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श्री सुरेश प्रभु ने लिखा नया इतिहास

भारतीय रेलवे ने नई रेल लाइन, दोहरीकरण इत्यादि से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य के लिए एक विस्तृतएक्शन प्लान बनाया। वर्ष के दौरान 2855 कि.मी. नई रेल लाइन, गेज परिवर्तन तथा दोहरीकरण के कार्य को पूरा किया गया है, जो एक साल में किये गये निर्माण कार्य का उच्चतम स्तर है। 2855 कि.मी. में से 953 कि.मी. नई रेल लाइन वर्ष 2016-17 में बिछाई गई, जो अब तक किसी भी वर्ष में बिछाई गई। सबसे लम्बी रेलवे लाइनें हैं। उत्तर-पूर्वी राज्यों से बेहतर सम्बद्धता हमारे देश की प्राथमिकता रही है। इसी सिलसिले में देश के उत्तर-पूर्वी भाग में मीटर गेज प्रणाली को पूर्ण रूप से ब्रॉड गेज प्रणाली में परिवर्तित कर दिया गया है।

भारतीय रेलवे पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को गति प्रदान करने के लिए श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने भारतीय रेलवे की समस्याओं को समझा और उन्हें दूरकिया तथा इन्वेस्टमेंट में कमी के चक्र को तोड़ते हुए भारतीय रेलवे की पूँजी निवेश में बढ़ोतरी कराई। वर्ष 2016-17 में डेवलपमेंट एंड कैपिटल एक्सपेंडिचरबढ़कर 1.21 लाख करोड़ रुपये हो गया तथा वर्ष 2017-18 में यह 1.31 लाख करोड़ होने का अनुमान है। सामाजिक रूप से महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं को पूराकरने के लिए राज्य सरकार के साथ संयुक्त उपक्रम बनाये गये हैं, जो इन परियोजनाओं के लिए पूँजी जुटायेंगे तथा विकास कार्यों को तेजी से पूरा करेंगे।

इलेक्ट्रिकल ट्रैक्शन किफायती होने के साथ-साथ पर्यावरण मित्रवत भी है। वर्ष 2016-17 में 2000 कि. मी. लम्बे ट्रैक के विद्युतीकरण का लक्ष्य था,जिसको पार करते हुए भारतीय रेलवे द्वारा 2013 कि.मी. लम्बे रेल पथ का विद्युतीकरण किया गया, जो भारतीय रेलवे पर सर्वश्रेष्ठ निष्पादन था। भारतीयरेलवे पर संरक्षा के मुद्दे को उच्च प्राथमिकता हमेशा से ही दी जाती रही है। वर्ष के दौरान 1503 चौकीदार रहित समपार फाटकों तथा 484 चौकीदार सहितसमपार फाटकों को बंद कर दिया गया। 1306 सड़क ऊपरी पुल और सबवे बनाये गये तथा 750 पुलों का पुनर्स्थापन किया गया, जो भारतीय रेलवे के इतिहासमें अभी तक का एक नया रिकॉर्ड है।

माल परिवहन के व्यापार को विस्तारित करने की दिशा में औसत 27 के स्थान पर 45 फ्रेट टर्मिनल शुरू किये गये। वर्ष 2015-16 में बनाये गये 621लोकोमोटिव के बदले इस वर्ष भारतीय रेलवे पर रिकॉर्ड 658 लोकोमोटिव का निर्माण किया गया। पिछले वर्ष 2015-16 में 3978 पैसेंजर कोचों के बदले इस वर्षभारतीय रेलवे पर 4280 पैसेंजर कोचों का निर्माण किया गया, जो अभी तक का पैसेंजर कोचों के निर्माण की दिशा में सर्वश्रेष्ठ निष्पादन है।