Friday, April 19, 2024
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दैनिक जागरण ने जारी की हिंदी की सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तकों की सूची

दैनिक जागरण समूह ने हिंदी साहित्य जगत में ऐतिहासिक पहल शुरू की है। इस कड़ी में समूह ने बुधवार शाम हिंदी की सर्वाधिक बिकने वाली (हिंदी बेस्टसेलर) की पहली सूची जारी की, जिसका लोकार्पण दैनिक जागरण समूह के प्रधान संपादक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय गुप्त और विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. नरेंद्र कोहली ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली स्थित विवांता बाई ताज एंबेसेडर होटल में किया गया।

किताबों की इस सूची तीन श्रेणियों में बांटी गई है कथा, कथेतर और अनुवाद। प्रत्येक श्रेणी में सबसे ज्यादा बिकने वाली दस किताबों को शामिल किया गया है।

कथा श्रेणी में पहले स्थान पर युवा रचनाकार सत्य व्यास लिखित और हिन्द युग्म वेस्टलैंड द्वारा प्रकाशित किताब ‘दिल्ली दरबार’ को पहला स्थान मिला, जबकि रवीश कुमार की ‘इश्क में शहर होना’ इस सूची मे छठे स्थान पर रही।

कथेतर श्रेणी में पहला स्थान दीप त्रिवेदी की किताब ‘मैं मन हूं’ को मिला है। इसी सूची में आम आदमी पार्टी के नेता और कवि कुमार विश्वास की‘कोई दीवाना कहता है’ छठे और गीतकार जावेद अख्तर की ‘लावा’ ने आठवां स्थान हासिल किया।

वहीं अनुवाद श्रेणी में देवदत्त पटनायक लिखित एवं पेंगुइन द्वारा प्रकाशित किताब ‘देवलोक देवदत्त पटनायक के संग’ को रखा गया है, जबकि चेतन भगत की ‘वन इंडियन गर्ल’ को आठवां और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की ‘मेरी जीवन यात्रा’ नौवें स्थान पर रही।

सभी किताबे चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून तक की अवधि में बिक्री के आंकड़ों के आधार पर चयनित की गई हैं।

बता दें कि दैनिक जागरण ने विश्व प्रसिद्ध एजेंसी नीलसन के साथ मिलकर यह सूची तैयार की है, जोकि अब हर तीन महीने में जारी की जाएगी। यह सूची 39 हिंदी भाषी शहरों के पुस्तक विक्रेताओं से आंकड़े जमा करने के बाद तैयार की गई है। इस सूची में उन्हीं किताबों को शामिल किया गया है जिनका पहला संस्करण एक जनवरी, 2011 या उसके बाद प्रकाशित हुआ है।

इस मौके पर दैनिक जागरण समूह के प्रधान संपादक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय गुप्त ने कहा, ‘हिंदी का विस्तार तब तक नहीं हो सकता है जब तक इसमें विचारों और संस्कृतियों का समावेश नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि विश्व की चौथी सबसे बड़ी भाषा होने के बावजूद इसके प्रसार की दिशा में कभी कोई संगठित प्रयास नहीं किया गया। यही वजह है कि आज हिंदी पर अंग्रेजीदां हावी हो रहे हैं। न्यायपालिका और वाणिज्यिक क्षेत्र में तो एक प्रकार से अंग्रेजी का वर्चस्व स्थापित है। ऐसे में दैनिक जागरण समूह हिंदी प्रेमियों, लेखकों और प्रकाशकों के साथ लेकर विशेष मुहीम शुरू करेगा।’

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