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स्व. महात्मा हंसराज जी
 

  • मैं आर्य समाजी कैसे बना?

    प्रधानाध्यापक महोदय के साथ मेरा जो विवाद हुआ था उससे मेरे हृदय पर विशेष प्रभाव पड़ा और मुझे यह जानने की इच्छा हुई कि क्या हमारे पूर्वज प्रकृति के उपासक थे। अथवा केवल ईश्वर को ही मानते और पूजते थे।

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