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विश्व पुस्तक दिवस पर कोटा में बुकोथोन का आयोजन

कोटा। राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय कोटा में विश्व पुस्तक एवं कोपीराईट दिवस को “बूकोथोन” का आयोजन किया गया जिसकी थीम – “डाईव इन्टू डाईवरसीटी – एक्सप्लोर, लर्न एण्ड एम्पावर” थी। इस अवसर पर डॉ दीपक की पुस्तक “ज्ञान संगठन, सूचना प्रसंस्करण एवं पुनप्राप्ति“ का विमोचन मुख्य अतिथि राजू गुप्ता पूर्व सीईओ फेडरलाइट ग्रुप इंडिया, अध्यक्ष सागर आजाद, फाउंडर प्रेसीडेंट चेंप रीडर एसोशिएशन एण्ड एनीकडोट पब्लिशींग हाउस दिल्ली, विशिष्ट अतिथि डॉ प्रीतिमा व्यास लाईब्रेरीयन अकलंक ग्रुप ऑफ कालेज कोटा, डॉ नीलम काबरा असीसटेंट प्रोफेसर पुस्तकालय एव सूचना विज्ञान, आशीष जैन वरिष्ठ प्रबंधक आईडीएफसी फर्स्ट बैंक कोटा एवं गेस्ट ऑफ ऑनर बिगुल कुमार जैन सेवानिवृत उप मुख्य अभियंता तापीय परियोजना राजस्थान एवं कीनोट स्पीकर डॉ शशि जैन पुस्तकालयाध्यक्ष द्वारा किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ सर्व धर्म ग्रंथ पूजन (बिब्लीयोमेट्री सेरेमनी) के साथ सम्पन्न हुआ| इस अवसर पर डॉ दीपक कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पुस्तकों को पढ़ना तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। वे हमें नई दिशा में ले जाती हैं, समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती हैं, और हमें आत्म-समझ में सहायक होती हैं।

इस कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में सागर आजाद, चेंप रीडर एसोशिएशन एवं एनीकडोट पब्लिशिंग हाउस के फाउंडर प्रेसीडेंट ने अपनी उपस्थिति से इस उत्सव को समृद्ध किया। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व फेडरलाईट ग्रुप इंडिया के सीईओ, राजू गुप्ता ने उत्सव को गौरवित किया। उन्होंने विद्यार्थियों और प्रोफेशनल्स को पुस्तकों के महत्व को समझने की अपील की।

इस उत्सव में डॉ नीलम काबरा, असिस्टेंट प्रोफेसर, पुस्तकालय और सूचना विज्ञान, तथा डॉ प्रीतिमा व्यास, लाइब्रेरियन, अकलंक ग्रुप ऑफ कॉलेज, कोटा, जैसे विशिष्ट अतिथियों ने भी अपने अनुभवों और ज्ञान का साझा किया।

इस अवसर पर, बिगुल कुमार जैन, सेवानिवृत उप मुख्य अभियंता, तापीय परियोजना, राजस्थान, को “बेस्ट लाइब्रेरी रीडर ऑफ दी यीयर अवार्ड-2024” से सम्मानित किया गया। इस उत्सव में कार्यक्रम के मंच संचालन के लिए केबी दीक्षित का योगदान महत्वपूर्ण रहा। डॉ शशि जैन, डॉ नीलम काबरा, और डॉ प्रीतिमा व्यास ने अपने अनुभवों को साझा किया। इस उत्सव के समापन में, मुख्य अतिथि ने उद्बोधन दिया और अध्यक्षीय उद्बोधन ने धन्यवाद व्यक्त किया।यह उत्सव पुस्तकों के महत्व को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।