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तरुण तेजपाल घाटे के बाद भी कैसे चलाते रहे तहलका?

तरुण तेजपाल पर अपनी साथी पत्रकार के कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद तहलका के असली मालिकों और राजनीतिक संबंधों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। तहलका पत्रिका को चलाने वाली कंपनी अनंत मीडिया प्राइवेट लिमिटेड वर्ष 2010-12 के दौरान करीब 26 करोड़ का घाटा उठा चुकी है। हाल के वर्षों में उद्योगपति और तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केडी सिंह से जुड़ी कंपनियों की अनंत मीडिया में हिस्सेदारी बढ़ी है।

केडी सिंह के अलावा अनंत मीडिया में वर्ष 2012 तक कपिल सिब्बल और राम जेठमलानी की हिस्सेदारी भी रही है। तहलका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी के पास भी कंपनी के 1000 शेयर हैं। केडी सिंह के अलकैमिस्ट समूह की तीन कंपनियों पर गैर-कानूनी तरीके से पूंजी जुटाने के आरोप लग चुके हैं। सरकार इस मामले की स्पेशल फ्रॉड इंवेस्टीगेशन ऑर्गेनाइजेशन (एसएफआईपी) से जांच के आदेश दे चुकी है।

कंपनी रजिस्ट्रार की फाइलिंग के अनुसार, वर्ष 2011 और 2012 के बीच अनंत मीडिया में केडी सिंह से जुड़ी कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़कर दोगुनी से ज्यादा हो गई। सितंबर, 2011 में रॉयल बिल्डिंग एंड इंफ्रा. लिमिटेड की हिस्सेदारी 30 फीसदी से बढ़कर सितंबर, 2012 में 65.75 फीसदी तक पहुंच गई, जबकि तरुण तेजपाल की हिस्सेदारी 39.34 फीसदी से घटकर 19.25 फीसदी रह गई।

रॉयल बिल्डिंग एंड इंफ्रा में केडीएस कॉरपोरेशन की 85 फीसदी हिस्सेदारी है। इस तरह केडी सिंह ने केडीएस कॉरपोरेशन व अन्य कंपनियों के जरिए परोक्ष रूप से अनंत मीडिया में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी है। सितंबर, 2012 में अनंत मीडिया में छोटे-बड़े कुल 29 हिस्सेदार थे, जिसमें कांग्रेस के कपिल सिब्बल और नामी वकील राम जेठमलानी भी शामिल हैं। सिब्बल, जेठमलानी और शोमा चौधरी की हिस्सेदारी एक फीसदी से कम थी।

तहलका पत्रिका का प्रकाशन करने वाली कंपनी अनंत मीडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का गठन अगस्त 2003 में हुआ था। तब कई नामी हस्तियां इससे जुड़ी थीं। लेकिन अब सिर्फ 5 लोग तरुण तेजपाल (टीटी), उनकी बहन नीना तेजपाल शर्मा, अनिल ओबरॉय कुमार, सतीश मेहता और प्रवीण कुमार राठी अनंत मीडिया के निदेशक के तौर पर काम कर रहे हैं। सतीश मेहता केडी सिंह के अलकैमिस्ट ग्रुप की कई कंपनियों में भी निदेशक हैं। माना जाता है कि अलकैमिस्ट की ओर से वही तहलका का कामकाज देखते हैं।

साभार- अमर उजाला से

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