Wednesday, April 24, 2024
spot_img
Homeमनोरंजन जगतडाउन सिंड्रोम से पीड़ित एक व्यक्ति के संघर्ष पर बनी ईरानी फिल्म...

डाउन सिंड्रोम से पीड़ित एक व्यक्ति के संघर्ष पर बनी ईरानी फिल्म ‘नारगेसी’ ने इफ्फी 53 में आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक जीता

‘डाउन सिंड्रोम’ वाले लोग भगवान के फरिश्ते होते हैं, उनके जीवन के बारे में कई खूबसूरत कहानियां हैं जो सुननी चाहिए: निर्देशक पयाम असकंदरी

गोआ। ईरानी फिल्म नारगेसी ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 53वें संस्करण में आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक जीता है, जो एक ऐसी फिल्म के लिए दिया गया है जो महात्मा गांधी के शांति, सहिष्णुता और अहिंसा के आदर्शों को दर्शाती है। फिल्म का निर्देशन पायम असकंदरी ने किया है।

यह फिल्म डाउन सिंड्रोम से पीड़ित एक व्यक्ति और उसके जीवन में इसके कारण पैदा होने वाली समस्याएं और परिणामों के बारे में है। इस पुरस्कार विजेता फिल्म में करुणा और कोमलता दो गुण दर्शाए गए हैं।

अपने वर्चुअल संदेश में निर्देशक पायम असकंदरी ने इफ्फी के ज्यूरी सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “यह पुरस्कार प्राप्त करना एक बड़ा सम्मान है, मैं उन लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया, इस फिल्म को बनाने के लिए, विशेष रूप से मेरा परिवार – मेरी प्यारी पत्नी और नारगेसी के सभी कलाकार और चालक दल को धन्यवाद देता हूं।”

उन्होंने आगे कहा, उनका मानना है कि ‘डाउन सिंड्रोम’ वाले लोग भगवान के फरिश्ते होते हैं और उनके जीवन के बारे में कई खूबसूरत कहानियां हैं जिन्हें सुना जाना चाहिए।

इस वर्ष, आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक की प्रतिस्पर्धा में दुनिया भर से नौ फिल्मों का चयन किया गया था। इस श्रेणी की प्रतिस्पर्धा में शामिल फिल्में निम्नलिखित हैं:

ए टेल ऑफ़ टू सिस्टर्स (बांग्लादेश | 2022)
फॉर्च्यून (ताजिकिस्तान | 2022)
मदर (बुल्गारिया | 2022)
नानू कुसुमा (भारत | 2022)
नरगेसी (ईरान | 2021)
पालोमा (ब्राजील, पुर्तगाल | 2022)
सऊदी वेल्लक्का (भारत | 2022)
द कश्मीर फाइल्स (भारत | 2021)
व्हाइट डॉग (कनाडा | 2022)

इफ्फी में हर साल, आईसीएफटी पेरिस और यूनेस्को संयुक्त रूप से एक फिल्म को गांधी पदक प्रदान करते हैं। आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पुरस्कार के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाली फिल्मों को पहले इफ्फी में दिखाया जाता है और फिर आईसीएफटी जूरी यूनेस्को के आदर्शों के आधार पर फिल्मों का मूल्यांकन करती है।

यूनेस्को ने 1994 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर स्मारक पदक जारी किया था। तब से आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पुरस्कार उस फिल्म को दिया जाने लगा जो महात्मा गांधी के शांति, सहिष्णुता और अहिंसा के आदर्शों को सबसे अच्छी तरह से दर्शाती है।

फिल्म के बारे में: नारगेसी
ईरान । 2021 । फारसी । 84 मिनट । रंगीन

कलाकार और टीम
निर्देशक और पटकथा लेखक: पयाम असकंदरी

निर्माता: शहाब हुसैनी

डीओपी: मोहम्मद नमदार

कलाकार: हुसैन असकंदरी, शहाब हुसैनी, गजल नजर

साऱांश
फिल्म में डाउन सिंड्रोम के साथ एक इंसान के संघर्ष को दिखाया गया है, जिसकी सबसे बड़ी तमन्ना सच्चा प्यार पाने और शादी करने की होती है। इसके लिए वह कुछ भी करने का प्रयास करता है। हालांकि ऐसा लगता है कि आज की दुनिया में उसके और उसके प्यार के लिए कोई जगह नहीं है। इसी दौरान एक उपहार उसकी जिंदगी को बदलकर रख देता है।

निर्देशक के बारे में
पयाम असकंदरी एक युवा ईरानी निर्देशक हैं, जो अपनी फिल्मों ‘नारगेसी’, ‘दि गुड, दि बैड, दि कॉर्नी’ (2017) और ‘मोहे’ (2016) के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अभिनेता और लेखक के रूप में भी काम किया है।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार