Friday, April 19, 2024
spot_img
Homeश्रद्धांजलिप्रख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल का निधन

प्रख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल का निधन

जाने माने भजन गायक विनोद अग्रवाल अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं। 63 साल की उम्र में मथुरा में उनका निधन हो गया। विनोद अग्रवाल के सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।

विनोद अग्रवाल वृंदावन स्थित आवास पर रविवार को थे तभी उनकी अचानक उनके सीने में दर्द की शिकायत हुई। इसके बाद उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। 6 जून 1955 को दिल्ली में जन्‍मे विनोद अग्रवाल दो दिन से मथुरा के नयति अस्पताल में भर्ती थे जहां मंगलवार सुबह 4 बजे उन्‍होंने उनके परिवार के सदस्य भी मुंबई से मथुरा पहुंच चुके हैं। दोपहर एक बजे उनके आवास पुष्पांजलि बैकुंठ कालोनी स्थित गोविंद की गली से अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। शाम चार बजे अंतिम संस्कार होगा।

डॉक्‍टर विनोद अग्रवाल व्‍यवसायी परिवार से ताल्‍लुक रखते थे लेकिन भगवान कृष्‍ण की भक्‍ति में वह भजन गायक बन गए। वह कनाडा की मैकगिल यूनिवर्स‍िटी में 1978 से 1992 तक प्रोफेसर भी रहे थे। यहां वह कंप्‍यूटर साइंड ड‍िपार्टमेंट में थे।

इसके बाद उन्‍होंने लॉजिक विजन कंपनी की स्‍थापना की। ये कंपनी देश की पहली टेक्‍नोलॉजी आईपीओ कंपनी थी। इसके बाद उन्‍होंने यह कंपनी छोड़ दी और एक नई कंपनी सेम इंड‍िया की शुरुआत की।

ब‍िरला इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी से इंजीनियरिंग की ड‍िग्री हासिल करने वाले विनोद अग्रवाल यूनिवर्सिटी ऑफ पीट्सबर्ग से साइंस में मास्‍टर्स थे। इतना ही नहीं उन्‍होंने द जॉन यूनिवर्सिटी हॉपकिंंस से से पीएचडी भी की थी। कनाडा की मैकगिल यूनिवर्स‍िटी में 1978 से 1992 तक प्रोफेसर भी रहे। इसके बाद उन्‍होंने लॉजिक विजन कंपनी की स्‍थापना की। यह कंपनी देश की पहली टेक्‍नोलॉजी आईपीओ कंपनी थी। बाद में उन्‍होंने यह कंपनी छोड़ दी और एक नई कंपनी सेम इंड‍िया की शुरुआत की।

भजन सम्राट के नाम से विख्यात विनोद अग्रवाल के दो बच्चे हैं जिनकी शादी हो चुकी है। उनके बेटे का मुंबई में कपड़ों का कारोबार है। विनोद देश विदेश में अब तक तीन हजार से भी अधिक कार्यक्रम पेश कर चुके हैं। उनके राधा कृष्ण के भजन लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है।

विनोद अग्रवाल का जन्म 6 जून 1955 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता स्वर्गीय किशननंद अग्रवाल और मां स्वर्गीय रत्नदेवी अग्रवाल को भगवान कृष्ण और राधा पर अटूट विश्वास था। 1962 में माता-पिता और भाई-बहनों के साथ वह दिल्ली से मुंबई चले गए। 20 साल की उम्र में विनोद अग्रवाल की शादी कुसुमलता अग्रवाल से हो गई थी। उनके दो बच्चे जतिन ओर शिखा हैं। महज 12 वर्ष की आयु में उन्होंने भजन गायन और हार्मोनियम बजाना सीख लिया। उनके भजन देश में ही नहीं विदेशों में भी सुने जाते हैं। देश-विदेश में करीब 1500 से अधिक लाइव कार्यक्रम किए हैं।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार