Wednesday, April 24, 2024
spot_img
Homeदुनिया भर कीनेपाल में स्थापित होगी महर्षि वेद व्यास की 108 फीट ऊँची प्रतिमा

नेपाल में स्थापित होगी महर्षि वेद व्यास की 108 फीट ऊँची प्रतिमा

पश्चिमी नेपाल के तान्हु जिले के व्यास नगर निगम में महर्षि वेदव्यास (Ved Vyasa) की 108 फुट ऊंची प्रतिमा बनाने की योजना तैयार की गई है. महर्षि वेद व्यास को हिंदू धर्मग्रंथ वेद को चार श्रेणियों में वर्गीकृत करने का श्रेय दिया जाता है. माना जाता है कि उनका जन्म तान्हु जिले में हुआ था. कहा जाता है कि इसी क्षेत्र के व्यास गुफा में उन्होंने महाभारत की रचना की थी. प्रस्तावित प्रतिमा का निर्माण जिले के शिव पंच्यान मंदिर में किया जाएगा. इसका उद्देश्य भारत और नेपाल से धार्मिक पर्यटकों को आकर्षित करना है.

हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार महर्षि व्यास त्रिकालज्ञ थे और उन्होंने दिव्य दृष्टि प्राप्‍त थी. महर्षि व्यास ने वेद का चार भागों में विभाजन कर दिया ताकि कम बुद्धि और कम स्मरणशक्ति रखने वाले भी वेदों का अध्ययन कर सकें. महर्षि वेदव्‍यास ने उन ग्रंथों का नाम रखा- ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद. वेदों का विभाजन करने के कारण ही व्यास वेदव्यास के नाम से प्रसिद्ध हुए. वेद में निहित ज्ञान के अत्यन्त गूढ़ तथा शुष्क होने के कारण वेद व्यास ने पांचवे वेद के रूप में पुराणों की रचना की जिनमें वेद के ज्ञान को रोचक कथाओं के रूप में बताया गया है. पुराणों को उन्होंने अपने शिष्य रोम हर्षण को पढ़ाया. व्यास के शिष्यों ने अपनी अपनी बुद्धि के अनुसार उन वेदों की अनेक शाखाएं और उप शाखाएं बना दीं. व्यास ने महाभारत की भी रचना की.

महर्षि वेदव्‍यास का जन्‍म आषाढ़ शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा को हुआ था. उनके जन्‍मदिवस को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा का विधान है. दरअसल, गुरु की पूजा इसलिए भी जरूरी है क्‍योंकि उसकी कृपा से व्‍यक्ति कुछ भी हासिल कर सकता है. गुरु की महिमा अपरंपार है. गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्‍ति नहीं हो सकती. गुरु को तो भगवान से भी ऊपर दर्जा दिया गया है

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार