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श्रीगुरु जी और बन्दा बहादुर का मिलन
भट्ट स्वरूप सिंह कोशिश आगे बताते हैं - सम्वत् १७६५ विक्रमी की कार्त्तिक शुक्ला तृतीया के दिन वैरागी माधोदास=बन्दा सिंह को पन्थ का जत्थेदार बनाकर श्रीगुरु जी ने उसे नायक भगवन्त सिंह बंगेश्वरी के टांडे में मद्रदेश (पंजाब का प्राचीन नाम) जाने का आदेश दिया।