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लेखिका संगीता बाजपेयी के कहानी संग्रह छू लें आसमान का लोकापर्ण पद्म्श्री हेमा मालिनी द्वारा

यत्र नार्यस्ते पूज्यंते रमन्ते तत्र देवता: , यत्रेस्तातु ना पूजयंते, सर्वास्त फला क्रिया…

नारी हमेशा से शक्ति का प्रतीक रही है चाहे वो दुर्गा हो, काली हो, लक्ष्मी हो या सरस्वती, मैत्री हो या गार्गी. उसने हर मौके पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर दुष्टों का संहार किया है. ये शब्द थे अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी के जो उन्होंने संगीता बाजपेयी के कहानी संग्रह छू लें आसमान का लोकार्पण करते हुए कहा. उन्होंने कहा कि सर्वविदित है कि आज हर क्षेत्र में नारी अपनी प्रतिभा का परिचय दे रही है खासतौर से लेखन क्षेत्र में. संगीता बाजपेयी ने अपने कहानी संग्रह छू लें आसमान में नारी के इन्हीं प्रतिभाओं, संघर्षों पर कहानियाँ बुनी है. संगीता जी.टी.वी से जुडी रही हैं और यह उनका दूसरा कहानी संग्रह है।  

इस अवसर पर नारी सशक्तिकरण पर आयोजित संगोष्ठी में सुप्रसिद्ध फिल्म लेखिका डॉ अचला नागर, डॉ राजम पिल्लै, डॉ कामिनी खन्ना, सुप्रसिद्ध तबला वादक पंडिता अनुराधा पाल और मितुल प्रदीप ने भी अपने जीवन संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए नारी शक्ति पर अपने विचार प्रकट किये. अभिनेता अखिलेन्द्र मिश्रा ने कहा कि नारी के सशक्तिकरण की आवश्यकता ही नहीं है, वो तो आदिकाल से शक्ति का केन्द्र बिन्दु रही है।

अंजन श्रीवास्तव, विष्णु शर्मा, चैतन्य पाडुकोण, राजकुमार बड़जात्या जैसी हस्तियों ने भी संगीता को बधाई दी. इस मौके पर सेव गर्ल चाईंड पर राहुल सेठ की बनायी फिल्म भी दिखायी गयी. प्रारंभ में आशीर्वाद संस्था के चेयरमैन बृजमोहन अग्रवाल एवं निदेशक डॉ उमाकांत बाजपेयी ने अतिथों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया. कार्यक्रम का संचालन नीता बाजपेयी ने किया।