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ये हैं विजय चौथााईवाला, मोदीजी के विदेशी ब्रांड मास्टर

भारतीय जनता पार्टी के नई दिल्ली स्थित हेडक्वॉटर में दूसरी मंजिल पर एक छोटे से अॉफिस से लंबे समय से नरेंद्र मोदी के खास 53 वर्षीय चौथाईवाले भाजपा के विदेश मामलों की सेल के अध्यक्ष हैं। यह तय करते हैं कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी एनआरआई भारतीयों के आगे भारत की नई तस्वीर पेश करेंगे। लंबे समय से नरेंद्र मोदी के खास 53 वर्षीय चौथाईवाले भाजपा के विदेश मामलों की सेल के अध्यक्ष हैं। उन्हें इस अहम काम की जिम्मेदारी खुद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दी थी। तब से लेकर आज तक चौथाईवाले ने 28 मिलियन प्रवासियों और दुनियाभर में फैले भारतीय मूल के लोगों तक प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए कामों को पहुंचाया है। इसके अलावा उन्होंने नए जमाने के इवेंट्स भी लंदन के विम्ब्ले स्टेडियम में कराए हैं, जिससे विश्व पटल पर भारत की छवि बहुत सुधरी है। आपको बता दें कि चौथाईवाले ने साल 2014 में प्रधानमंत्री के इलेक्शन वॉर रूम में एंट्री की थी। वह माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी हैं और पहले इंडिया टॉरंट फार्मास्युटिकल लिमिटेड में काम करते थे।

प्रवासी भारतीयों के साथ बेहतर संबंधों के सहारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेक इन इंडिया और भारत में निवेश को बढ़ावा देना चाहते हैं। इसके जरिए प्रधानमंत्री अमेरिका, यूनाइटेड अरब अमीरात और अन्य जगहों पर भारतीयों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं ताकि वहां की राजनीति में भी भारतीय समुदाय का दबदबा बढ़ सके और स्थानीय राजनेता और व्यापारियों का भारत से बेहतर आर्थिक संबंध बन पाएं।

ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में चौथाईवाला कहते हैं कि सरकार प्रवासियों को विकास में एक अहम हिस्से के तौर पर देखती है और हम चाहते हैं कि वह अपने देश में भारत के अनौपचारिक राजदूत की तरह रहें और खुद को वहां के राजनेताओं और फिल्म अभिनेताओं के साथ जोड़ें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीतियों पर किताब लिखने वाले और जिंदल स्कूल अॉफ इंटरनैशनल अफेयर्स के डीन श्रीराम चौलिया कहते हैं कि सभी लोग इस पर हामी नहीं भरेंगे। पीएम के सुधार के कदमों को और सशक्त बनाना होगा ताकि एनआरआई भारतीय यहां वापस लौटें या इन्वेस्ट करें।

चौलिया कहते हैं कि एनआरआई भारतीय अब भी भारत को संदेह भी नजरों से देखते हैं क्योंकि यहां अब भी बिजनेस करने की स्थितियों में उतना सुधार नहीं हुआ है। वहीं चौथाईवाले कहते हैं कि विदेशों में बसे प्रवासी बीजेपी के दोस्त की तरह हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार, लाल फीताशाही की इमेज को बदल सकते हैं। उनके मुताबिक रीब्रैंडिंग जरूरी है, क्योंकि जब प्रधानमंत्री ने सत्ता संभाली थी तो सबने भारत में हुए भ्रष्टाचार के बारे में लिखा था। वह कहते हैं कि लोग भारत की, विशेष रूप से प्रवासी भारतीय समुदाय की, क्षमता तलाश रहे हैं।डेस्क
साभार- इंडियन एक्सप्रेस