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गिरगिटों का नेताओँ और मीडिया पर हमला

देश के दलबदलू नेताओँ को लेकर गिरगिटों की संस्था अखिल भारतीय गिरगिट संगठन ने मीडिया और नेताओं पर हमला बोल दिया है। पिछले दिनों जंगल में गोपनीय रूप से हुई गिरगिटों की सभा में गिरगिटों ने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि आए दिन कोई भी दो कौड़ी का नेता इस पार्टी से उस पार्टी में जाता है तो दूसरी पार्टी वाले उसे गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला कहकर पूरे गिरगिट समुदाय को अपमानित करते हैं। गिरगिटों ने इस बात पर भी रोष व्यक्त किया कि देश का मूर्ख मीडिया भी नेताओँ की भाषा बोलता है।

इस सभा में एक गिरगिट ने कहा कि प्रकृति ने हमें रंग बदलने की सुविधा दी है वह हमारी प्राकृतिक स्थिति है। हम रंग बदलकर न तो किसी दूसरे जानवर की खाल नहीं ओढ़ते हैं न ही किसी दूसरे जानवर के समूह में शामिल होते हैं। परमात्मा ने हमें रंग बदलने की सुविधा हमारी मस्ती और मौज को अभिव्यक्ति देने के लिए दी है। इसका ये मतलब नहीं कि देश का कोई भी दो कौड़ी का नेता अपना ईमान धरम सब छोड़कर किसी दूसरी पार्टी में जाए तो उसे गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला कहकर पूरे गिरगिट समुदाय का मजाक उड़ाया जाए। इस पर एक गिरगिट ने कहा कि मैंने तो कई लोगों के मुँह से सुना है कि नेता का मतलब ही दो कौड़ी का आदमी होता है, नेता के साथ दो कौड़ी का लगाने से क्या मतलब। इस देश में तो नेता जन्मजात ही दो कौड़ी का होता है, और अब तो लोग कहते हैं कि नेता की औकात दो कौड़ी की भी नहीं रह गई।

एक उभरते गिरगिट नेता ने कहा कि हम देश के मीडिया और पार्टियों के बड़े नेताओँ के खिलाफ आंदोलन करेंगे और उन्हें मजबूर करेंगे कि वो किसी दल बदलू नेता के लिए गिरगिट की तरह रंग बदलना जैसे मुहावरे का प्रयोग न करे। एक युवा गिरगिट ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि जो नेता, अपना ईमान, आत्मा और देश बेचने में लगे रहते हैं उनकी तुलना हमसे की जाती है, जबकि हम अपने जंगल और पेड़-पौधों की रक्षा पूरे प्रण-प्राण से करते हैं। एक मादा गिरगिट ने कहा कि मेरे एक नन्हें बच्चे ने जब टीवी पर ये सुना कि हिन्दुस्तान के नेता गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं तो वो नेता को देखने की जिद करने लगा। मैं उसे जैसे तैसे शहर लेकर गई और एक जुलुस दिखाया जिसमें एक नेता टाईप आदमी खुली गाड़ी में हार पहने बैठा था। उसे देखकर मेरे नन्हें गिरिगट को जाने क्या सूझी कि वो भी नेता बनने की जिद करने लगा है। उसके देखा देखी मेरे पड़ोस के गिरगिटों के बच्चे भी नेता देखने की जिद करने लगे हैं और मेरा बेटा उन सबके बीच इस बात पर शान बघारता है कि उसने नेता को देखा है।

दूसरे गिरगिटों ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी बातों से हमारी नई पीढ़ी के संस्कार बिगड़ रहे हैं। ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे बच्चे नेता बनने की जिद करने लगे हैं। अगर हमारी नई पीढ़ी मे नेतओँ के लक्खन आ गए तो पूरे गिरिगिट समुदाय पर खतरा मंडराने लगेगा। हमारे बच्चे हमारी बात नहीं मानेंगे, बात बात पर प्रेस काँफ्रेंस करेंगे, बलात्कार करेंगे, अपहरण करेंगे, फिरौती वसूलेंगे, बयान देंगे, भाषण देंगे, टीवी पर बैठकर दिन भर उन मुद्दों पर बहस करेंगे जिनके बारे में बहस करने वालों को भी पता नहीं होता है कि किस मुद्दे पर बहस हो रही है। ये फिर जंगल कटवाने के लिए ठेकेदारों से मिलिभगत करेंगे इससे तो हमारी गिरगिट प्रजाति के साथ ही जंगल भी खतरे में पड़ जाएगा।

एक बुज़ुर्ग गिरगिट ने सबकी शिकायतें सुनने के बाद कहा कि तुम्हारी समस्या नेता और मीडिया नहीं, टीवी देखना है, तुम लोग टीवी देखना बंद करके अच्छी किताबें पढ़ो, एक दूसरे से मिलो, उनसे सुख-दुःख की बातें करो, बच्चों और परिवार के साथ समय बिताओ फिर देखो तुम्हारे बच्चों में कितने अच्छे संस्कार आएँगे। उसने कहा कि मैं जिस पेड़ पर रहता हूँ उस पेड़ के नीचे लगी बैंच पर कई लोग आकर बैठते हैं और मैने उन्हें यही कहते सुना है कि टीवी की वजह से घर में सब एक-दूसरे को शक की नज़र से देखने लगे हैं। बहू को लगता है कि सास उसके खिलाफ साजिश कर रही है तो सास को लगता है कि बहू उसके खिलाफ कोई तंत्र क्रिया कर रही है। तो माँ-बाप को लगता है कि उनकी बेटी कॉलेज जाने का कहकर निकली है मगर किसी के साथ भाग जाएगी।

एक अन्य गिरगिट ने उसकी बात का समर्थन करते हुए कहा कि टीवी पर किसी नेता को देखकर लगता है कि ये अपनी पार्टी के दफ्तर जाने के लिए घर से निकला है मगर किसी दूसरी पार्टी में पहुँच गया है। जिस पार्टी के लोग किसी जमाने में इसके खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर इसकी गिरफ्तारी की माँग कर रहे थे, वो उसको हार पहना रहे हैं और जिस पार्टी के लोग इसके बचाव में धरना दे रहे थे वे अब इसकी गिरफ्तारी की माँग को लेकर धरना दे रहे हैं।

गिरगिटों ने सर्वसम्मति से कहा कि जब हमारे बच्चे टीवी पर ऐसी चीजें देखेंगे तो वो संस्कार के नाम पर क्या सीखेंगे? इसके बाद अखिल भारतीय गिरगिट संगठन ने सभी गिरगिटों पर टीवी देखने पर पाबंदी लगा दी और पने घर से कैबल, डिश टीवी कनेक्शन कटवा दिए।

इस घटना के साल भर बाद हुए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि गिरगिट समाज के लोग एक-दूसरे से मिलने लगे हैं, बच्चे अपने माँ-बाप और बुज़ुर्गों का सम्मान करने लगे हैं। पड़ोसी से लेकर अनजान व्यक्ति से भी लोग इज्जत से पेश आते हैं।