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‘विविध भारतीय भाषा संस्कृति संगम’ का तीसरा वार्षिकोत्सव दो सत्रों में संपन्न

पहला सत्र.:-
अतिथियों का स्वागत पुस्तक लोकार्पण रखा गया। मंच अध्यक्षा लता तेजेश्वर रेणुका’, संस्थापक तेजेश्वरराव, कार्यक्रम अध्यक्षा प्रभा शर्मा ‘सागर’, मुख्यतिथि श्रीमान चंद्रमोहन किस्कु(संथाली कवि), और विशिष्ट अतिथि संजीव कुमार उपस्थित रहे।मंजूला पाण्डेय सरस्वती वंदना ,उषा साहू द्वारा अतिथियों के परिचय के साथ मीना गुप्ता व्दारा इन 3वर्षों का संक्षिप्त विवरण दिया गया। इसी दौरान एक अनोखी किताब ‘गुलिस्ताँ’ जो 25 रचनाकारों ने 21 भाषाओं और लिपि का संकलन है ईबुक तहत प्रकाशित हुई जिसका लोकार्पण हुआ।

इस आयोजन में अध्यक्षा लता जी के पिताजी की स्मृति में ‘स्व गोल्ती शाम्भुमूर्ति आचारी साहित्य भूषण सम्मान’ डॉ संजीव कुमार जी को उनके साहित्यिक योगदान के लिए विभूषित करने का निर्णय लिया। यह सम्मान हर वर्ष किसी एक वरिष्ठ साहित्यकार को उनके साहित्यिक कार्यों के लिए दिया जाएगा।

दूसरा सत्र:-साहित्य सम्मेलन. लघुकथा व काव्य पाठ व समीक्षा। मैत्रेयी कामिला, नूरुससबा श्यान, मीरा सिंह, वेंकट लक्ष्मी गायत्री ,रजिया रागिनी समर व लिंगम चिरंजीव ने अपनी रचनाएँ पढ़ी। साधनाकृष्ण ने संचालन किया। इस सम्मेलन मे लघुकथा व काव्य पाठ की मोतीलाल जी ने समीक्षा किया । पारमिता षडंगी ने आभार प्रकट किया।