Saturday, April 20, 2024
spot_img
Homeभारत गौरवभारत के मशहूर वास्तुविद बालकृष्ण दोशी प्रतिष्ठित प्रित्जकर पुरस्कार से सम्मानित

भारत के मशहूर वास्तुविद बालकृष्ण दोशी प्रतिष्ठित प्रित्जकर पुरस्कार से सम्मानित

भारत के मशहूर वास्तुविद बालकृष्ण दोशी को नोबल पुरस्कार के बराबर माने जाने प्रतिष्ठित प्रित्जकर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार आर्किटेक्चर क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वालों को दिया जाता है। पुणे में जन्मे 90 साल के दोशी इस सम्मान को पाने वाले पहले भारतीय हैं। यह पुरस्कार पाने वालों में दुनिया के मशहूर आर्किटेक्ट जाहा हदीद, फ्रैंक गहरी, आईएम पेई और शिगेरू बान के नाम शामिल हैं।

प्रित्जकर की ज्यूरी का कहना है कि सालों से बालकृष्ण दोशी ने एक ऐसा आर्किटेक्ट बनाया है जो गंभीर, गैर-आकर्षक और ट्रेंड्स को फॉलो नहीं करते हैं। उनके अंदर अपने देश और लोगों के जीवन में योगदान देने की इच्छा होने के साथ ही जिम्मेदारी की गहरी समझ है। उच्च गुणवत्ता, प्रामाणिक वास्तुकला के जरिए उन्होंने सार्वजनिक प्रशासन और उपयोगिताओं, शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्थान और रिहायशी और प्राइवेट क्लांइट्स और दूसरी इमारतें बनाई हैं।

मुंबई से की पढ़ाई

मुंबई के प्रतिष्ठित जेजे स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर से पढ़ाई करने वाले दोशी ने वरिष्ठ आर्किटेक्ट ले कॉर्ब्यूसर के साथ पेरिस में साल 1950 में काम किया था। उसके बाद वह भारत के प्रोजेक्ट्स का संचालन करने के लिए वापस देश लौट आए। उन्होंने साल 1955 में अपने स्टूडियो वास्तु-शिल्प की स्थापना की और लुईस काह्न और अनंत राजे के साथ मिलकर अहमदाबाद के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के कैंपस को डिजायन किया।

इसके बाद उन्होंने आईआईएम बंगलूरू और लखलनऊ, द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, टैगोर मेमोरियल हॉल, अहमदाबाद का द इंस्टिट्यूट ऑफ इंडोलॉजी के अलावा भारत भर में कई कैंपस सहित इमारतों को डिजायन किया है। जिसमें कुछ कम लागत वाली परियोजनाए भी शामिल हैं। पुरस्कार लेने के लिए दोशी मई में टोरोंटो जाएंगे और वहां वह एक लेक्चर भी देंगे।

साभार- हि्न्दुस्तान लाईव से

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार