Thursday, April 25, 2024
spot_img
Homeब्लॉगमोदीजी भारत सरकार में हिन्दी के अच्छे दिन कब आएँगे

मोदीजी भारत सरकार में हिन्दी के अच्छे दिन कब आएँगे

महोदय/महोदया,

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (रअविस) अथवा डीआरडीओ का प्रतीक चिह्न द्विभाषी रूप में नहीं है जबकि राजभाषा अधिनियम के अनुसार इसे पूर्णतः द्विभाषी होना चाहिए। 

रअविस अपनी बैठकों/कार्यक्रमों के बैनर/पोस्टर एवं अतिथि नाम पट  केवल अंग्रेजी में तैयार करता है जबकि भारत अब अंग्रेजों का गुलाम नहीं हैं और राजभाषा कानून भी स्पष्ट है.राजभाषा अधिनियम कहता है भारत सरकार के हर कार्यालय /निकाय के लिए यह अनिवार्य है कि 'क' क्षेत्र में होने वाले सभी कार्यक्रमों/बैठकों (राष्ट्रिय /अंतरराष्ट्रीय) के बैनर/पोस्टर/आमंत्रण -पत्र/ अतिथि नामपट अनिवार्य रूप से द्विभाषी (हिन्दी-अंग्रेजी में एकसाथ) बनाए/छपवाए जाएँ और 'ख' एवं ''ग' क्षेत्र में त्रिभाषी रूप में (प्रांतीय भाषा /हिन्दी /अंग्रेजी एकसाथ). 

रअविस की हिंदी वेबसाइट पर अद्यतित नहीं की जा रही है और हिंदी वेबसाइट पर सभी अन्य पीडीएफ फाइलें केवल अंग्रेजी में हैं. 

उदाहरण के लिए हाल ही आयोजित निम्न कार्यक्रमों के लिए के बैनर/पोस्टर एवं अतिथि नाम पट केवल अंग्रेजी में छपवाए गए गए, चित्र भी इसी क्रम में संलग्न हैं:

१. अग्नि, विस्‍फोटक एवं पर्यावरण सुरक्षा केन्‍द्र की निदेशक डा. चित्रा राजगोपाल 08 मार्च, 2015 को नई दिल्‍ली में अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ''अनुसंधान और विज्ञान में उत्‍कृष्‍ट महिला नवाचारक'' विषय पर राष्‍ट्रीय कार्यशाला के दौरान विजेता-2015 चुनी गई माउंट एवरेस्‍ट पर चढ़ने वाली पहली निशक्‍त महिला सुश्री अरुणिमा सिन्‍हा को एक स्‍मृति चिह्न भेंट करती हुई।
२. योजना (स्वतंत्र प्रभार) और रक्षा राज्य मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह और भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री श्री जी.एम. सिद्धेश्वरा 16 फरवरी, 2015 को बेंगलुरू में "एयरोस्पेस: विजन 2050" पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर 'संगोष्ठी स्मारिका' और 'उपयुक्तता और प्रमाणन' पर एक विशेष अंक का विमोचन करते हुए।
३. पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम 18 दिसंबर, 2014 को अवाड़ी, चेन्नई में कॉम्‍बेट व्‍हीकल्‍स रिसर्च एंड डवलपमेंट (सीवीआरडीई) में दो दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस ऑन कंडीशन मॉनटरिंग (एनसीसीएम)-2014 के उद्घाटन के बाद मुख्य संबोधन करते हुए.

कृपया राष्ट्रपति जी के आदेशों एवं राजभाषा कानून का पालन करवाएँ।

भवदीय, 
प्रवीण जैन 
ए -103, आदीश्वर सोसाइटी, 
श्री दिगंबर जैन मंदिर के पीछे,
सेक्टर-9ए, वाशी, नवी मुंबई – 400 703

.

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार