Saturday, April 20, 2024
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Homeपुस्तक चर्चा"भारतीय स्थापत्य की अमूल्य निधि जैन मंदिर" पुस्तक का लोकार्पण

“भारतीय स्थापत्य की अमूल्य निधि जैन मंदिर” पुस्तक का लोकार्पण

कोटा 9 नवंबर/ कला, संस्कृति एवं पर्यटन के विख्यात लेखक डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल की पुस्तक “भारतीय स्थापत्य की अमूल्य निधि जैन मंदिर” का सोमवार को कलेक्ट्री परिसर में मुख्य अथिति प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक, लेखक, पत्रकार नरेश विजयवर्गीय ने किया। लेखक ने उन्हें पुस्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया।

मुख्य अथिति विजयवर्गीय ने कहा कि धार्मिक पर्यटन और आस्था स्थलों के बारे में खोजपूर्ण लेखन एक साधना और तपस्या है। पुस्तक में देश भर के जेन मंदिरों को पर्यटन आकर्षण से जोड़ते हुए भारतीय स्थापत्य के संदर्भ में डॉ. सिंघल ने जिस करिश्माई अंदाज़ में लेखन किया है यक़ीनन यह ऐतिहासिक दस्तावेज बन गया है।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष एडवोकेट प्रमोद शर्मा ने कहा कि डॉ.सिंघल यूँ तो पर्यटन लेखन को लेकर कीर्तिमान बना रहे हैं लेकिन जैन धर्म स्थंलों और मंदिरों के मामले में उनका सारगर्भित लेखन जैन समाज के लिए ही नहीं धार्मिक स्थलों को स्थापत्य कला और पर्यटन की दृष्टि से देखने वाले लोगों के लिए बहुउपयोगी पुस्तक बन गयी है।

विशिष्ठ अतिथि के रूप में सोशल मीडिया एक्टिविसट ,ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कहा कि लेखक नियमित रूप से हर धर्म मज़हब के स्थलों , मंदिर , मस्जिद, खानकाह , दरगाह , गुरुद्वारे ,चर्च के मामले में पृथक पृथक लेखन कर रहे हैं इसीलिए पर्यटन लेखके के रूप में उन्हें राष्ट्रीय सर्वधर्म एकता के पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है। अकेला ने कहा कि जैन मंदिर पर लिखित यह पुस्तक सत्य अहिंसा परमोधर्म के सिद्धांत पर चलने वाले खासकर जैन धर्म के अनुयायियों, जैन धर्म पर शोध करने वाले शोधार्थियों तथा पर्यटकों के लिए खोजपूर्ण , ऐतिहासिक , हैंडबुक के रूप में एक अविस्मरणीय दस्तावेज बन गई है।

विशिष्ठ अथिति पत्रकार संगठन आईएफएमडब्ल्यूजे के वरिष्ठ पदाधिकारी के. के. शर्मा ने कहा कि लेखक ने जैन धर्म के लिए ही नहीं ऐतिहासिक धर्म स्थलों पर पर्यटन स्थलों के खोजपूर्ण लेखन कार्य किया है जो शोधार्थियों के लिए भी बहुउपयोगी होगा। वरिष्ठ पत्रकार के. डी.अब्बासी ने कहा कि जैन मंदिरों के इतिहास , निर्माण , स्थापत्य कला की यादों को एक पुस्तक में पिरोने का भागीरथी प्रयास के लिएं लेखक बधाई के पात्र हैं।

पुस्तक के लेखक डॉ. सिंघल ने सभी का स्वागत करते हुए बताया कि पुस्तक में देश के प्रमुख 47 जैन मंदिर को सचित्र एक पुस्तक में संक्षिप्त परिचय के साथ वर्णित करने का प्रयास किया गया है। यह पुस्तक भारतीय स्थापत्य कला के संदर्भ में जैन मंदिरों को समझने पर्यटन विकास में सहायक सिद्ध होगी। पुस्तक की प्रस्तावना सेवा निवृत वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक अधिकारी रमेश चंद जैन ने लिखी है। पुस्तक का प्रकाशन वीएसआरडी एकेमिक पब्लिशिंग मुंबई द्वारा किया गया है जो अमेज़ॉन पर उपलब्ध है। 188 पेज की पुस्तक का मूल्य 250 रुपए है।

कार्यक्रम में राकेश सिंह, एडवोकेट रेखा कुमारी, पत्रकार न्याज़ अहमद, रामगोपाल चतुर्वेदी, राजा महोबिया , रामहेत कुमार , आशा रानी , डी.के.जोशी , अंसार इन्दोरी , सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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