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साइकिल के पहिए से बच्चों को दे रहीं शिक्षा, लगती है लाइन

इंदौर। मिड-डे मील जैसी सरकारी योजनाएं भी जहां बच्चों को आंगनवाड़ी की तरफ आकर्षित नहीं कर पातीं, वहीं धार में एक आंगनवाड़ी ऐसी भी है, जहां पढ़ने के लिए बच्चों की लाइन लगी रहती है। हम बात कर रहे हैं आदिवासी बहुल देलमी गांव के आंगनवाड़ी की।

दरअसल, यहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता संगीता पटेल ने साइकिल के पहिए से एक शिक्षा यंत्र बनाया है। उसके एक ही पहिए पर अंग्रेजी, गणित, हिन्दी के वर्णों के साथ-साथ बच्चों को रंगों से परिचय कराया जाता है। पहिया घुमाने के बाद जब वह तय जगह पर रुकता है तो बच्चे उसका नाम बताते हैं। पहिए घुमाने का हर बच्चे को इतना उत्साह रहता है कि उसके लिए नंबर लगाते हैं।

संगीता पटेल बताती हैं कि पहले वह केंद्र में बच्चों की कम उपस्थिति से परेशान थीं। घर-घर जाकर बच्चों को लाना पड़ता था, लेकिन शिक्षा यंत्र और नए-नए तरीके से बच्चों को सिखाने के बाद वे खुद-ब-खुद समय पर केंद्र पहुंच जाते हैं। इससे बच्चों की उपस्थिति काफी बढ़ गई है और पोषण स्तर भी बढ़ता जा रहा है।

महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक राजेश मेहरा ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने भी देलमी केंद्र का निरीक्षण किया था। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने न केवल गांव में बच्चों के पोषण को सुधारा, बल्कि अपनी कला-कौशल से सैकड़ों बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र की ओर आकर्षित कर रही है। उसने बिना सरकारी आदेश के खुद के कौशल से केंद्र में बेहतर व्यवस्था की है, वह सभी के लिए अनुकरणीय है। इस कार्यकर्ता को इंदौर में प्री स्कूल एजुकेशन ट्रेनिंग दी जाएगी। कार्यकर्ता को सम्मानित कर संभाग के सभी केंद्रों को देलमी का अनुकरण करने को कहा जाएगा।

साभार- http://naidunia.jagran.com/ से