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चन्द्रशेखर आजाद की माँ की दुखभरी गाथा
"जिस वृक्ष के पीछे आज़ाद ने अपने प्राण त्यागे थे वह फूलों से लदा था और पेड़ पर कई जगह गरीबों ने 'आज़ाद पार्क' आदि लिख दिया था। जिसकी विधि पूर्वक देहाती लोग पूजा किया करते थे और कुछ ही दिनों में वहा एक मेला प्राय: नित्य ही लगने लगा जिससे कुपित होकर अधिकारीयों ने जड़-मूल से