Friday, April 19, 2024
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कोटा में विश्व स्तरीय नवजात गहन चिकित्सा इकाई की सुविधा मिलेगी

कोटा । मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने रविवार को चिकित्सा के क्षेत्र मे नई सौगात देते हुए जयपुर से वर्चुवल समारोह में जिले में चार ऑक्सीजन जरनेशन प्लांट, एक एलएमओ, जे.के.लोन अस्पताल के नीकू वार्ड का लोकार्पण किया तथा तृतीय फेज मे बनने वाले नीकू-पीकू वार्ड का शिलान्यास किया। इस अवसर पर स्वायत्त शासन मंत्री श्री शांति धारीवाल, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा सहित जनप्रतिनिधिगण व मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

कोटा से वीसी के माध्यम से सम्भागीय आयुक्त कैलाश चन्द मीणा, जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ. विजय सरदाना, अधीक्षक एमबीएस अस्पताल डॉ. नवीनद सक्सेना, अधीक्षक जे.के.लोन अस्पताल डॉ. एचएल मीणा, अधीक्षक सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक मेडिकल कॉलेज डॉ. निलेश जैन, शिशु रोग की विभागाध्यक्ष डॉ. अमृता मयंगर सहित चिकित्सा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि जेके लोन अस्पताल में द्वितीय फेज मे पूर्व मे संचालित नवजात गहन चिकित्सा इकाई (नीकू वार्ड) एवं मदर वार्ड को रेनोवेशन एवं आधुनिकीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा 5.79 करोड़ रूपए का बजट स्वीकृत किया गया। इसमे कुल 36 बेड़ के 2 नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई ब्लॉक, 20 बेड का मदर-बेबी वार्ड, स्टेराइल सप्लाई कक्ष एवं वार्ड-साइड़ लैब, सेमिनार रूम कम स्किल लैब, डॉक्टर ड्यूटी कक्ष, ऑडियोमेट्री कक्ष, शिशुओं के परिजनों के विश्राम के लिए प्रतीक्षालय एवं बच्चों के मनोरंजन हेतु प्ले एरिया, पूर्व मे संचालित आपातकालीन वार्ड का रिनोवेशन कार्य किया गया। इसमें कुल 9900 स्क्वायर फीट क्षेत्र का कार्य करवाया गया।

शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अमृता मयंगर ने बताया कि नवनिर्मित नीकू वार्ड में नवजात शिशुओं की गंभीर से गंभीर बीमारियों में जरूरत पड़ने वाले जीवनरक्षक उपकरणों का क्रय किया गया। इनमें मुख्य रूप से 2 हार्ड फ्रीक्वेंसी नवजात वेंटिलेटर, 8 हार्ड एन्ड नवजात वेंटिलेटर, 1 पोर्टेबल सोनोग्राफी एवं कॉर्डियक इको मशीन ई.टी.ओ. मशीन, नवजात हेड कूलिंग मशीन, मल्टीपैरा मॉनिटर एवं वार्मर, फोटोथेरेपी, पल्स ऑक्सीमीटर जैसे सभी उपकरण है। इससे वर्तमान में चल रहे 78 नवजात बेड से बढकर 114 अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त नवजात बेड होने से गंभीर बीमार नवजात शिशुओं की इलाज की गुणवत्ता के स्तर में वृद्धि होगी एवं उनकी माताओं के लिए एक सुविधाजनक स्थान उपलब्ध होगा। ये सभी सुविधाएं अस्पताल में हर व्यक्ति के लिए निःशुल्क उपलब्ध होगी।

अधीक्षक डॉ. एचएल मीणा ने बताया कि जे.के.लोन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय प्रसूति एवं शिशु चिकित्सा सेवाओं के लिए संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, सवाई माधोपुर, टोंक, भीलवाड़ा जिलों एवं मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से मरीज इलाज के लिए रेफर हो कर आते है। राज्य एवं केंद्र स्तरीय समितियों द्वारा इस चिकित्सालय में मरीजों के अत्यधिक भार के आधार पर सुविधाओं के विस्तार करने एवं नवजात शिशुओं के गुणवत्तापूर्वक इलाज के लिए नवजात बेड बढ़ाने एवं तकनीकी सुविधाओं को सुदृढ़ करने की अनुशंषा की गयी थी। इस चिकित्सालय में नवजात शिशुओं की चिकित्सकीय सुविधाओं के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की 40 वार्मर बेड की अत्याधुनिक उपकरणों एवं समस्त मानकों पर खरी उतरने वाली 2900 स्क्वायर फीट की नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई का निर्माण प्रथम पेज में राज्य सरकार द्वारा 2.9 करोड़ बजट में रिकॉर्ड 29 दिन में बना कर चालू की गयी।
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