Saturday, April 20, 2024
spot_img
Homeजियो तो ऐसे जियोबहादुर युवती अपूर्वा की पुकार सुनी प्रभुजी ने, मनचलों को जेल भिजवाया

बहादुर युवती अपूर्वा की पुकार सुनी प्रभुजी ने, मनचलों को जेल भिजवाया

भोपाल की अपूर्वा चतुर्वेदी ट्रेन में वे खुद तो मनचलों पर भारी पड़ी हीं, रेलवे ने भी उनकी मदद कर उन्हें परेशान कर रहे लोगों को जेल भिजवा दिया। उनके एक ट्वीट पर रेल मंत्रालय ने कार्रवाई करते हुए आधे घंटे के अंदर परेशान करने वाले युवकों को जेल भिजवा दिया और भोपाल से मुंबई तक इस बात का ध्यान रखा कि वे सुरक्षित रहें। अपूर्वा की बहादुरी की कहानी, उन्हीं की जुबानी…

10-12 लोग हल्ला मचा रहे थे…
7 फरवरी को मैं अपने भाई अभिषेक के साथ पंजाब मेल से भोपाल से मुंबई जा रही थी। हमें एस-7 कोच में 67 और 69 बर्थ मिली थीं। कोच में चढ़ते ही हमें आसपास बैठे कुछ सभ्य लोगों ने वहां हल्ला मचा रहे करीब 10-12 लोगों के बारे में बताया। वे भी उनसे परेशान थे, लेकिन उन्हें कुछ देर में उतरना था, इसलिए उन्होंने शिकायत नहीं की। थोड़ी देर में वे उलजलूल बातें करने लगे। हमारे ऊपर अप्रत्यक्ष रूप से कमेंट करने लगे, मुझे घूरने लगे। हमें ये सब काफी असहज लग रहा था। थोड़ी देर बाद भाई वाश रूम गया, तो उनमें से एक शख्स ने वहां से निकलते हुए मुझे छूने की कोशिश की। इस बार मैंने उसे जोर से डांटा और थप्पड़ मारने की धमकी दी। इस बात पर उसके साथ बैठे किसी भी शख्स ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और न ही किसी अन्य यात्री ने। मैंने उस शख्स के साथ यात्रा कर रहे अन्य लोगों को भी डांटा। भाई वापस आया तो मैंने उसे इस बारे में बताया।

image (2)हमने सुरेश प्रभु को ट्वीट करने के बारे में सुना था। नेटवर्क बार-बार जा रहा था, तो भाई ने अपने एक दोस्त को मैसेज कर उसकी आईडी से यह ट्वीट करने को कहा। ट्विट करते ही पांच मिनट के अंदर सुरेश प्रभु के ट्विटर एकाउंट से हमें मैसेज आ गया और एक ज्यादा समस्या होने पर एक नंबर पर बात करने को कहा। इस बीच मैंने टीसी को भी इस बारे में बताया तो टीसी ने उन्हें डांट दिया और उनकी वेटिंग टिकट का कहकर अपनी मजबूरी बता दी। इटारसी स्टेशन आते ही चार-पांच पुलिस वाले आए और मुझसे बात की। मैंने पास बैठे उन लोगों के बारे में बताया, तो मुझे छूने की कोशिश करने वाला लड़का भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस ने सभी को पकड़ा और धुनाई की। इसके बाद उन सब ने मुझसे माफी मांगी।

रेलवे के प्रति बढ़ा सम्मान
यहां तक तो ठीक था, लेकिन मेरे मन में रेलवे के लिए सम्मान इसलिए और बढ़ गया क्योंकि इटारसी से मुंबई तक हर स्टेशन पर पुलिस मेरे पास आती थी। हर स्टेशन पर पुलिस मुझसे पूछती थी कि मैं सुरक्षित हूं या नहीं। वेटिंग टिकट यात्रा करने वाले उन मनचलों ने रात में कई बार आकर मुझसे माफी मांगी। मुंबई स्टेशन पर भी पुलिस ने ध्यान रखा।

एक आर्ट कंपनी में क्रिएटिव हेड है अपूर्वा
अपूर्वा मूल रूप से भोपाल की रहने वाली हैं। वे मुंबई की इकराम अख्तर फिल्म कंपनी में क्रिएटिव हेड हैं। वहीं अपूर्वा के भाई मुंबई में थिएटर आर्टिस्ट हैं। दोनों छुट्टियां मनाने भोपाल आए हुए थे।

साभार- दैनिक भास्कर से

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार