Thursday, April 25, 2024
spot_img
Homeचर्चा संगोष्ठीआज मीडिया शिक्षा और पत्रकारिता में नयी संभावनाएं और उभरते अवसर पर...

आज मीडिया शिक्षा और पत्रकारिता में नयी संभावनाएं और उभरते अवसर पर वेबीनार

महू (इंदौर).गाजर घास से पूरे समाज को खतरा-डॉ. कंसाना

डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू एवं आइसीआर जबलपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय वेबीनार को संबोधित करते हुए वैज्ञानिक डॉ. बी.एस. कंसाना ने कहा कि-‘गाजर घास मनुष्य, पशु एवं पर्यावरण सबके लिए नुकसानदेह है. इस समस्या से निपटने के लिए पूरे देश को एकजुट होना पड़ेगा’. डॉ. कंसाना ‘गाजरघास उन्मूलन एवं जागरूकता’ विषय पर आयोजित वेबीनार को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि 1955 में अमेरिका से मंगाये जाने वाले गेहूं के साथ यह गाजर घास आया था. उन्होंने गाजरघास की विभीषिका का उल्लेख करते हुए बताया कि एक फूल में 25 हजार बीज होते हैं जो पूरे समाज के लिए नुकसानदेह है. गाजरघास से एग्जिमा और अस्थमा से जैसे रोग फैलता है. उनका कहना था कि इलाज के बाद थोड़े दिनों के लिए आराम तो मिल जाता है लेकिन बाद में फिर उभर आता है.

वेबीनार के आरंभ में अतिथियों का परिचय विभागाध्यक्ष डॉ. अरूण कुमार ने दिया. कार्यक्रम की अध्यक्ष डीन डॉ. मनीषा सक्सेना ने कहा कि गाजर घास को लेकर अनेक किस्म की भ्रांतियां और सवाल है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी इलाकों में जानकारी के अभाव में गाजर घास को तोड़ कर फेंक दिया जाता है जिससे अनेक रोग फैल जाते हैं. उन्होंने कहा कि इसके प्रति जन-जागरूकता जरूरी है. कार्यक्रम का संचालन डॉ. जितेन्द्र वर्मा ने किया.

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार