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कुल्हड़ वाली चाय के थ्री इडियट्स

शाजापुर (एमपी)। मध्यप्रदेश के थ्री इडियट्स…इन्होंने एक दिव्यांग को मिट्टी के दीये बेचते देखा तो सोचा कि उन्हें नियमित रोजगार दिया जाए। इसी सोच के साथ शाजापुर के आनंद नायक ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर कुल्हड़ चाय की एक दुकान खोली। यहां दिव्यांग और अनाथ युवाओं को नौकरी पर रखा। तीन साल पहले शुरू हुआ स्टार्टअप अब चार राज्यों के 8 शहरों में पहुंच चुका है। चाय सुट्टा बार नाम के स्टार्टअप की पहुंच आज इनसे मिलने के लिए बड़े अफसर व बिजनेसमैन भी लेते हैं अपॉइंटमेंट।

युवाओं की इस पहल से 400 युवाओं को रोजगार दिया जा चुका है। इनमें अधिकांश दिव्यांग और अनाथ हैं। आनंद शाजापुर के बोलाई गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने रीवा निवासी अनुभव और मक्सी के राहुल के साथ मिलकर स्टार्टअप शुरू किया है। इसके लिए ‘थ्री इडियट्स’ ने 3 लाख रुपए जुटाए। फिर इंदौर में चाय की दुकान खोली।

इन थ्री इडियट्स का कहना है कि हम चायवालों से आज बड़े अफसर व बिजनेसमैन भी मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेते हैं। हमारा अगला लक्ष्य विदेशों में धाक जमाना है।

आनंद ने बताया- दुकान खुलने के पहले दिन लोगों ने हमारा मजाक उड़ाया। लेकिन हमने हार नहीं मानी। चाय के 7 फ्लेवर कुल्हड़ में सिर्फ 10 रुपए में देने का आइडिया एक महीने में ही रंग दिखाने लगा। कारोबार बढ़ा तो स्टार्टअप का ट्रेंड मार्क, कंपनी और फ्रेंचाइजी रजिस्टर्ड कराई। इसके बाद 5 और दुकानें खोलीं। संचालक राहुल ने बताया कि काम तीनों दोस्तों बंटा है। एक ने मैनेजमेंट, दूसरे ने आउटलेट मार्केटिंग और तीसरे ने कुल्हड़ आपूर्ति संभाल रखी है।

आनंद ने बताया- फ्रेंचाइजी देने से पहले दिव्यांगों को रोजगार की प्राथमिकता व कुल्हड़ अनिवार्यता रखी जाती है। इस चाय व्यापार से कुम्हार को रोजगार का मकसद भी रफ्तार पकड़ चुका है। इंदौर के आसपास के 10 गांव के करीब 200 परिवारों के सदस्य मिट्टी के कुल्हड़ बनाकर हमें दे रहे हैं। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, पुणे, मुम्बई, जयपुर, जबलपुर, अहमदाबाद में फ्रेंचाइजी देकर एक जैसे लुक-स्टाइल व स्वाद के 21 आउटलेट चल रहे हैं।

साभार- https://www.bhaskar.com से