Saturday, April 20, 2024
spot_img
Homeभारत गौरवब्राह्मण रेजिमेंट ने अंग्रेजों की नींद हराम कर दी थी

ब्राह्मण रेजिमेंट ने अंग्रेजों की नींद हराम कर दी थी

ब्रिटिश काल में ब्राह्णण रेजिमेंट का गठन किया गया था, इसका भी रोचक इतिहास है ।
पहली ब्राह्मण रेजिमेंटकी स्थापना १७७६ [1776] में हुई थी। इस रेजिमेंट में भूमिहार ब्राह्मण, मोहयाल ब्राह्मण और पंजाबी सारस्वत ब्राह्मण होते थे। इसके बाद बंगाल रेजिमेंट रक्षक की स्थापना हुइ थी, जो नाम की ही बंगाल थी। इसमें 90 % सैनिक भूमिहार ब्राह्मण थे जो पूर्वांचल के होते थे। ये आज भी अपने नाम के आगे सिंह लगाते है।

1942 में ब्राह्मण रेजिमेंट को बंद कर दिया गया और बंगाल रेजिमेंट में भी भूमिहार ब्राह्मणों की भर्ती पर रोक लगा दी गई। इसका कारण था 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में ब्राह्मणों का महत्वपूर्ण योगदान ; 1942 में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध अंग्रेजों भारत छोड़ो अभियान तथा प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटिश सकरार के लिए लड़ने से मना कर देना।

ब्रिटिश ये समझ चुके थे कि आजादी के लिए लड़ाई और नेतृत्व करने में ब्राह्मण ही सबसे आगे रहते हैं। 1857 में मंगल पांडेय का सैनिक छावनी में विद्रोह , नाना साहेब का लखनऊ और कानपुर की रियासत पर अधिकार , रानी लक्ष्मीबाई और तात्या टोपे का मराठा सैनिकों का नेतृत्व अंग्रेजों की नीव हिला चुका था। इसके साथ भारत रिपब्लिकन आर्मी के मुखिया पंडित चंद्रशेखर तिवारी [ आज़ाद ] , बिस्मिल , राजगुरु , बी के दत्ता और महान क्रांतिकारी और विचारक वीर सावरकर आदि भी ब्राह्मण ही थे और इन्होने ब्रिटिश सरकार को बहुत नुकसान पहुंचाया।

इन सब आजादी के महान क्रांतिकारियों और ब्राह्मणों के बढ़ते योगदान को विचार करते हुए ब्रिटिश सरकार ने यह निर्णय लिया कि ये ब्राह्मणों की ब्रिटिश सेना में भर्ती उनके लिए नुकसानदायक हो सकती है क्योकि ये कभी टुकड़ी का नेतृत्व कर सकते है और विद्रोह कर सकते है। इसलिए उन्होंने ब्राह्मण रेजिमेंट बंद कर दी और बंगाल रेजिमेंट में भी ब्राह्मणों की भर्ती बंद कर दी। आजादी मिलने तक सेना में इसी परंपरा को कायम रखा गया और आज भी सेना में ब्राह्मण रेजिमेंट नहीं है।

साभार- https://www.facebook.com/Jambudwip/ से

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार