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विदेश पढ़ने जा रहे गरीब छात्रों की आर्थिक मदद कर रही है ये संस्था, ऐसे कर सकते हैं आवेदन

सनमत संस्था को सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला ने 10 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद भी मुहैया कराई थी, जिसका लाभ अब 2 हज़ार से अधिक छात्रों को मिल सकेगा।

“संस्था हर साल करीब 2 लाख से अधिक आदिवासी लोगों को फ्री में मेडिकल सेवाएँ उपलब्ध कराती है, जबकि इसी के साथ संस्था ने झारखंड में अब तक 50 लाख से अधिक पौधे लगाने का काम भी किया है। शिक्षा के क्षेत्र की बात करें तो संस्था ने 30 हज़ार से अधिक दलित छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर 7 हज़ार छात्रों का बिहार के पब्लिक स्कूलों में 25 प्रतिशत नि:शुल्क कोटे के तहत एडमिशन करवाने का काम भी किया है।”

सनमत फाउंडेशन के को-फाउंडर अमित कुमार चौबे (फोटो साभार : Facebook)

कोरोना महामारी ने बीते 2 सालों में लगभग सभी क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित करने का काम किया है और शिक्षा का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा है। इस काल ने निचले तबके के छात्रों के लिए उनकी पढ़ाई को जारी रख पाना और भी मुश्किल बना दिया है, जबकि अपनी मेहनत के बल पर विदेश जाकर पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए भी यह समय काफी मुश्किल साबित हुआ है।

इस बीच एक गैर-लाभकारी सामाजिक संस्था ऐसे छात्रों की आर्थिक मदद के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही हैं। अब तक संस्था के प्रयासों के चलते हजारों की संख्या में जरूरतमंद छात्रों को आर्थिक व अन्य तरह की मदद उपलब्ध कराई जा चुकी है। बिहार-झारखंड से संचालित होने वाली इस संस्था का नाम सनमत है, जो बड़े स्तर पर क्राउडफंडिंग का सहारा लेकर ऐसे छात्रों की मदद के उद्देश्य से धन इकट्ठा कर रही है।

मालूम हो कि इस समय जो छात्र विदेश पढ़ने के लिए जा रहे हैं उन्हें वहाँ पर क्वारंटीन का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में जो छात्र गरीब तबके से आते हैं और किसी तरह ऋण लेकर विदेश में पढ़ाई और बेहतर भविष्य का सपना लिए गए हैं उनके लिए क्वारंटीन के अतिरिक्त खर्च को उठा पाना और भी मुश्किल साबित हो रहा है।

खास पहल है ‘अनलॉक एजुकेशन’

इस समस्या को हल करने के उद्देश्य से सनमत ने अनलॉक एजुकेशन (Unlock Education) नाम से एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है, जिसका प्रमुख उद्देश्य जरूरतमंद छात्रों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराना है।

सनमत की स्थापना करीब एक दशक पहले ससेक्स विश्वविद्यालय के छात्र रहे अमित चौबे और बिहार के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता नितेश कुमार ने की थी। इस एक दशक में संस्था ने अपने कार्यों के जरिये करीब 2 करोड़ से अधिक लोगों के जीवन को सकारात्मक ढंग से प्रभावित करने का काम किया है।

संस्था हर साल करीब 2 लाख से अधिक आदिवासी लोगों को फ्री में मेडिकल सेवाएँ उपलब्ध कराती है, जबकि इसी के साथ संस्था ने झारखंड में अब तक 50 लाख से अधिक पौधे लगाने का काम भी किया है। शिक्षा के क्षेत्र की बात करें तो संस्था ने 30 हज़ार से अधिक दलित छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर 7 हज़ार छात्रों का बिहार के पब्लिक स्कूलों में 25 प्रतिशत निशुल्क कोटे के तहत एडमिशन करवाने का काम भी किया है।

ऐसे कर सकेंगे आवेदन

संस्था में 143 लोगों की टीम लगातार काम करते हुए यह सुनिश्चित करने में लगी रहती है कि अधिक से अधिक जरूरतमंद को मदद मिलती रहे। हाल ही में संस्था को सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला ने 10 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद भी मुहैया कराई थी, जिसका लाभ अब 2 हज़ार से अधिक छात्रों को मिल सकेगा।

इसमें सबसे अधिक प्राथमिकता लड़कियों को दी जाएगी, इसके बाद उन छात्रों को प्राथमिकता मिलेगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और किसी ऋण या छात्रवृत्ति के जरिये पढ़ने जा रहे हैं। संस्था ने एससी/एसटी और अल्पसंख्यक छात्रों को भी इसमें शामिल किया है।

अनलॉक एजुकेशन के तहत आवेदन करने के लिए छात्र सनमत की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं। गौरतलब है कि अब तक संस्था को 3 हज़ार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, इन छात्रों ने करीब 23 देशों के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के लिए आवेदन किया है।

संस्था की वेब साईट
https://yourstory.com/hindi/this-institution-is-helping-financially-poor-stude/amp

साभार- से