Tuesday, March 19, 2024
spot_img
Homeखबरेंकश्मीरी फाईल्स ने खोली दर्द की अनकही दास्तानें

कश्मीरी फाईल्स ने खोली दर्द की अनकही दास्तानें

“मेरे परिवार में कोई भी इस बारे में बात नहीं करना चाहता था। आज भी जब फिल्म रिलीज हुई, पूरे देश के लोग कश्मीरी पंडितों को सपोर्ट कर रहे हैं और सुन रहे हैं कि उस समय क्या हुआ था, तब जाकर मेरे माता-पिता ने इस बारे में बात की।”

बीके गंजू (BK Ganjoo) वह नाम है, जिनकी कहानी विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files)’ में भी दिखाई गई है। उनकी हत्या करने के बाद उनके खून से सना चावल खाने के लिए उनकी पत्नी को मजबूर किया गया था। अब एक वीडियो सामने आया है जिससे पता चला है कि गंजू की पत्नी और उनकी बेटियाँ आज भी उस ट्रॉमा से बाहर नहीं आ पाई हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में एक लड़की बता रही है कि फिल्म में जो शख्स चावल के ड्रम में छिपे थे वह उसके अंकल थे। आगे वह कहती है कि बीके गंजू की मैं भांजी हूँ। वह मेरी मॉं के बहनोई थे। मैं बताते वक्त काँप रही हूँ, क्योंकि मैं पहली बार खुलेआम इस पर बात कर रही हूँ।

लड़की ने आगे बताया कि मेरे परिवार में कोई भी इस बारे में बात नहीं करना चाहता था। आज भी जब फिल्म रिलीज हुई, पूरे देश के लोग कश्मीरी पंडितों को सपोर्ट कर रहे हैं और सुन रहे हैं कि उस समय क्या हुआ था, तब जाकर मेरे माता-पिता ने इस बारे में बात की। मैंने उनसे पूछा कि उस समय आखिर क्या हुआ था। उन्होंने बताया कि गंजू की पत्नी और उनकी बेटियाँ अभी भी उस ट्रॉमा से बाहर नहीं आ पाई हैं। अब इस बारे में जानने के बाद लगा कि यह हमारे परिवार के लिए हीलिंग जैसा है, इसलिए इतने सालों से कोई भी इसके बारे में बात नहीं करना चाहता था।

मालूम हो कि बीके गंजू इंजीनियर थे। 19 मार्च 1990 को आतंकी बीके गंजू की हत्या करने उनके घर पर पहुँचे थे। इन आतंकियों में बिट्टा कराटे भी शामिल था। जब बीके गंजू को पता चला कि आतंकी उन्हें मारने के लिए उनके घर आ धमके हैं तो वह जान बचाने के लिए घर की तीसरी मंजिल में रखे चावल के ड्रम में छिप गए। आतंकी गंजू को नहीं खोज पाए। लेकिन उनके मुस्लिम पड़ोसी ने आतंकियों को बताया कि वह चावल के ड्रम में छिपे हैं। इसके बाद आतंकियों ने ड्रम पर ताबड़तोड़ गोलियाँ चलाकर उनकी हत्या कर दी थी। उन्होंने गंजू पर सरकार का मुखबिर होने का आरोप भी लगाया था। यही नहीं उनके खून से सने चावल उनकी पत्नी को खिलाए थे।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार