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स्वदेशी जागरण मंच द्वारा दीपावली पर पटाखों पर प्रतिबंध का विरोध

नई दिल्ली। स्वदेशी जागरण मंच सभी राज्य सरकारों से आग्रह करता है कि पटाखों के पर्यावरण पर दुष्प्रभाव के संदर्भ में दुष्प्रचार को दरकिनार करते हुए दीपावली के अवसर पर पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध की कार्रवाई के बचे। पिछले कुछ समय से बिना किसी तथ्यात्मक जानकारी के, सरकारों द्वारा दीपावली के अवसर पर सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध जैसी कार्रवाई की जाती रही है, जो सर्वथा अनुचित है।

समझना होगा कि पटाखों के कारण अभी तक जो प्रदूषण होता था, वह अधिकांशत: गैरक़ानूनी रूप से चीन से आयातित पटाखों के कारण होता था। चीनी पटाखों में पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर मिलाए जाने के कारण प्रदूषण होता रहा है, लेकिन आज भारत में बन रहे ग्रीन (प्रदूषण रहित) पटाखों में पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर नहीं मिलाया जाता और अन्य प्रदूषक तत्वों जैसे एल्युमीनियम, लीथियम, आर्सेनिक एवं पारा आदि को भी न्यूनतम कर दिया गया है। ग़ौरतलब है कि ये पटाखे वैज्ञानिक एवं औद्योगिक शोध परिषद-नीरी द्वारा प्रमाणित हैं और न्यूनतम 30 प्रतिशत कम प्रदूषण करते हैं।चूँकि भारत सरकार ने चीनी पटाखों पर प्रभावी प्रतिबंध लगाया हुआ है इसलिए दीपावली पर सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध लगाना सर्वथा अनुचित है।

हमें नहीं भूलना चाहिए कि तमिलनाडु (शिवाकाशी), पश्चिम बंगाल और देश के कई भागों में लाखों लोगों की जीविका पटाखा उद्योग से चलती है। वर्ष भर ये लोग दीपावली की प्रतीक्षा करते हैं ताकि वे अपने पटाखों को बेच सकें। ऐसे में बिना किसी वैज्ञानिक आधार के कहीं कम प्रदूषण फैलाने वाले ग्रीन पटाखों पर प्रतिबंध लगाना सही नहीं है। इस अवसर पर हम केंद्र सरकार से भीआग्रह करते हैं कि राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल को भी सही जानकारी से अवगत कराएँ। खेद का विषय है कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में सरकारी एजेंसियां पराली जलाने की समस्या का समाधान नहीं कर पाई है, जिससे राजधानी और आस पास के क्षेत्रों में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है और वो ख़तरे के निशान से कहीं ऊपर पहुँच चुका है।

स्वदेशी जागरण मंच सभी राज्य सरकारों से भी आग्रह करता है कि पराली के प्रदूषण की समस्या का स्थाई निदान निकालने के प्रयास करें। स्वदेशी जागरण मंच यहाँ यह भी

रेखांकित करना चाहता है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी अक्टूबर 2018 में दिए अपने आदेश में दीपावली के अवसर पर पटाखे जलाने की परंपरा और पटाखा उत्पादन में लगे लाखों लोगों की जीविका के मद्देनज़र, दीपावली के अवसर पर दो घंटे पटाखे चलाने की अनुमति प्रदान की हुई है। ऐसे में स्वदेशी जागरण मंच दिल्ली, राजस्थान, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल सरकारों,जिन्होंने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया हैं, को निवेदन करता है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भावना, ग्रीन पटाखों के कम प्रदूषक होने और लाखों लोगों की जीविका प्रभावित होने के मद्देनज़र, पटाखों पर लगाए पूर्ण प्रतिबंध को निरस्त करें।

डॉ. अश्वनी महाजन
राष्ट्रीय सह संयोजक
स्वदेशी जागरण मंच
“धर्मक्षेत्र, सेक्टर -8, आर.के. पुरम, नई दिल्ली
Ph। 011-26184595,
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