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भारतीय छात्रों से 80 हजार करोड़ की कमाई कर रहा है अमरीका

हम लोग साबुन से लेकर टूथपेस्ट तक के लिए हर साल जो लाखों करोड़ों रुपये का कर सरकार को देते हैं उस कर का अधिकाशं पैसा बेईमान, भ्रष्ट और निकम्मे सरकारी अधिकारी, नेता और मंत्री अपने सुख-सुविधाओं पर खर्च कर देते हैं और सरकारी स्कूल से लेकर अस्पताल तक सब लावारिस हालत में बगैर सुविधाओँ के चलते हैं। हमारे टैक्स के पैसे से देश के बड़े बड़े सरकारी संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएँ अपनी डिग्री लेकर विदेश चले जाते हैं। उनकी पढ़ाई पर हमारे टैक्स का जो पैसा खर्च होता है, उसका कोई लाभ देश को नहीं मिलता है। हमारे पैसों से पढ़ने वाले ये लोग विदेश जाकर वहाँ की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं।

अमेरिका भारतीय छात्रों से सालाना 80 हजार करोड़ रुपये सालाना कमाई कर रहा है। आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, केंद्रीय विश्वविद्यालय समेत सभी केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों को जितना पैसा केंद्र ने अपने बजट में दिए हैं, उससे दोगुना पैसा हर साल भारतीय छात्र अकेले अमेरिका में पढ़ाई पर खर्च कर देते हैं। इस साल देश का उच्च शिक्षा बजट पैंतीस हजार करोड़ का है।

अमेरिकी सरकार द्वारा जारी हुई ओपेन डोर्स रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 196271 भारतीय छात्र अमेरिका में शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इसमें से 66 फीसदी यानी दो तिहाई निजी उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं और न्यूयॉर्क कैलिफोर्निया और मैसाचुएट्स जैसी जगहों पर रह रहे हैं।

अमेरिका में विदेशी छात्रों से अधिक फीस ली जाती है। दुनियाभर के उच्च शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग जारी करने वाली संस्था टाइम्स हायर एजुकेशन के मुताबिक, अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों में ट्यूशन फीस साढ़े तीन लाख रुपयों से लेकर 35 लाख तक होती है। औसत फीस करीब 23.5 लाख रुपये है। वहीं, रहने पर आने वाला सालाना औसत खर्च 7.61 लाख रुपये बैठता है।

अनुमान के मुताबिक, किसी भी विदेशी छात्र के लिए आने वाला खर्च 59.78 हजार अमेरिकी डॉलर है। रुपये में देखें तो यह करीब 42 लाख रुपये सालाना के बराबर है। 196271 छात्रों की बात करें तो यह भारत के कुल शिक्षा बजट (85010 करोड़) के करीब है।

जानकारों के मुताबिक, 90 फीसदी से अधिक भारतीय कंप्यूटर साइंस, गणित, मैनेजमेंट, साइंस और मेडिकल जैसे विषयों की पढ़ाई करते हैं, उनकी फीस औसत से अधिक ही रहती है। यदि हम छात्रवृत्ति पर अमेरिका गए कुछ हजार छात्रों को इसमें से हटा दें तो भी इस साल अमेरिका में पढ़ाई के लिए भारतीयों द्वारा खर्च की जाने वाली राशि 80 हजार करोड़ से अधिक ही होगी।

भारत सरकार के उच्च शिक्षा बजट से दोगुना से अधिक खर्च सिर्फ अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय छात्र कर रहे हैं। यदि अन्य देशों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को इसमें भी शामिल कर लिय जाए तो आंकड़ा कुल शिक्षा बजट से कई गुना अधिक हो जाएगा। उदाहरण के लिए कनाडा में एक लाख से अधिक, ऑस्ट्रेलिया एवं न्यूजीलैंड में क्रमश: 62 हजार और 29 हजार भारतीय छात्र उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं

साभार- https://www.livehindustan.com