Wednesday, April 24, 2024
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आधार के साथ आएगा वर्चुअल आईडी

पिछले दिनों आधार कार्ड की सुरक्षा को लेकर आई खबरों के बाद अब इसकी सुरक्षा को और बेहतर करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने वर्चुअल आईडी से आधार को सुरक्षित करने की घोषणा की है।

वर्चुअल आईडी की सुविधा 1 मार्च से मिलनी शुरू हो जाएगी। हालांकि 1 जून से सभी एजेसियों के लिए अनिवार्य हो जाएगा कि वह वर्चुअल आईडी को स्वीकार करें। यदि कोई एजेंसी इसके बाद वर्चुअल आइडी स्वीकार करने से इन्कार करती है, तो उस पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया जाएगा।

क्या है वर्चुअल आईडी

वर्चुअल आईडी दरअसल एक 16 अंको का कोड होगा जो आधार नंबर की जगह उपयोग किया जा सकेगा। इसके चलते सुविधाओं का लाभ लेने के लिए 12 अंकों वाला आधार नंबर देना अनिवार्य नहीं होगा। इसके बदले लोग वर्चुअल आइडी का इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे लोगों की पहचान सुरक्षित रहेगी। साथ ही “अपने ग्राहक को जानो” की सुविधा को भी सीमित किया जाएगा। वर्चुअल आइडी हर जगह आधार नंबर देने की मजबूरी खत्म कर देगी। इससे आधार के विवरण मसलन नाम, उम्र, पता आदि भी सुरक्षित रखे जा सकेंगे।

कैसे करें जनरेट

आधार की जगह वर्चुअल आईडी जनरेट करने के लिए आधार कार्ड धारक को यूआईडीएआई की वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट पर एक टैब दिया जाएगा जिसके माध्यम से आप अपना वर्चुअल आईडी जनरेट कर सकेंगे। यह वर्चुअल आईडी अनगिनत बार जनरेट किया जा सकेगा और नया आईडी जनरेट होते ही पुराना बेकार हो जाएगा। इसकी खास बात यह रहेगी कि वर्चुअल आइडी की नकल नहीं की जा सकेगी।

यूआईडीएआई ने कहा कि एक मार्च से यह सुविधा शुरू हो जाएगी, लेकिन 1 जून से सभी एजेंसियों को इसे लागू करने के लिए व्यवस्था करना अनिवार्य होगा।

नई प्रणाली के तहत, आधार धारकों को अब सत्यापन के लिए अपने आधार कार्ड नंबर को देने की जरूरत नहीं होगी, इसके बदले धारक 16 अंकों का वर्चुअल आईडी नंबर जारी करेंगे जिसका इस्तेमाल आधिकारिक एजेंसी जैसे बैंक और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ किया जा सकता है।

यूआईडीएआई ने एक सर्कुलर जारी कर कहा, “वर्चुअल आईडी 16 अंकों का अस्थायी नंबर होगा जो आधार के खाका से निर्मित होगा। वर्चुअल आईडी से किसी भी तरह आधार की जानकारी नहीं ली जा सकेगी।”

यूआईडीएआई ने आधार एजेंसियों के लिए ‘सीमित केवाईसी (अपने ग्राहकों को जानों)’ लांच की है, जिसमें यूआईडीएआई हर आधार नंबर के लिए एक टोकन जारी करेगी। इस टोकन की मदद से एजेंसियां आधार डिटेल को सत्यापित कर सकेगी। यह टोकन नंबर हर आधार नंबर के लिए अलग होगा और एजेंसियां इस संबंध में आसानी से पेपरलेस कार्य कर सकेंगी।

सर्कुलर के अनुसार, “इसके लिए हालांकि लोगों को 1 मार्च तक का इंतजार करना होगा क्योंकि यूआईडीएआई इस दौरान इसके लिए जरूरी एप्लिकेशन जारी करेगी और 1 जून से हर हाल में सभी एजेंसियों को यह लागू करना होगा।

सर्कुलर के अनुसार, वर्चुअल आईडी एक खास समय के लिए ही मान्य होगा और जब भी प्रयोगकर्ता नए आईडी को जारी करेंगे, पहले का बनाया आईडी खुद ब खुद रद्द हो जाएगा।

यूआईडीएआई ने कहा, “आधार नंबर जीवन भर के लिए एक स्थायी आईडी है। आधार नंबर धारकों द्वारा इसके लगातार प्रयोग के लिए कार्यतंत्र बनाए जाने की जरूरत है जिससे कि डाटाबेस में बेहतर संग्रहण और भंडारण की सुरक्षा हो सके।”

सर्कुलर के अनुसार, “यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है ताकि आधार कार्ड धारक अपनी पहचान सूचना का प्रयोग उत्पाद खरीदने व सेवा का लाभ लेने में कर सके। कई एजेंसियों द्वारा आधार नंबर के संग्रहण और भंडारण ने गोपनीयता की चिंता को बढ़ा दिया था।”

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