1

राणा अय्यूब को सर्वोच्च न्यायालय ने दिया झटका

सुप्रीम कोर्ट ने जानी-मानी पत्रकार राणा अय्यूब को एक बड़ा झटका दिया है। दरअसल, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गाजियाबाद की एक स्पेशल कोर्ट के समन को रद्द करने के संबंध में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है।

अब राणा अय्यूब को गाजियाबाद की स्पेशल कोर्ट के सामने पेश होना होगा। इस बाबत उन्हें अदालत की ओर से 27 जनवरी को समन भेजा गया था, जिसमें उन्हें कोर्ट के समक्ष पेश होने को कहा गया था।

गाजियाबाद कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए राणा अय्यूब के खिलाफ समन जारी किया था, इसी के खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने पहले समन पर स्टे दे दिया था, लेकिन अब याचिका खारिज कर दी है।

दरअसल, गाजियाबाद की स्पेशल कोर्ट ने राणा अय्यूब को यह समन PMLA मामले (Prevention of Money Laundering Act) के संबंध में जारी किया गया है। अक्टूबर 2022 में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ गाजियाबाद कोर्ट में कोविड राहत के लिए सार्वजनिक रूप से धन जुटाने में कथित उल्लंघन को लेकर शिकायत दर्ज की थी।

ईडी का आरोप है कि राणा अय्यूब ने कोविड, बाढ़ राहत और प्रवासियों के लिए तीन ऑनलाइन कैंपेन शुरू किए थे और एक ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म केटो के जरिए करोड़ों रुपए जुटाए थे। जांच अधिकारियों का कहना है कि झुग्गी वालों, किसानों और असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्यों के लिए ये तीन कैंपेन शुरू किए गए थे। इन तीनों कैंपेन से उन्हें 2.69 करोड़ रुपए की डोनेशन मिली थी, जिसमें से 80.49 लाख रुपए विदेशी मुद्रा में लिए गए। उन्हें FCRA की मंजूरी के बिना विदेशी योगदान मिला।

बीते साल फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग मामले प्रवर्तन निदेशालय ने पत्रकार राणा अय्यूब के 1.77 करोड़ रुपए जब्त किए थे। पत्रकार राणा अय्यूब के 1.77 करोड़ रुपए जब्त करने के बाद ईडी अधिकारियों ने कहा था कि उन्होंने कथित तौर पर 3 अभियानों के लिए दिए गए दान का सही उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया। ईडी ने यह कदम उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर उठाया।

हालांकि, इनकम टैक्स और ईडी की कार्रवाई के बाद पत्रकार राणा ने विदेशी चंदा वापस कर दिया। विदेशी चंदे की वापसी के बाद भी उनके पास लगभग 2 करोड़ रुपए थे, लेकिन कथित तौर पर केवल 28 लाख रुपए का उपयोग किया गया था। ईडी का कहना हि कि उन्होंने गोवा की यात्रा जैसे निजी खर्चों के लिए चंदे का इस्तेमाल किया।

ईडी के आरोप पत्र पर सुनवाई के लिए गाजियाबाद की कोर्ट ने राणा अय्यूब को समन जारी किया। इससे राहत पाने के लिए राणा अय्यूब ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।