख़त्म करना लेकिन बदले से नहीं बदलाव से . हालात  कुछ ऐसे बदलते हैं कि उसे बदलाव की जगह खुद को उसी तरह सामने लाना पड़ता  है जैसे भूदेव उसके सामने आता है . इसमें उसकी मदद करती है न्यूज़ चैनल की रिपोर्टर [अमृता राव] उसका दो दोस्त [संजय मिश्रा और जॉनी लीवर ] . जिनके साथ  अंजलि अब्रोल , यशपाल शर्मा , मनोज पाहवा और शाहबाज खान के पात्र और चरित्र भी आते जाते रहते हैं.

गीत संगीत : फ़िल्म में सोनू निगम और आनंद राज आनंद राज का संगीत है और गीत कुमार एक साथ समीर और आनंद राज आनंद के हैं . फ़िल्म का शीर्षक गीत सिंह साहेब द ग्रेट लोगों की जुबान पर पहले ही है और बाकी के गीत भी बुरे नहीं हैं . फ़िल्म का संगीत बढ़िया बन पड़ा है। गानों में पंजाबी तड़का और आइटम सॉन्ग खइके पलंग तोड़ पान, तूने ले ली मेरी जान दर्शकों को ज़रूर पसंद आएंगे।एक गाने में सनी के  पापा धर्मेंद्र और भाई बॉबी देओल भी नाचते दिख गए लेकिन उनकी जरुरत नहीं थी ।

अभिनय :  फ़िल्म के केंद्र में सनी हैं और वो पूरी तरह फ़िल्म में छाये रहे हैं . ये भी गौरतलब है कि जब जब वो किसी  फ़िल्म में सिख पात्र की भूमिका में दिखे हैं जमे हैं . फ़िल्म में कई ऐसे दृश्य हैं जो उनके और अंजलि अब्रोल के साथ आँखे गीली करते हैं . उर्वशी रौतेला उनके साथ वैसे कम उम्र दिखी हैं और ये एक खतरा था कि अपने से आधी उम्र की नायिका के साथ वो कैसे लगते हैं पर उन्होंने ही नहीं बल्कि उर्वशी ने भी काम सम्भाल लिया . वो सुंदर दिखी हैं और चंचल भी .. प्रकाश राज कुछ नया नहीं करते सिवाय अपनी खलनायकी में हास्य उत्पन करने के .उनमे अब दोहराव दीखता है . जॉनी लीवर और संजय मिश्रा के पास कुछ भी करने को नहीं था और मनोज पाहवा, यशपाल शर्मा के साथ अमृता राव भी ठीक हैं लेकिन सबसे अलग दिखी हैं अंजलि अब्रोल . रजित कपूर और शाहबाज के चरित्रों को कुछ और विस्तार  दिया जाना चाहिए था.

निर्देशन : गौर से देख जाए तो फ़िल्म में कहानी के तौर पर लेखक शक्तिमान ने कुछ नया नहीं लिखा है लेकिन फ़िल्म में बदला नहीं बदलाव के विचार को उन्होंने  अनिल शर्मा के साथ नए ढंग से बुना है . फ़िल्म में  प्रसंग और घटनाएं रोचक हैं और   एक्शन के साथ कुछ भावनातमक प्रसंग अच्छे हैं . फिल्म में पात्रों की भरमार हैं लेकिन उन्हें ठीक से जगह नहीं मिली है पर संवाद प्रभावित करते हैं . फ़िल्म में अशफाक मकरानी का कैमरावर्क ठीक है और टीनू वर्मा के एक्शन भी लुभाता है लेकिन ये एक रूटीन फ़िल्म है हाँ . सनी पाजी ने कोई कमी नहीं की अपनी तरफ से.

फ़िल्म क्यों देखें : सनी देओल के लिए .

फ़िल्म क्यों न देखें :  ऐसा मैं नहीं कहूंगा .

.

ऐश्वर्या राय बच्चन परिवार से अलग रहेगी

अमिताभ-जया की �बहू ऐश्वर्या अपनी सास जया बच्चन से खटपट की वजह से बच्चन परिवार से अलग रहने का मन बना रही है। �ऐश्वर्या के करीबी लोगों का कहनाहै कि जया बच्चन ऐश्वर्याके हर काम में दखल देती है।

हाल ही में एक कार्यक्रम में दौरान जया ने फटॉग्राफर्स को डांट तक लगा दी थी। वजह थी कि वे ऐश्वर्या को उनके नाम से बुला रहे थे। यह बात जया को पसंद नहीं आई और उन्होंने पत्रकारों को यह कहते हुए डांट लगा दी, 'क्या ऐश्वर्या, ऐश्वर्या कर रहे हो? तुम्हारी क्लास में पढ़ती थी क्या?' दरअसल, पत्रकारों द्वारा ऐश्वर्या का नाम लिया जाना उन्हें पसंद नहीं आया। सूत्र बताते हैं कि इस घटना के बाद ऐश्वर्या भी �भी काफी अपसेट हुई थीं। उन्हें मीडिया के बीच अपनी सास का यह रवैया बिल्कुल अच्छा नहीं लगा। हालांकि, उन्होंने इस बारे में जया से कोई शिकायत नहीं की। ऐश्वर्या को अपने पति अभिषेक बच्चन और ससुर अमिताभ बच्चन से कोई शिकायत नहीं है।

.

गोरी तेरे प्यार में [हिंदी रोमांस कथा ]

दो टूक : किसी ने सच कहा है प्यार� न कोई भाषा देखता है और ना प्रान्त लेकिन उसे समझना और उसकी कद्र करना आना चाहिए और उसे पहचानना भी . ऐसे ही एक प्यार की कहानी� कहती है पुनीत मल्होत्रा निर्देशित इमरान खान, करीना कपूर और श्रद्धा कपूर के अभिनय वाली फ़िल्म गोरी तेरे प्यार में.

कहानी : गोरी� तेरे प्यार में की कहानी है श्रीराम (इमरान खान) और दिया (करीना कपूर) के प्यार की है । बैंगलोर में जन्मा श्रीराम एक आर्किटेक्ट है जिसके लिए रिश्तों की कोई अहमियत नहीं है। जबकि उसकी� गर्लफ्रेंड दिया रिश्तों� और समाज को अहमियत देती है. शुरुआत में उनका यह अनौपचारिक रिश्ता समय के साथ भावनात्मक रूप ले लेता है। लेकिन आखिरकार जटिल परिस्थितियां, अलग अलग आदर्श और मनोवृत्तियां दोनों को अलग कर देती हैं। कुछ समय बाद श्रीराम को एहसास होता है कि दिया के लिए उसका प्यार एक जिस्मानी रिश्ते से कहीं ज़्यादा है और वो उसके बिना नहीं रह सकता। पर तब तक दिया उसे छोड़कर जा चुकी है . श्रीराम दिया का दिल जीतने उसे ढूँढ़ते हुए गुजरात के एक गांव झुमली पहुंचता है। इस बार उसे मनाने के लिए श्रीराम किसी भी हद तक जाने को तैयार है। पर अब दिया के लिए उसका कोई अर्थ नहीं . इसके बाद शुरू होती है श्रीराम की दिया का दिल जीतने कि नयी शुरुआत और इसी की कहानी है गोरी तेरे गाँव में।

�गीत संगीत . फ़िल्म में विशाल शेखर का संगीत और अन्विता दत्त के साथ कौसर मुनीर और कुमार के गीत हैं पर फ़िल्म में कोई ऐसा गीत नहीं जिसे याद रखा जा सके.

अभिनय :� इमरान की आप चाहें आधा दर्जन फिल्मे देखें वो एक जैसे लगते हैं . मुझे नहीं समझ आया कि करीना उनके साथ कैसे फिट हो सकती थी . फिर भी करीना के सहारे इमरान ने मेहनत करने की कोशिश की है . करीना रूटीन अभिनेत्री कि तरह अपनी भूमिका निभा देती हैं . वो भी अपने देसी अंदाज में . अनुपम खेर ठीक है .� सुजाता कुमार के साथ नीलू कोहली , विनीत कुमार सिंह , निझलगल रवि , परजिल पर्दीवाला, ओम रविन्द्र सिंह , श्रीकांत कृष्णमूर्ति, आर बलासुब्रह्मनियम, आनंदी निराश भी नहीं करते और इशिता गुप्ता का आइटम लुभा देता है.

निर्देशन�� : फ़िल्म की कहानी पर ध्यान देंगे तो लगेगा इस फ़िल्म की कहानी पहले भी� खूब सुनी है बस उसे नए अंदाज में पिरोकर सामने रख दिया गया है . फ़िल्म की गति भी बहुत धीमी है और वो सिर्फ एक बिखरे रिश्ते को समेटने कि लिए बे तरतीब बुनी गयी है . फिल्म में तो रोमांस है ना ही कॉमेडी पर दोहराव भरी कहानी के बावजूद इसे देख लेंगे तो कोई खास बुरी नहीं है.

फ़िल्म क्यों देखें : अगर पैचअप और ब्रेकउप वाली कहानियां पसंद करते हैं .

फ़िल्म क्यों न देखें : एक पुरानी कहानी पर नयी फ़िल्म है .

.

तरुण तेजपाल कि शिकार पत्रकार ने अपनी शिकायत में क्या कहा

तहलका की महिला पत्रकार ने प्रधान संपादक तरुण तेजपाल द्वारा यौन उत्पीड़न के बाद प्रबंध संपादक शोमा चौधरी को भेजी ई-मेल में गोवा के एक होटल में घटी घटना का कुछ ब्योरा दिया है। मेल की पहली ही पंक्ति में पीड़िता ने लिखा है कि यह मेल लिखना उनके लिए बेहद तकलीफदेह है। पीड़ित महिला पत्रकार की शोमा चौधरी को भेजी ई-मेल कुछ इस तरह है।

''मेरे लिए आपको यह ई-मेल लिखना बेहद तकलीफदेह है। जो बात मैं कहने जा रही हूं उसे कैसे सरल ढंग से कहा जाए, यह सोचने में लगी हुई थी, लेकिन अब मुझे यही एक रास्ता समझ आ रहा है। पिछले सप्ताह तहलका के मुख्य संपादक तरुण तेजपाल ने 'थिंक फेस्ट' के दौरान दो बार मेरा यौन उत्पीड़न  किया। जब उन्होंने पहली बार यह हरकत की तो मैं आपको फौरन फोन कर बताना चाहती थी, लेकिन आप बुरी तरह व्यस्त थीं। मुझे पता था कि उस वक्त एक मिनट के लिए भी यह मुमकिन नहीं था कि मैं अकेले में आपको इस हरकत के बारे में बता पाती। इसके अलावा मैं इस बात को लेकर हैरान भी थी कि तरुण ने ऐसी घिनौनी हरकत की, जो मेरे पिता के साथ काम कर चुके हैं और उनके दोस्त हैं। तरुण की बेटी भी मेरी दोस्त है।

 

मैं काम की वजह से तरुण की बहुत इज्जत करती रही हूं। तरुण ने दो बार मेरा यौन शोषण किया। हर बार मैं बुरी तरह हताश और पस्त होकर अपने कमरे में लौटी और कांपते हुए रोती रही। इसके बाद मैं अपने सहकर्मियों के कमरे में गई और एक वरिष्ठ सहकर्मी को फोन कर सारी बात बताई। जब दूसरी बार तरुण ने मेरा यौन उत्पीड़न किया तो मैंने उनकी बेटी को इस बारे में शिकायत की। जब उनकी बेटी ने तरुण से इस बाबत सवाल किया तो वह मुझ पर चीखते हुए गुस्साने लगे। पूरे फेस्टिवल के दौरान मैं तरुण से बचती रही। सिर्फ तभी उनके सामने आई, जब आसपास कई लोग मौजूद रहे। यह सिलसिला तब तक चला, जब तक यह फेस्ट खत्म नहीं हो गया।

 

शनिवार शाम उन्होंने मुझे एक एसएमएस किया, जिसमें लिखा कि मैंने एक नशेबाज की दिल्लगी का उलटा ही अर्थ निकाल लिया, लेकिन यह सच नहीं है। दिल्लगी के दौरान कोई किसी पर यौन हमला नहीं करता। मैं उनकी हरकत का हर ब्योरा आपको भेज रही हूं ताकि आपको समझ आए कि मेरे लिए यह कितना तकलीफदेह रहा होगा। मैं चाहती हूं कि विशाखा मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए निर्देशों के मुताबिक, एक एंटी सेक्सुअल हैरेसमेंट सेल बनाया जाए और वही इस मसले की जांच करे। आखिर में मैं तरुण तेजपाल से लिखित माफी चाहती हूं। यह माफीनामा तहलका में काम करने वाले हर कर्मचारी से साझा किया जाना चाहिए। उन्होंने जिस तरह एक महिला कर्मचारी के साथ बर्ताव किया उसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।''

विशाखा केस में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने 13 अगस्त, 1997 में कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न रोकने के संबंध में एक निर्णय दिया था। राजस्थान के चर्चित भंवरी देवी केस (1992) की पृष्ठभूमि में सुप्रीम कोर्ट ने विशाखा बनाम राजस्थान सरकार मामले में फैसला दिया था। विशाखा निर्णय नाम से प्रसिद्ध इस केस में यौन उत्पीड़न को परिभाषित करते हुए कई दिशा-निर्देशों और मानकों का निर्धारण किया गया था।

ट्विटर पर हैरानी और गुस्सा

''भारत में एक बड़े संपादक ने अपनी ही महिला पत्रकार के साथ यौन दु‌र्व्यवहार किया। वह जेल जाने के बजाय छह माह की छुंट्टी पर चला गया। क्या बेवकूफी है?'' -तारिक फतेह

''तरुण तेजपाल को यह अधिकार कहां से मिला कि वह अपने लिए सजा खुद तय करें? इस सवाल का जवाब सारी महिलाएं चाहती हैं।'' -असमा खान पठान

''यह शर्मनाक है कि अच्छे मूल्यों वाले शख्स ने ऐसा काम किया, लेकिन उन्होंने औरों की तरह अपना गुनाह कबूल करने का साहस दिखाया।'' -जावेद अख्तर

''महिलाओं के खिलाफ हिंसा के विरोध में फरहान अख्तर ने मर्द अभियान शुरू किया और उनके पिता जावेद अख्तर तरुण तेजपाल को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं।'' -एस रोड्रिग्स

''जब कोई दोस्त जुर्म करता है तो पहले तो यकीन नहीं होता, फिर हैरानी होती है और फिर गुस्सा आता है। तरुण ने अपने परिवार और दोस्तों से विश्वासघात किया है।'' -सागरिका घोष

''तरुण ने तहलका को बनाया। उन्हें ही उसे नष्ट करने का अधिकार था और वह उन्होंने कर दिया। धन्यवाद तरुण।'' -आकाश

''तरुण ने महिला पत्रकार के साथ जो कुछ किया उसे जानकर हैरान हूं। यह घटना ताकत के अहंकार को बयान करती है।'' -मधु किश्वर

''नरेंद्र मोदी के बारे में राष्ट्रीय महिला आयोग का कहना है कि लड़की मामला दर्ज करे या नहीं, हम मामला जरूर दर्ज कराएंगे। तेजपाल के बारे में इसी आयोग का कहना है कि यह उनके और लड़की के बीच का मामला है।'' -नीलेश देसाई

''कांग्रेस ने अपने बहादुर सिपाही को खो दिया है। आइए आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण करें। उनका छह महीने के लिए पत्ता कट गया। अब नरेंद्र मोदी के खिलाफ कौन चुनाव लड़ेगा?'' -पीयूष खंडेलवाल

.