Friday, March 29, 2024
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रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु की एक और सौगात कांडला पोर्ट को रेल से जोड़ा

अमरेली। गुजरात में दूसरी प्राइवेट रेल लाइन का उद्घाटन हो गया है। राज्य के कांडला बंदरगाह के पास टुना टेकरा स्थित कार्गो टर्मिनल को देश के रेलवे नेटवर्क से जोड़ दिया गया है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दिल्ली स्थित रेल भवन से रिमोट कंट्रोल सिस्टम के जरिए गांधीधाम-टुना टेकरा के बीच पहली माल गाड़ी को हरी झंडी दिखाई। यह गुजरात की दूसरी गैर-सरकारी रेलवे लाइन है। इससे पहले अमरेली में पिपावाव पोर्ट को जोड़ने वाली रेलवे लाइन भी प्राइवेट स्तर पर ही बनाई गई थी।

गांधीधाम-टुना टोकरा के बीच 17.55 कि. मी. लंबी ब्रॉड गेज रेलवे लाइन प्राइवेट रेल है जिसके निर्माण की लागत 185 करोड़ रुपये आई। कांडला पोर्ट, अडाणी पोर्ट और अडाणी ग्रुप का स्पेशल इकनॉमिक जोन (एपीएसईजे) को मैनेज करने वाले कांडला पोर्ट ट्रस्ट (केपीटी) ने रेलवे परियोजना की फंडिंग की है। इस नई लाइन का कंस्ट्रक्शन मई 2014 में शुरू हुआ था और साल भर के अंदर इसे पूरा भी कर लिया गया।

रेलवे की ओर से जारी रिलीज में कहा गया है कि करीब 18 कि. मी. की लाइन में 11 कि. मी. रेलवे द्वारा बनाया गया है जबकि शेष 7 कि. मी. लाइन केपीटी ने बिछाई है। रेल मंत्री ने जिस पहली माल गाड़ी को हरी झंडी दिखाई उसमें 59 डब्बे थे। इन डब्बों में 5,150 टन कोयला लदा था जिसे नॉर्थ रेलवे के अजमेर डिविजन अंतर्गत श्री सीमेंट साइंडिंग्स ले जाया गया। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि एनजीआर पॉलिसी 2012 के तहत गांधीधाम-टुना टेकरा लाइन इंडियन रेलवेज का पहला नन-गवर्नमेंट रेलवे (एनजीआर) प्रॉजेक्ट है। एक रेल अधिकारी ने बताया कि रेलवे को इससे सालाना 500 करोड़ रुपये की आय की उम्मीद है।

केपीटी के ट्रैफिक मैनेजर मुकेश बलानी ने कहा, 'टुना और ड्राइ कार्गो स्टेशन के विकास की दिशा में रेलवे लाइन का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है। टुना बंदरगाह सड़क से जुड़ी थी लेकिन अब यह रेल से भी जुड़ गई है। ड्राइ कार्गो टर्मिनल मुख्य रूप से कोयला और खाद के लिए है। समुद्र तट से दूर के टर्मिनल पर कार्गो को खाली करने के बाद इसे समुद्र तट के स्टोरेज यार्डों में लाया जाएगा।'

गुजरात पीपावाव पोर्ट लि. ने इंडियन रेलवेज के साथ भागीदारी से गांधीधाम-टुना टेकरा रेलवे लाइन से अमरेली जिला स्थित पीपावाव पोर्ट से सुंदरनगर को जोड़ने के लिए प्राइवेट लाइन बिछाई थी।

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