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अठारह साल के इस लड़के का दिल पसीजा और देखते ही देखते एकत्र हो गए डेढ़ लाख रुपये

साइकिल पर खाने के डिलिवरी करने वाले जोमैटो (Zomato) के एक डिलीवरी बॉय को ट्वीटर यूजर आदित्य शर्मा की मदद से अचानक एक बड़ी सहायता मिल गई। दरअसल, एक ट्विटर यूजर ने राजस्थान की प्रचंड गर्मी में डिलिवरी के लिए मशक्कत करते उस एजेंट से जुड़ी एक पोस्ट की थी। यह पोस्ट कुछ ही देर में वायरल हो गई और कई ट्विटर यूजर्स ने मिलकर उसके लिए फंड जुटा लिया।

साइकिल पर खाने के डिलिवरी करने वाले जोमैटो (Zomato) के एक डिलीवरी बॉय को ट्वीटर यूजर आदित्य शर्मा की मदद से अचानक एक बड़ी सहायता मिल गई। दरअसल, एक ट्विटर यूजर ने राजस्थान की प्रचंड गर्मी में डिलिवरी के लिए मशक्कत करते उस एजेंट से जुड़ी एक पोस्ट की थी। यह पोस्ट कुछ ही देर में वायरल हो गई और कई ट्विटर यूजर्स ने मिलकर उसके लिए फंड जुटा लिया। मामला राजस्थान के भीलवाड़ा जिले का है। बता दें कि ये फंड एक लाख रुपए से कहीं ज्यादा था। इस पैसे से जोमैटो के डिलिवरी ब्वॉय के लिए एक मोटरसाइकिल की व्यवस्था की गई। बता दें डिलिवरी बॉय पेशे से टीचर हैं।


एक ट्विटर यूजर (Twitter User) आदित्य शर्मा ने रविवार को जामेटो डिलीवरी बॉय और पेशे से टीचर दुर्गा शंकर मीणा (Durga Meena) के बारे में ट्वीट किया। उस पोस्ट में आदित्य ने लिखा कि जोमैटो का एजेंट समय पर डिलिवरी के लिए राजस्थान की भीषण गर्मी में साइकिल चला रहा है।

जोमैटो डिलिवरी पार्टनर के साथ बातचीत करने पर शर्मा को पता चला कि उस शख्स का नाम दुर्गा मीणा है और कोविड महामारी के समय उनकी टीचिंग की नौकरी चली गई थी। ट्विटर यूजर ने लिखा, “दुर्गा मीणा एक टीचर हैं और वह पिछले 12 साल से टीचिंग में है। कोविड के दौरान उनकी स्कूल की नौकरी चली गई थी और वह मुझसे अंग्रेजी में बात कर रहे थे।”

दुर्गा ने आदित्य को बताया कि जामेटो से वे हर माह 10 हजार रुपए तक कमा लेते हैं, इसी में से कुछ पैसा वे बाइक खरीदने के लिए बचा रहे हैं। दुर्गा ने बताया कि दिन में 10 से 12 डिलिवरी हो जाती है, सांस लेने की भी फुर्सत नहीं मिलती… दुर्गा ने कहा कि यदि बाइक मिल जाए तो डिलिवरी और भी आसान हो जाएगी। ऐसे में आदित्य शर्मा ने डिलिवरी एजेंट के लिए मोटरसाइकिल खरीदने के मकसद से फंड जुटाना शुरू किया। इसके लिए आदित्य ने ट्वीटर पर दुर्गाशंकर मीण की आईडी शेयर की ताकि पैसा सीधे दुर्गा मीणा के ही अकाउंट में पहुंचे।

फिर लोगों ने मदद करना शुरू किया। आदित्य ने बताया कि उन्होंने लक्ष्य तो सिर्फ 75 हजार रुपए का रखा था, लेकिन लोगों ने दुर्गा की मदद करने ऐसा इंटरेस्ट दिखाया कि महज 3 घंटों में ही करीब डेढ़ लाख रुपए इकट्ठा हो गए। आदित्य ने बताया कि उन्हें विदेश से भी मदद देने के लिए लोगों ने कहा, लेकिन इसके लिए संसाधन नहीं थे।