Wednesday, April 24, 2024
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अवकाश के बीच चुनौती के माहौल में मीडिया के विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मार्दर्शन

राजनांदगांव। कोरोना के कहर के कारण लॉक डाउन के माहौल में उच्च शिक्षा के घर बैठे मार्गदर्शन की एक मजबूत कड़ी के रूप में डॉ. चन्द्रकुमार जैन सामने आये हैं। तीन दशक के बहुआयामी रचनात्मक सरोकार व सहभागिता के आलावा दस साल से नेट पर ब्लागिंग के माध्यम से अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज़ करते हुए दिग्विजय कालेज के राष्ट्रपति सम्मानित प्रोफ़ेसर डॉ. चन्द्रकुमार जैन प्रिंट और सोशल मीडिया पर अलग पहचान बनाने के बाद अब विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों को अत्यंत उपयोगी मार्गदर्शन का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। जानने और सीखने की उड़ान को डॉ. जैन परवाज़ देने में जुटे हुए हैं।

यह संयोग मात्र नहीं है कि अपने यूट्यूब पर अपने बहुआयामी वीडियोज़ से डॉ. जैन बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान आकर्षित करने में सफल हुए हैं। भाषा पर विशेष अधिकार और सम्प्रेषण कला के साथ-साथ अभिव्यक्ति की अपनी मौलिक पहचान के चलते डॉ. जैन कॅरियर और अच्छा सुनने की चाह रखने वालों की पसंद बन गए हैं। दिग्विजय कालेज के हिंदी विभाग की ताज़ा पहल के तहत डॉ. जैन स्नातकोत्तर हिंदी के विद्यार्थियों के लिए ई-क्लास लगा रहे हैं, जिसके तहत पहले ही दिन सौ फीसदी अटेंशन का रिकार्ड बनाते हुए 15 पीजी विद्यार्थियों ने लाभ उठया। ये सिलसिला एम.ए. के विद्यार्थियों के लिए जारी है। डॉ. जैन ई-लर्निंग क्लास में हिंदी साहित्य का इतिहास तथा मीडिया लेखन और अनुवाद का मार्गदर्शन कर रहे हैं।

गौरतलब है कि ऑनलाइन क्लास के साथ डॉ. चन्द्रकुमार जैन विद्यार्थियों और अपने श्रोताओं को लॉक डाउन की अवधि में शासन के निर्देशों के कड़ाई से पालन और कोरोना वायरस के कुप्रभाव के बचने की प्रेरणा भी साथ साथ दे रहे हैं। इसे वे एक सामाजिक जिम्मेदारी और राष्ट्रीय कर्तव्य की तरह निभा रहे हैं। हाल ही में डॉ. जैन ने इस कोरोना संकट के विरुद्ध जानदार अपील वाले मौलिक वीडियो भी जारी किए हैं। अन्य तथा स्वयंसेवी शासकीय प्रयासों में अपनी आवाज़ भी दी है, जिसकी भरपूर सराहना की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि डॉ. जैन ने हिंदी साहित्य के इतिहास पर आधारित एक हजार वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर की किताब भी लिखी है जिसका उपयोग आगामी पीएससी, सहायक प्राध्यापक और नेट व सेट के परीक्षाएं देने वाले अभ्यर्थी बड़ी ललक के साथ कर रहे हैं। उधर सोशल मीडिया के विविध आयामों में साहित्य, पत्रकारिता, संस्कृति के साथ ही व्यक्तित्व विकास तथा मोटिवेशन के जुड़े वीडियोज के सबस्क्राइबर्स और फॉलोवर्स लगातार बढ़ते जा रहे हैं। प्रिंट मीडिया में भी डॉ. जैन कई विषयों पर सेमिनार और संवाद का सार साझा करते हुए बरसों के पाठकों के चहेते बने हुए हैं। बहरहाल उनका आनलाइन गाइडेंस एक अलग किस का अनुभव बना हुआ है। याद रहे कि घर बैठे पढ़ाई का यह मौका ई क्लास तक ही सीमित नहीं है। डॉ. जैन सीधे संवाद में भी विद्यर्थियों को हर संभव सहयोग व प्रेरणा देते हैं। यह सिलसिला निरंतर है।

डॉ. जैन ने बताया कि अभी जो हालात हैं उनमें संस्थाएं बंद और नियमित क्लास पर पूर्ण प्रतिबन्ध है। लेकिन आगामी परीक्षाओं के मद्देनज़र डॉ. जैन विद्यार्थियों को हरसंभव मदद कर रहे हैं। विद्यार्थियों के हित और उनके ज्ञानवर्धन के लिए वे मोबाइल पर और कम्प्यूटर पर सीधे संवाद को भी अहमियत देते हैं।

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