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‘पानी बाबा’ नहीं रहे

अखबार के पन्नों पर अरुण कुमार ‘पानी बाबा’ के नाम, परम्परागत व्यंजनों की लम्बी लेखमाला और बिना लाग-लपेट के अपनी बात कहने के लिए मशहूर श्री अरुण जी नहीं रहे .

इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक, नागपुर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता का अध्ययन करने वाले श्री अरुण कुमार जी ने ’60 वे दशक के मध्य में नागपुर टाइम्स में उपसम्पादक पद से अपने पत्रकारिता धर्म की शुरुआत की. ’70 के दशक में समाचार एजेंसी यूएनआई के साथ काम किया.

पानी के अभियानों में सक्रिय भूमिका और ‘भारत का जल ‘ तथा ‘अन्न – जल ‘ पुस्तक ने उन्हें पानी बाबा के रूप में ख्याति दी. तरुण भारत संघ के पानी कार्यक्रमों में मैंने उन्हें कई मर्तबा मार्गदर्शी भूमिका में देखा. बेटा बटुक को उसकी ज़िन्दगी के लिए तैयार करने के उनके अंदाज़ को भी मैंने सामान्य पिता से भिन्न पाया.

ग़ाज़ियाबाद के वसुंधरा इलाके के सेक्टर 9 के जनसत्ता अपार्टमेंट के ए ब्लॉक का फ्लैट उनका अंतिम ठिकाना बना. मामूली बीमार रहने के बाद आज सुबह 9 मई, 2016 को प्रातः 10 30 बजे श्री अरुण कुमार ‘पानी बाबा’ ने अंतिम साँस ली. दोपहर बाद चार बजे हरनन्दी नदी { मोहन नगर, गाज़ियाबाद } के किनारे उनका अंतिम संस्कार किया गया.

इस मौके पर उपस्थित मेरे परिचित चेहरों में जनसत्ता के पूर्व सम्पादक श्री ओम थानवी और नवभारत टाइम्स के पूर्व सम्पादक श्री रामकृपाल सिंह के अलावा श्री राजेश रपरिया, श्री प्रदीप सिंह, श्री अरविन्द मोहन, श्री अरुण कुमार त्रिपाठी, श्री सत्येंद्र रंजन, श्री अनिल मिश्र समेत कई वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित थे.

गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री कुमार प्रशांत, सचिव श्री अशोक कुमार, तत्व प्रचार केंद्र के समन्वयक श्री रमेश चन्द्र शर्मा, गांधी मार्ग के प्रबंधक श्री मनोज झा के अतिरिक्त सामाजिक जगत के श्री विजय प्रताप, श्री अटल बिहारी शर्मा और डॉ. ओंकार मित्तल जी ने भी मौके पर पहुंचकर अपनी संवेदना दर्ज़ कराई.

स्वर्गीय अरुण कुमार पानी बाबा का फोटो संलग्न है

आपका
अरुण तिवारी
09868793799