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तौकीर रज़ा खान विवाद पर आम आदमी पार्टी का बयान

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने बरेली में तौकीर रज़ा खान से हुई उनकी मुलाक़ात पर उठे विवाद पर कहा है कि, “मैं बरेली कि दरगाह में चादर चढाने गया था, वहीँ पर मेरी मुलाकाटी तौकीर रज़ा खान से हुई. मैं ढेरो मंदिरों में गया, गुरुद्वारों में गया, कई चर्च में गया, कई मस्जिदों में गया. अभी कुछ दिन पहले पुरी के शंकराचार्य आए थे उनसे भी मिला था, श्री श्री रविशंकर जी से भी मिला था. मैं बरेली में चादर चढाने गया था, और दुआ मांगने गया था कि देश भ्रष्टाचार मुक्त हो. तौकीर रजा साहब दरगाह के प्रमुखों में से हैं और बरेली में उनकी इज्जत है. उनसे मैंने अपील की इस वक़्त सब लोगो को एक साथ मिलकर देश को बचाने की जरुरत है, देश बड़े नाजुक दौर से गुजर रहा हैं.”
 

आम आदमी पार्टी किसी भी तरह की हिंसा में यकीं नहीं रखती है और चाहती है कि देश में हिन्दू-मुसलमानों को लड़ाने कि राजनीति कि जगह सबको एक करने कि राजनीति हो. देश में पहली बार किसी पार्टी ने नफरत की राजनीति से ऊपर उठकर सकारात्मक राजनीति की नीव रखी है. आम आदमी पार्टी ने देश में इसकी पहल की है. इस मुलाकात को लेकर कांग्रेस और बीजेपी जैसी बौखलाई हुई पार्टिया एक नया विवाद पैदा करके, भ्रष्टाचार से मुद्दा भटकाने की कोशिश कर रहे है. कहा जा रहा है की “आप” कम्युनल कार्ड खेल रही है, ये आरोप गलत है. हम इस देश के मंदिरों में जा रहे हैं, मस्जिदों में जा रहे हैं, सब लोगों से मिल रहे हैं. आज जो लोग जहर की राजनीति कर रहे हैं, उसको प्यार और मोहब्बत की राजनीति से जवाब देने की कोशिश कर रहे है. अगर हम एक ही धर्म के लोगों से मिलता तब ये बात सही होती लेकिन हम हर धर्म के लोगों से मिल रहे है. हम रिलीजियस लीडर्स से मिल रहे है, सोशल लीडर्स से मिल रहे है और कोशिश कर रहे है की सब किस्म के लोगो को साथ में लेकर आये, क्यूंकि ये देश तो १२० करोड़ लोगों का हैं. हम इस देश के सब लोगों के पास जाकर ये कहने की कोशिश कर रहे हैं कि हिंसा इस देश की समस्याओं का समाधान नहीं है. क्यूंकि ये देश तो १२० करोड़ लोगों का हैं. हम इस देश के सब लोगों के पास जाकर ये कहने की कोशिश कर रहे हैं कि हिंसा इस देश की समस्याओं का समाधान नहीं है.

 

तौकीर रज़ा पर लगे आरोपों के बारे में अरविन्द केजरीवाल ने साफ़ कहा कि उनको उस बारे में बिलकुल पता नहीं था. आज फिर जब इस मुद्दे पर तौकीर रज़ा से बात हुई तो उन्होंने बताया के ये आरोप बिलकुल गलत है. जैसे कहा जा रहा है की उन्होंने कुछ फतवा जारी किया है, इसपर उनका कहना था की वो फतवा जारी कर ही नहीं सकते क्यूंकि वो मुफ़्ती नहीं है. फतवा तो मुफ़्ती जारी करते हैं. उन्होंने कहा की उन्होंने आज तक कोई फतवा जारी नहीं किया है.

 

दूसरी चीज, हम किसी तरह की हिंसा में यकीन नहीं करते हैं. हम हिंसा की राजनीति को बदलने आये हैं, हिंसा की राजनीति को करने के लिए नहीं आए हैं. तौकीर रज़ा जी का भी यही कहना है की वो भी हिंसा की राजनीति में यकीन नहीं करते हैं.

 

तीसरी चीज आम आदमी पार्टी का तौकीर रजा कि पार्टी से कोई गठबंधन नहीं हो रहा है.  आप के नेता जिन भी धार्मिक सामाजिक नेताओं से मिल रही हैं उनसे कोई गठबंधन नहीं करते हे. इन मुलाकातों का मकसद है उनके साथ जुड़े लोगों तक सन्देश पहुंचाना कि देश में हिंसा और बंटवारे कि राजनीति कि जगह मेलजोल और आपसी मुहब्बत कि राजनीति का माहौल बने.

 

हम एक ही मेसेज लेकर सब के पास जा रहे है की इस देश के अंदर अगर हम लोग अहिंसा की राजनीति करेंगे तो ये पोलिटिकल पार्टिया हमारा फायदा उठाएंगी, हमे वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करेंगी, हिन्दुओ को और मुसलमानों को आपस में लडवाएगी. एक पार्टी हिन्दुओं को और एक पार्टी मुसलमानों को अपना वोट बैंक बनाना चाहती है, हम इस देश के लोगों को इकठ्ठा करना चाहते हैं, जब तक इस देश के हिन्दू मुसलमान सारे इकट्ठे नहीं होंगे तब तकये सारी पार्टिया इस टाइम बेचैन हो गयी हैं, पहली बार हम लोगों को इकट्ठा करने में कामयाब हुए हैं, कांग्रेस ने आज तक मुसलमानों को अपना वोट बैंक समझा है. और बीजेपी हिन्दुओं को अपना वोट बैंक समझती है, सिक्खों को अपना वोट बैंक समझती है. न कांग्रेस ने मुसलमानों के लिए कुछ किया और न बीजेपी ने हिन्दू और सिक्खों के लिए कुछ किया. पहली बार एक पार्टी आई है जो भ्रष्टाचार के नाम पर लोगों को जोड़ने का काम कर रही है, और काफी कामयाब भी हो रही है.

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