अमरीकी वीज़ा के लिए रची ऐसी फर्जी कहानी कि फिल्मी कहानी भी मात खा जाए
न कोई जुड़वा भाई-न कोई मर्डर, फिर भी आँखों में आँसू ला सुना दी ऐसी कहानी जो आपने कभी सुनी न होगी: जाना चाहता था अमेरिका, गया जेल
जसविंदर ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। कहा कि उसके जुड़वा भाई की न्यूयॉर्क में हत्या कर दी गई है। अंतिम संस्कार में जाने के लिए वीजा चाहिए। लेकिन जाँच में न उसका कोई जुड़वा भाई निकला और न ही कोई हत्या हुई थी।
6 दिसंबर 2022। दिल्ली का अमेरिकी दूतावास। एक व्यक्ति आँखों में आँसू लिए आता है। एक कहानी सुनाकर वीजा माँगता है। बताता है कि उसके जुड़वा भाई का अमेरिका में मर्डर हो गया है। साक्ष्य में दस्तावेज भी पेश कर देता है। लेकिन, अब यह व्यक्ति पुलिस की गिरफ्त में हैं। उसका नाम है जसविंदर सिंह। उम्र है 26 साल। पंजाब के पटियाला का रहने वाला है।
जसविंदर का हकीकत में कोई जुड़वा भाई नहीं है। न ही उसका अमेरिका में मर्डर हुआ है। उसने यह झूठी कहानी और फर्जी दस्तावेज अमेरिका जाने के लिए गढ़े थे। पटियाला से वह 6 दिसंबर को दिल्ली के अमेरिकी दूतावास में गया। रोते हुए अधिकारियों को बताया कि न्यूयॉर्क में उसके जुड़वा भाई कुलविंदर की हत्या कर दी गई। उसके अंतिम संस्कार में जाने के लिए उसे अमेरिका जाने की अनुमति दी जाए।
इस दौरान उसने खुद को क्राइम ब्रांच ऑफिसर बताया। कहा कि वह 2017 से पुणे में तैनात है। यह भी झूठ था। खुद को क्राइम ब्रांच का ऑफिसर बताने के लिए भी उसने फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे।
इसी तरह भाई की हत्या की बात को सही दिखाने के लिए उसने न्यूयॉर्क के ‘बीचर फ्लुक्स फ्यूनरल होम’ से प्राप्त एक लेटर दिखाया। इसके मुताबिक उसके कथित जुड़वा भाई कुलविंदर की मौत 24 अक्टूबर 2022 को हुई थी। वीजा साक्षात्कार के दौरान दूतावास के अधिकारी भी उसकी और कुलविंदर की तस्वीरों में समानता से हैरान थे।
लेकिन उसकी सारी कहानी तब धरी रह गई जब अमेरिकी अधिकारियों ने यह पता लगा लिया कि कुलविंदर सिंह नाम का कोई व्यक्ति न्यूयॉर्क के उस इलाके में नहीं रहता था जिसके बारे में जसविंदर बता रहा था। न ही इस नाम के किसी भी व्यक्ति की उस तिथि पर मृत्यु हुई थी।
सच सामने आने के बाद जसविंदर ने भी अपना फर्जीवाड़ा कबूल कर लिया। उसकी योजना अमेरिका पहुँचकर अपने कथित भाई के दस्तावेजों के आधार पर वहीं रहने की थी। उसने यह भी खुलासा किया कि अमेरिका के उसके दोस्त ने फर्जी कागजात दिलाने में उसकी मदद की थी। सभी फर्जी दस्तावेज उसने उसे ईमेल से भेजे थे।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद दूतावास के अधिकारियों ने इसकी सूचना दिल्ली पुलिस को दी। पुलिस ने जसविंदर को गिरफ्तार कर लिया है। अमेरिका से उसकी मदद करने वाले शख्स को भी पकड़ लिया गया है।
पुलिस ने जसविंदर सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, प्रतिरूपण और जाली दस्तावेजों के इस्तेमाल के संबंध में केस दर्ज किया है। पुलिस इस भी पड़ताल कर रही है कि इसके पीछे मानव तस्करी में शामिल कोई संगठित गिरोह तो नहीं है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जाँच के लिए एक टीम पंजाब भी जाएगी।