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ब्राह्मणों के लिए आयोजित बैंडमिंटन प्रतियोगिता से खलबली

एक बैडमिंटन टूर्नमेंट ने सोशल मीडिया पर खलबली मचा रखी है, जिसमें सोशल मीडिया पर इस बात की बहस चल रही है कि यह टूर्नमेंट अपने दावे जितना खुला नहीं है क्योंकि इसमें एक ब्राह्मणों की एक खास उपजाति को ही भाग लेने की अनुमति दी गई है।

दैवज्ञ फाउंडेशन द्वारा आयोजित होने वाले इस ओपन बैडमिंटन टूर्नमेंट 2015 के आयोजकों का कहना है कि 20-21 जून को होने वाले इवेंट्स को सिर्फ दैवज्ञ ब्राह्मणों के लिए रखा गया है। उनका कहना है कि यह समुदाय के लोगों के इकट्ठा होने का जरिया है और खेलों में युवाओं को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने की एक पहल है।

दैवज्ञ फाउंडेशन के प्रेजिडेंट श्रीनिवास कुडतकर ने कहा, 'हमारा उद्देश्य सांभ्रांतवादी होने या विशेषता प्रकट करने का नहीं है बल्कि हमारे समुदाय से उभरती हुईं प्रतिभाओं की पहचान करना है। हम इन युवा शटलरों की सहायता करना चाहते हैं ताकि वे अपनी पहचान बना सकें।' उन्होंने कहा कि इस टूर्नमेंट का फोकस तटीय कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा से आने वाले दैवज्ञ ब्राह्मणों पर है।

कुडतकर ने कहा, 'हमें उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली और तमिलनाडु के समुदायों से भी इंक्वॉयरीज मिली थी लेकिन शायद दूसरे चरण से हम ब्राह्मणों की सभी उपजातियों को शामिल करेंगे क्योंकि इस साल हमें उनके निवेदन को अस्वीकार करना पड़ा था।' उन्होंने जोर देकर कहा, 'हमारे उद्देश्यों को गलत समझने का कोई सवाल ही नहीं है। अगर कोई और समुदाय ऐसे टूर्नमेंट आयोजित करना चहता है तो वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं।'

उन्होंने कहा, 'मूलतः तटीय क्षेत्रों से आने वाले दैवज्ञ ब्राह्मण अब देश के विभिन्न हिस्सों में पाए जाते हैं। हम उन्हें ऐसे आयोजनों से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। हमारी जल्द ही स्विमिंग और टेबल टेनिस टूर्नमेंट्स आयोजित करने की योजना है।' उन्होंने कहा कि फाउंडेशन की योजना स्पोर्ट्स अकडैमी खोलने की थी।

जब उनसे पूछा गया कि 'ओपन टूर्नमेंट' का वास्तविक मतलब क्या है तो कुडतकर ने कहा, ''यह ओपन टूर्नमेंट सिर्फ आयु वर्गों के लिए है। हमारे पास महिलाओं और पुरुषों के लिए सिर्फ दो कैटिगरीज हैं, , 30 साल से ऊपर और 30 साल से कम की। यह समुदाय के लोगों के इकट्ठा होने का अवसर है और हम इस टूर्नमेंट को उत्सव बना देना चाहते हैं।'

राज्य में बैडमिंटन की गवर्निंग सरकारी संस्था कर्नाटक बैडमिंटन असोसिएशन को इस टूर्नमेंट से चौकन्ना होने का कोई कारण नजर नहीं आता। संस्था के मुताबिक, 'अगर यह एक कम्युनिटी इवेंट है तो आयोजकों को इसे आयोजित करने का अधिकार है, लेकिन हम ऐसे इवेंट्स को मान्यता नहीं देंगे।'

साभार-टाईम्स ऑफ इंडिया से