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रणकपुर केे मन्दिरों से प्रकट होता है अतीत के सौंदर्य का शास्त्र
मंदिर परिसर में नेमीनाथ और पारसनाथ को समर्पित दो मंदिर हैं जिनकी नक्काशी खजुराहो की याद दिलाती है। मुख्य मंदिर से कुछ ही दूरी पर 8 वीं सदी में निर्मित प्रसिद्ध सूर्य मंदिर भी दर्शनीय है। जिसमें सर्वत्र सूर्य को घोडों पर सवार दर्शाया गया है।
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256 फीट ऊंची चंबल माता की प्रतिमा की पादुका की पूजा से स्थापना का शुभारंभ
प्रतिमा का वजन 1500 टन के करीब रहेगा। प्रतिमा बैराज गार्डन के पास स्थापित की जा रही है जिसका चेहरा नयापुरा की ओर होगा प्रतिमा से जल का प्रवाह भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। प्रतिमा के ठीक नीचे 5 हाथियों की प्रतिमायें स्वागत करते नजर आयेगी।
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रक्षा मंत्री ने मुंबई में दो स्वदेशी फ्रंटलाइन युद्धपोतों का जलावतरण किया
प्रोजेक्ट 15बी श्रेणी के जहाज भारतीय नौसेना की अगली पीढ़ी के स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर हैं, जिन्हें एमडीएल में बनाया जा रहा है, जो हथियार प्रखर पी15ए (कोलकाता क्लास) डिस्ट्रॉयर्स के फॉलो-ऑन क्लास हैं।
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एक बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए हिंदू पद्धति : भाग 1
इसलिए, हमें "हिंदू ब्रह्मांड विज्ञान" और "न्यूटोनियन ब्रह्मांड विज्ञान" के बीच अंतर समझना चाहिए। "ऑल इज वन" की हिंदू अवधारणा में कहा गया है कि समाज एक शरीर है और समाज में हर व्यक्ति इसके अंग हैं,
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स्थापत्यकला का चमत्कार कीर्ति स्तम्भ
रामपोल से उत्तर की ओर जाने पर रतनसिंह राजमहल एवं रत्नेश्वर तालाब के पास छोटा सा कलात्मक भगवान शांतिनाथ जी का मंदिर है जिसे सन् 1175 में बनाये जाने का लेख है।
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भारतीय नौसेना के दो अग्रिम मोर्चे के युद्धपोतों का लोकार्पण
उदयगिरि’ का नाम आंध्रप्रदेश की पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। यह परियोजना 17ए का तीसरा फ्रिगेट है। इन्हें पी17 फ्रिगेट (शिवालिक श्रेणी) का अनुपालन करते हुये संशोधित स्टेल्थ विशेषताओं, उन्नत हथियारों, संवेदी उपकरणों और प्लेटफार्म प्रबंधन प्रणालियों से लैस किया गया है।
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अमर बलिदानी सुखदेव सिंह की कुछ यादगार बातें
अंग्रेजी हुकूमत ने सुखदेव और अन्य साथियों पर स्पेशल ट्रिब्यूनल गठित कर एक तरफा मुकदमा चला कर, अपने बनाये कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए बगैर पूरे गवाहों के बयान लिए, उनसे जिरह किये बिना,
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संघ क्या है और संघ ने क्या और कैसे हासिल किया है?
अब संघ कार्य की विकास यात्रा का चौथा पड़ाव चल रहा है. प्रत्येक स्वयंसेवक राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति करने के लिए संघ के साथ घटक के नाते जुड़ता है. इसलिए प्रत्येक व्यवसायी या कमाने वाले तरुण स्वयंसेवक ने समाज परिवर्तन के लिए अपनी रूचि एवं क्षमता के अनुसार किसी भी एक क्षेत्र को
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श्री गुरू तेग बहादुर जी का बलिदान भुलाया नहीं जा सकता
भारत में मुक्ति से मायने हैं मानवीय आत्मा को शरीर से पृथक हो जाना है। परन्तु गुरू जी के अनुसार मुक्ति अर्थात् सांसारिक दुःखें से निजात पाना है। मानवीय देह दुर्लभ है लेकिन यह दुःखों से घिरी रहती हैं।
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महाराणा प्रताप के पूर्वजों की शौर्यगाथा
बहुत समय के बाद इसी राजा गुह के वंश में नागादित्य नाम का एक राजा हुआ जिसका पुत्र बप्पारावल अपनी वीरता से सर्वत्र विख्यात हुआ। बप्पारावल की वीरता की जितनी भी प्रशंसा की जाय, थोड़ी है।