मुंबई।
भारतीय विचार मंच के तत्वाधान में स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष तीन दिवसीय 13 अगस्त से 15 अगस्त तक व्याख्यानमाला भारतीय इतिहास के विभिन्न काल खंड पर भायंदर(प) के रीना मेहता कॉलेज में आयोजित किया गया
तीन दिवसीय व्याख्यानमाला का प्रारंभ 13 अगस्त को कार्यक्रम की समारोह अध्यक्षा श्रीमती ज्योति प्रकाशकुमार राणे एवं समारोह में उपस्थित अतिथि रीना मेहता कॉलेज के संचालक सुश्री रीना मेहता, श्री नरेंद्र मेहता, मीरा भयंदर की आमदार श्रीमती गीता भरत जैन, तथा श्री चंद्रकांत जोशी के शुभहस्ते दीप प्रज्वलन एवं भारत माता पूजन के साथ हुआ।
राष्ट्रभक्ति गीत एवं संगीतमाय वातावरण को संगीत शिक्षक श्री सुजीत महात्रे जी ने सुशोभित किया ।
व्याख्यानमाला के प्रथम दिवस के विषय “प्राचीन एवम् समृद्ध भारत” के ओजस्वी वक्ता श्री चंद्रकांत जोशी (सचिव इतिहास संकलन समिति ,कोकण प्रांत) द्वारा एक विस्तृत एवं महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्यों पर रखा गया।
व्याख्यानमाला के द्वितीय दिवस का प्रारंभ उपस्थित अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं भारत माता पूजन से प्रारंभ हुआ आज के व्याख्यानमाला का विषय “””संघर्षमय अखंड भारत”” और इस विषय के ओजस्वी वक्ता श्री मंदार लक्ष्मीकांत भानूषे ने अत्यंत रोचक एवं रोंगटे खड़े कर देने वाले तथ्यों पर रखा, श्री मंदार लक्ष्मीकांत भानूषे (ABVP के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हैं)
व्याख्यानमाला का अंतिम एवं तृतीय दिवस पिछले 2 दिन के विषय की जानकारी प्राप्त होने पर अपेक्षित से ज्यादा संख्या में श्रोता गण समय से पूर्व ही अपना अपना स्थान ग्रहण कर चुके थे , आज के कार्यक्रम की शुरुआत अत्यंत राष्ट्रभाव से ओतप्रोत संगीतमय वातावरण तथा श्री सुजीत महात्रे जी के ज्योस्तुते प्रस्तुति और एक सुंदर कविता पाठ सुश्री वर्षा सिंह जी ने श्रोतागण के भारत माता के जयकारों से भर दिया, व्याख्यानमाला का प्रारंभ उपस्थित अतिथि समारोह अध्यक्षा श्रीमती ज्योति प्रकाशकुमार राणे, कार्यक्रम के कार्याध्यक्ष श्री महेश भायदे तथा आज व्याख्यानमाला विषय “स्वतंत्र आधुनिक व भविष्य का भारत”” के ओजस्वी तरुण वक्ता श्री दिग्विजय मिश्रा के शुभ हसते दीप प्रज्वलन एवं भारत माता पूजन से किया गया आज के विषय के वक्ता श्री दिग्विजय मिश्रा जी ने अपने उद्बोधन में गांधी जी को प्राप्त स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा 15 साल की छोटी सी बालिका दक्षिण अफ्रीका के संघर्षमय अहिंसा आंदोलन से किया और कई सूक्ष्म से सूक्ष्म बातें, नई पीढ़ी जो आज के आधुनिक संचार युग के माध्यम से जुड़ी हैं , उनके लिए राष्ट्रीय विचारों का प्रसारण ज्यादा से ज्यादा डिजिटल मध्यम से प्रसारित करने पर जोर दिया साथ ही राष्ट्र के परम वैभव को प्राप्त करने के लिए नित्य संगठन शक्ति एवं तरुणाई संगठन शक्ति का आगे आने पर बल दिया ।
पूर्ण तीन दिवसीय कार्यक्रम में कुल 400 से अधिक की संख्या रही अंतिम दिवस 200 से ज्यादा श्रोता गण उपस्थित थे कार्यक्रम में 15 से ज्यादा सामाजिक , धार्मिक एवं नेतृत्वशाली संगठनों का सहभाग रहा ,कार्यक्रम में शैक्षणिक संस्थाओं के संचालक का भी सहभाग रहा,।साथ ही छोटे बाल, विद्यार्थी जिन्होंने पूर्ण वंदे मातरम राष्ट्रगीत के गायन से प्रतिदिन कार्यक्रम के समापन में अपना योगदान दिया ।
व्याख्यानमाला के विषय से संदर्भित पुस्तक स्वराज@75 (संघर्ष भारत के स्व का )लेखक जे नंदकुमार, मराठी विवेक प्रकाशित “”अखंड भारत क्यों और कैसे” एवं सांस्कृतिक वार्ता द्वारा प्रकाशित विशेषांक “फाळणीच्या वेदना” के पुस्तकों का विमोचन हुआ।
केशव सृष्टि वनोऔषधि उत्पाद, गौ- सेवा केंद्र, तरुण भारत एवं राष्ट्रीय विचार वृद्धि पुस्तक बिक्री केंद्र के लगे स्टाल से आए श्रोतागण में साहित्य पठन स्वदेशी वस्तु के प्रति जागरूकता का संचार किया
सभी श्रोतागण द्वारा पूर्ण वंदे मातरम राष्ट्रीयगीत एवं भारत माता के पूजन के साथ इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का यशस्वी समापन हुआ ।