Saturday, April 20, 2024
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‘नो फादर इन कश्मीर’ फिल्म से होगी 14वें हैबिटेट फ़िल्म समारोह की शुरुआत

26 मई तक आयोजित हैबिटेट फ़िल्म उत्सव में 19 भारतीय भाषाओं की 42 फीचर फ़िल्में प्रस्तुत होंगी, जिनमें डॉक्युमेंट्री, शॉर्ट्स और स्टूडेंट फिल्में शामिल हैं|

नई दिल्ली: इंडिया हैबिटेट सेंटर के 14वें हैबिटैट फिल्म फेस्टिवल संस्करण के सिनेमाई सफर का आरंभ अश्विन कुमार की हाल ही में प्रकाशित फिल्म ‘नो फ़ादर इन कश्मीर’ से कल शुक्रवार 17 मई शाम 6 बजे होगा| यह फेस्टिवल आपको पेन इंडिया द्वारा चयनित निर्देशकों से फ़िल्म प्रदर्शन के बाद चर्चाओं का अवसर प्रदान करेगा|

10 दिन के फिल्म फेस्टिवल में फर्स्ट कट्स, इंडियन फेस्टिवल प्रीमियर और वर्ल्ड प्रीमियर, डेब्यू और मास्टर क्लासेस जैसे कई बेहतरीन प्रोग्राम सिने प्रेमियों के लिए यादगार बनने वाले हैं| फेस्टिवल में 19 से ज़्यादा भाषाओं की 42 फ़िल्में प्रदर्शित की जाएंगी, जिनमें मराठी, बंगाली, मलयालम, हिंदी, कश्मीरी, अंग्रेजी, तेलुगु, हरियाणवी, पंजाबी, असमी, कन्नड़, खासी, गद्दी, रावुला, गारो, शेरडुकपेन, लद्दाखी, कुमाउँनी और संथाली शामिल हैं| डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट्स और स्टूडेंट फ़िल्म सेगमेंट के तहत समीक्षकों द्वारा सराही गई 45 अतिरिक्त फ़िल्मों की स्क्रीनिंग भी की जाएगी|

प्रदर्शित फिल्मों में वाडा चेन्नई, कुम्बलंगी नाइट्स, नगरकीर्तन, द मॉस्किटो फिलॉसफी, मेहसमपुर, नोबेलमैन, तारीख़, दी गोल्ड लेडन शिप एंड द सेक्रेड माउंटेन, जॉनकी, लोर्नी – द फ्लेनुर, बारम, अभ्यक्तो, डेथ ऑफ एन इन्सेन और अन्य फिल्में शामिल हैं जिनकी स्क्रीनिंग के बाद उनके निर्देशकों से चर्चा की जा सकेगी| ‘अहा रे’ फ़िल्म की जानी-मानी अदाकारा ऋतुपर्णा सेन गुप्ता और फ़िल्म ‘आभासम’ की अदाकारा रीमा कल्लिंगल भी इस फ़िल्म फेस्टिवल में शामिल होंगी|

फ़िल्म निर्माताओं द्वारा मास्टर क्लास और उससे संबंधित मुद्दों पर पैनल चर्चा, स्क्रीनिंग में बड़ी संख्या में फ़िल्म प्रेमियों की आने की संभावना है, इससे ज्ञान के साथ-साथ समान रूप से दर्शकों का मनोरंजन भी होगा| फ़िल्म आभासम की स्क्रीनिंग के बाद #मीटू मूवमेंट पैनल और वुमन इन सिनेमा कलेक्टिव (फ़िल्मों में महिला सामूहिकता) (WCC) में मलयालम फ़िल्म अभिनेत्री रीमा कल्लिंगल, डायरेक्टर जुबिथ नाम्रदाथ भाग लेंगे| सत्र संचालन फ़िल्म क्रिटिक अन्ना एम.एम. वेट्टीकैड द्वारा किया जाएगा|

फेस्टिवल में डॉक्यूमेंट्रीज के साथ-साथ शोर्ट मूवीज और छात्रों द्वारा बनाई फिल्मों की साझेदारी भी बढ़ने लगी है| दादासाहेब फाल्के सम्मान से सम्मानित, निर्देशक सविता ओबेरॉय द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्रीज को भी विशेष रूप से प्रदर्शित किया जायेगा| PSBT फिल्म्स के डॉक्यूमेंट्री सेगमेंट का मुख्य आकर्षण होगी प्रतीक बासु की फिल्म रंग महल, जिसे 69वें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के तहत चुना गया था| हैबिटेट फ़िल्म फेस्टिवल में बहुत से प्रतिभाशाली छात्रों की भी फ़िल्में प्रदर्शित की जायेंगी, जिनमें द फायरफॉक्स गार्जियन, ग्लो वर्म इन ए जंगल, खेला, व्हाट इज द कलर ऑफ़ कलरलेस स्काई इत्यादि शामिल हैं| न्यू स्टूडेंट’स सिनेमा सेगमेंट के तहत ‘फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट पुणे’, ‘सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट कोलकाता’, ‘AJK मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर जामिया मिलिया इस्लामिया’, ‘श्री औरोबिन्दो सेंटर फॉर आर्ट्स एंड कम्युनिकेशन (SACAC)’ इत्यादि के बहुत से युवा और उभरते हुए फिल्म निर्माता हिस्सा लेंगे|

सुश्री विद्युन सिंह, इंडिया हैबिटेट सेंटर की प्रोग्राम निदेशक का कहना है “हैबिटेट फ़िल्म फेस्टिवल फिल्मों के वैविध्यपूर्ण चुनाव के लिए जाना जाता है| पिछले 14 सालों से, यह भारत की बेहतरीन फ़िल्में प्रस्तुत कर रहा है, ऐसी फ़िल्में जो सामाजिक और स्थानीय संदर्भों से गहराई से जुड़ी रहती हैं, जिनमें गहन समझ और संवेदनशीलता होती है| यह चयन हमारे चरित्र की विविधता को पुष्ट करता है| फ़िल्में हमेशा से समुदाय को करीब लाने का मजबूत माध्यम रही हैं, और हम एक बार फिर से भारत की श्रेष्ठ फ़िल्में प्रस्तुत करते हुए रोमांचित हैं|”

फिल्म उत्सव में प्रदर्शित सभी फिल्मों में अंग्रेजी उपशीर्षक होंगे| फिल्म देखने के लिए में प्रवेश मुफ्त है, लेकिन पहले से रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है|

www.habitatfilmclub.com पर किये जा सकेंगे| पास IHC के प्रोग्राम डेस्क से प्राप्त किये जा सकते हैं|

संतोष कुमार
M -9990937676

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