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पत्रकारों पर मेहरबान हुई स्मृति ईरानी

सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने जर्नलिस्ट वेलफेयर स्कीम कोष की राशि को पांच गुना तक बढ़ा दिया है। अब यह धनराशि को 20 लाख रुपए से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दी गई है। जर्नलिस्ट वेलफेयर स्कीम में दी जाने वाली राशि पत्रकारों और उनके परिजनों को विषम परिस्थितियों में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती है। यह बढ़ोतरी एक अप्रैल, 2018 से प्रभावी होगी। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि सूचना- प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी का मानना है कि वर्तमान राशि पर्याप्त नहीं है। बता दें कि पहले से ही प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो ने इसके लिए गठित कमेटी के पास 17 केस भेजे हुए हैं, जिनमें से 10 पत्रकारों की मृत्यु के बाद परिजनों को सहायता राशि प्रदान करने को लेकर हैं, जबकि 7 केस पत्रकार को इलाज के लिए धनराशि की जरूरत के तहत हैं।

पत्रकारों और उनके परिजनों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने में राशि के अभाव को दूर करने के लिए पहली बार इतनी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि स्मृति ईरानी द्वारा उठाए इस बड़े कदम से इस स्कीम के तहत आने वाले तमाम पत्रकारों में खुशी है।

जानकारी के मुताबिक, इस योजना के तहत पत्रकार के निधन हो जाने पर उस पर आश्रित परिजनों पांच लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी, जबकि स्थायी रूप से विकलांग होने पर भी पांच लाख रुपए की मदद करने का प्रावधान है। वहीं कैंसर, किडनी फेल और हर्ट से संबंधित जैसी बड़ी बीमारियों के इलाज के तहत तीन लाख रुपए तक मिलते हैं। पत्रकार की दुर्घटना होेने पर उसे इलाज के लिए उसे 2 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

इस स्कीम से पीआईबी, राज्य सरकार और संघ शासित क्षेत्र के मान्यता प्राप्त पत्रकार लाभान्वित होते हैं। वहीं ऐसे गैर मान्यता प्राप्त पत्रकार भी लाभ के हकदार हैं, जिन्हें मीडिया में कम से कम पांच साल तक सेवा प्रदान की हो। इनमें पूर्णकालिक या अंशकालिक समाचार संपादक, संवाददाता, फोटोग्राफर और स्वतंत्र पत्रकार भी शामिल हैं।