Saturday, April 20, 2024
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भारतरत्न सीएनआर राव को मिली है 60 पीएचडी उपाधियाँ

आजादी की लड़ाई के दौर में जब महामना पं. मदन मोहन मालवीय बीएचयू की परिकल्पना कर रहे थे तो उनके जेहन में आजाद भारत को चलाने वाले सक्षम युवाओं की फौज तैयार करना ही कौंध रहा था। महामना की इस परिकल्पना को कई विद्यार्थियों ने साकार किया है। कई ऐसे नाम हैं, जिनपर देश को गर्व है। स्वाभाविक रूप से बीएचयू इनके नाम से अपना सिर ऊंचा करता है। इनमें से कई इस महीने 17 और 18 तारीख को आयोजित पुरा छात्र सम्मेलन में हिस्सा लेने आयेंगे। ‘ दैनिक हिन्दुस्तान’ इस दिशा में अभिनव पहल करते हुए ऐसे मनीषियों का परिचय करा रहा है।

महान विज्ञानी भारत रत्न डॉ. सीएनआर राव आज देश की वैज्ञानिक नीतियों को तय करते हैं। विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाने वाले प्रख्यात रसायन विज्ञानी डॉ. राव को देश के सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार भारतरत्न से नवाजा गया। दुनिया इन्हें सॉलिड स्टेट और मैटेरियल केमिस्ट्री की विशेषज्ञता की वजह से जानती है।

भारत के प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. बेंगलुरु के कन्नड़ परिवार में जन्मे
माता का नाम नागम्मा नागेश राव और पिता का नाम हनुमंत नागेश राव है। 1951 में मैसूर विश्वविद्यालय से स्नातक तथा बीएचयू से स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की। मैसूर विश्वविद्यालय से ही 1961 में डीएससी की उपाधि ली। 1963 में डॉ. राव आईआईटी कानपुर से एक संकाय सदस्य के रूप में जुड़े। उन्हें दुनिया भर के विश्वविद्यालयों ने 60 मानद पीएचडी डिग्रियों से सम्मानित किया है। भारतीय वैज्ञानिक समुदाय में डॉ. राव को आदर्श के रूप में देखा जाता है।

पन्द्रह सौ शोध पत्र
डॉ. सीएनआर राव ने करीब 15 सौ शोध पत्र और 45 किताबें लिखी हैं। रसायन विज्ञान के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों के लिए दुनियाभर की विज्ञान अकादमियों में वे जाने जाते हैं,और ज्यादातर उन्हें अपनी सदस्यता और फेलोशिप से भी नवाज चुके हैं। डॉ. राव को बीएचयू से जब भी किसी कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण मिला, उन्होंने कभी इनकार नहीं किया। डॉ. राव ने पदार्थ के गुणों और उनकी आणविक संरचना के बीच बुनियादी समझ विकसित करने में अहम भूमिका निभाई है।

पुरस्कार व सम्मान
– 1964 में इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के सदस्य नामित
-1967 में फैराडे सोसाइटी ऑफ इंग्लैंड ने मार्लो मेडल दिया
-1968 में भटनागर अवार्ड से नवाजे गए
-1974 में पदमश्री
– 1985 में पदमविभूषण
– 1988 में जवाहरलाल नेहरू अवार्ड
– 1999 में इंडियन साइंस कांग्रेस के शताब्दी पुरस्कार
– 2014 में भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारतरत्न

साभार –https://www.livehindustan.com/ से

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