Saturday, April 20, 2024
spot_img
Homeखबरेंसम्राट अशोेक के बुध्दं शरणं गच्छामि ने लिखी भारत की गुलामी की...

सम्राट अशोेक के बुध्दं शरणं गच्छामि ने लिखी भारत की गुलामी की दास्तान

राजस्थान के वनवासी कल्याण आश्रम की पत्रिका ‘ बप्‍पा रावल’ में दावा किया गया है कि अशोक के बौद्ध धर्म अपना लेने और अहिंसा को बढ़ावा देने के कारण भारत की सीमाएं विदेशी आक्रमणकारियों के खुल गई। अशोक के राज में बौद्ध धर्म ने देशद्रोह का काम करते हुए यूनानी आक्रांताओं की मदद की। उनका सोचना था कि ऐसा होने से वैदिक धर्म समाप्‍त हो जाएगा और बौद्ध धर्म का दबदबा बढ़ेगा। लेख में बौद्ध अपनाने से पहले अशोक की महानता का जिक्र किया गया है। हालांकि इसमें आगे लिखा गया कि धर्मांतरण के बाद अशोक ने अहिंसा से जुड़े सिद्धांतों का कुछ ज्‍यादा ही प्रचार किया।

लेख के अनुसार, ”यह भारत का दुर्भाग्‍य था कि सम्राट अशोक जो भारत की अवनति का कारण बने उन्‍हें महान के रूप में पूजा जाता है। बेहतर होता यदि भगवान बुद्ध की तरह सम्राट अशोक भी राजपाट छोड़ देते, साधु बन जाते और बौद्ध धर्म का प्रचार करते। ऐसा होने पर भारत को कठिनाई नहीं झेलनी पड़ती। लेकिन ऐसा करने के बजाय उन्‍होंने पूरे देश साम्राज्‍य को बौद्ध धर्म के प्रचार का केंद्र बना दिया। मगध के बौद्ध नेताओं के कारण यूनानी आक्रांता भारत पर फिर से कब्‍जा करने आए। बौद्ध साधुओं ने अपने अनुयायियों में यह देशद्रोहपूर्ण और भारत विरोधी प्रचार किया कि बौद्ध धर्म देश या जाति को नहीं मानता। जब भी बौद्ध धर्म से सहानुभूति रखने वाले विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत पर हमला किया तो बौद्धों ने लड़ने के बजाय उनका साथ दिया।”

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार