Wednesday, April 24, 2024
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पश्चिम रेलवे द्वारा कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान 730 पार्सल विशेष ट्रेनों का सफ़ल परिचालन

कोरोना महामारी के कठिनतम समय के दौरान भी अत्यावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को बनाए रखने के लिए पश्चिम रेलवे की पार्सल विशेष ट्रेनें देश के विभिन्न स्थानों तक लगातार चल रही हैं। विभिन्न बाधाओं और श्रम शक्ति की कमी के बावजूद, पश्चिम रेलवे द्वारा लॉकडाउन के दौरान 23 मार्च से 6 दिसम्बर, 2020 तक, लगभग 1.94 लाख टन वजन वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 730 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस परिवहन के माध्यम से होने वाली राजस्व आय लगभग 66.18 करोड़ रु. रही है। इसके अंतर्गत पश्चिम रेलवे द्वारा 130 दुग्ध विशेष रेलगाड़ियां चलाई गईं, जिनमें 99,000टन से अधिक भार के साथ वैगनों का 100% उपयोग सुनिश्चित किया गया। इसी तरह, लगभग 60 हज़ार टन आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 521 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी चलाई गईं। इनके अलावा, लगभग 34,000 टन के भार के लिए 100% उपयोग के साथ 76 इंडेंटेड रेक भी चलाये गये। हाल ही में कुल 530 टन के भार वाली तीन किसान रेल सेवाऍं भी पश्चिम रेलवे से चलाई गईं। 22 मार्च से 6 दिसम्बर, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे पर मालगाड़ियों के 23,690 रेकों का उपयोग 51.99 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 47,475 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलों के साथ जोड़ा गया, जिनमें 23,759 ट्रेनें सौंपी गईं और 23,716 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। इसी क्रम में 7 दिसम्बर, 2020 को दो पार्सल विशेष ट्रेनें पश्चिम रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से रवाना हुईं, जिनमें एक पार्सल स्पेशल बांद्रा टर्मिनस से जम्मू तवी के लिए चलाई गई, जबकि एक दूध विशेष ट्रेन पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए रवाना हुई।

लॉकडाउन के फलस्वरूप यात्री राजस्व का नुक़सान

कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर यात्री राजस्व का कुल नुकसान लगभग 3454 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 547 करोड़ रुपये और गैर- उपनगरीय के लिए 2907 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद1 मार्च से 6 दिसम्बर,2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के कारण, पश्चिम रेलवे ने 535 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 264 करोड़ रुपये का रिफंड भुगतान सुनिश्चित किया है। अब तक, 83.39 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी किराया वापसी राशि प्राप्त की है।

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