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शीना बोरा को जमानत मिली
बता दें कि अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में वह पिछले 6 साल से मुंबई की भायखला महिला जेल में बंद थीं। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट और सत्र अदालत मुखर्जी की अलग-अलग 7 जमानत याचिकाएं खारिज कर चुका है।
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औरंगजेब के खत से उठे ताज के निर्माण पर सवाल
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व निदेशक डॉ. डी दयालन ने अपनी पुस्तक ताजमहल एंड इट्स कन्जरवेशन में लिखा है कि मुहर्रम की तीसरी तारीख को 4 दिसंबर 1652 को शहजादा औरंगजेब जहांआरा के बाग में पहुंचे और अगले दिन उन्होंने चमकते हुए मकबरे को देखा।
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इंदौर में उर्दू हनुमान चालीसा की मांग अचानक बढ़ी
इंदौर में लगभग 100 साल से भी अधिक पुरानी धार्मिक पुस्तकों की सबसे बड़ी दुकान सरदार सोहन सिंह बुक सेंटर है। दुकान के मालिक लाल बहादुर सिंह ने बताया कि इंदौर में वैसे तो हनुमान चालीसा का पाठ अधिकतर हिंदू परिवारों में ही होता है,
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ईशनिंदा कानून के खतरे और इस्लाम
ब्लासफेमी कानून बनाने की मांग उसी का अंग है। यह मांग करने वाले ऐसा कानून नहीं चाहते जो सभी धर्मांवलंबियों को समान सम्मान तथा किसी भी विध्वंस से सुरक्षा दे, बल्कि ऐसा कानून चाहते हैं, जो केवल इस्लाम की आलोचना रोके। इस्लामी समूह यह दोहरी जिद इतने खुले रूप में रखते हैं
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जहाँगीरपुरी हिंसा पर फैक्ट फाइंडिंग टीम की रिपोर्ट आई सामने
दिल्ली के जहाँगीरपुरी (Jahangirpuri Violence) में हनुमान जयंती के मौके पर 16 अप्रैल को हुई हिंसा पर फैक्ट फाइंडिंग टीम की रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट को बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों के समूह (जीआईए) द्वारा तैयार किया गया है।
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भारत के विभाजन के कारक ‘खिलाफत आंदोलन’ को भारत सरकार बता रही आजादी का आंदोलन
कांग्रेस नेता और विद्वान केएम मुंशी के अनुसार अधिकांश नेता मानते थे कि गांधी जी एक गलत उद्देश्य के लिए अनैतिक काम कर रहे हैं जिससे बड़े पैमाने पर हिंसा होगी और सुशिक्षित हिंदू-मुस्लिमों की राजनीतिक भागीदारी घटेगी। जिन्ना ने भी गांधी जी को चेतावनी दी थी कि मुल्ले-मौलवियों को राजनीतिक मंच देकर वह बड़ी भूल कर रहे हैं।
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एक क्लर्क की गलती और… दिल्ली को बसाने वाले पांडवों का नाम मिट गया दिल्ली के नक्शे से
आज पंडारा रोड को दिल्ली की उन टॉप 10 जगहों में गिना जाता है, जहाँ का ज़ायकेदार खाना खाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। इंडिया गेट से क़रीब इस मार्ग के बारे में अगर आप इंटरनेट पर भी सर्च करने का प्रयास करेंगे तो इसके नाम के इतिहास से ज्यादा वहाँ मौजूद रेस्टरां के नाम आपको देखने को मिलेंगे। बता दें कि आधुनिक दिल्ली में यहाँ की नाइट लाइफ भी बहुत मशहूर है।
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ क्यों चुप है …???
तब आप उनको निठल्ला, फालतू व पागल समझ कर उनकी उपेक्षा करते हो-और इतना ही नहीं उन्हैं साम्प्रदायिक कह कर गाली देते हो। अपने को सेक्यूलर मानकर अपनी शेखी बघारते हो।केवल अपने घर-परिवार, व्यवसाय को प्राथमिकता देते हो तथा अपने बच्चों का भविष्य बनाने में ही जुटे रहते हो।
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राम नवमी के जुलूस पर पत्थरबाज़ी के पीछे कौनसी मानसिकता और क्या है उसका उपचार?
भीतर कोई हिंदू परिवार है, जिसका कोई सदस्य यह वीडियो बना रहा है। कहने की जरूरत नहीं कि बाहर वे नौजवान जिहादी जुनून से सराबोर मुसलमान हैं। गुजरात से लेकर मध्यप्रदेश तक कई जगह शोभायात्राओं पर पथराव हुए हैं।
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श्री लंका की सच्चाई भारत के लिए भी चेतावनी है
वहीं भारत? अपना भविष्य अफ्रीकी देशों के उन मॉडल की और ले जाता हुआ, जहां प्रधानमंत्री की सत्ता भूख और नस्ली-जातीय हिंसा से गृहयुद्ध अनुभव लगातार है। मैं चालीस वर्षों से जिम्बाब्वे और इथियोपिया पर गौर करते हुए हूं।